रांची: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य खाद्य आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि प्रतिवेदन के जरिए अयोग यह बताए कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को शत प्रतिशत क्रियान्वित करने में राज्य और केंद्र सरकार से कितना और किस प्रकार का सहयोग मिल रहा है. राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलने पहुंचे राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी और सदस्य शबनम परवीन को राज्यपाल ने यह निर्देश दिया गया.
वर्ष 2020-2022 का प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपाः राज्यपाल ने आयोग के अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर वे राज्य और केंद्र सरकार से बातचीत कर कमियों को दूर कराने की दिशा में सहयोग करेंगे. मुलाकात के दौरान आयोग के अध्यक्ष और सदस्य ने राज्य खाद्य आयोग द्वारा प्रकाशित और झारखंड विधानसभा में समर्पित वर्ष 2020- 22 का वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपा.
जहां से शिकायतें आ रही हैं, वहां रखें जनसुनवाई कार्यक्रमः इस दौरान आयोग के अध्यक्ष ने राज्यपाल को विगत दिनों आयोग के द्वारा किए गए कार्यों और कार्य बल से संबंधित प्रतिवेदन भी समर्पित किया है. मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने आयोग के अध्यक्ष को यह भी निर्देशित किया कि भविष्य में अन्य जिलों में आयोजित होने वाले मुखिया संवाद कार्यक्रम, सुनवाई और जनसुनवाई उन प्रखंडों में रखा जाए, जहां से पीडीएस, आंगनबाड़ी, कुपोषण और मध्याह्न भोजन से संबंधित ज्यादा शिकायतें आ रही हों.
साहिबगंज के बोरियो में मुखिया संवाद में खुद मौजूद रहेंगे राज्यपालः राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आयोग द्वारा राज्य के नौ जिलों में हुए मुखिया संवाद सुनवाई, जनसुनवाई और स्थल निरीक्षण के कार्यों की सराहना की. साथ ही उन्होंने कहा कि मुखिया संवाद कार्यक्रम में वह स्वयं उपस्थित होकर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं. इसके लिए जून महीने में साहिबगंज के बोरियो प्रखंड में मुखिया संवाद कार्यक्रम निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है. इस मौके पर राज्यपाल ने आयोग द्वारा जारी व्हाट्सएप नंबर 9142612194 पर शिकायत दर्ज करने की पहल की और आयोग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत प्राप्त करने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करने जैसे कार्यों की सराहना की.