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तमिलनाडु में झारखंड के पांच मजदूरों के साथ मारपीट-पैसे छीने, सीएम से मदद की गुहार, ईटीवी भारत से साझा की पीड़ा

तमिलनाडु में झारखंड के पांच मजदूरों के साथ मारपीट की घटना हुई है. इतना ही नहीं उनके पैसे छीन लिए गए. इसको लेकर ईटीवी भारत अपनी पीड़ा साझा करते हुए सीएम से मदद की गुहार लगाई है.

Five workers of Jharkhand assaulted in Tamil Nadu
झारखंड
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Published : Jul 15, 2022, 1:51 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 2:49 PM IST

रांचीः तमिलनाडु में झारखंड के पांच मजदूरों के साथ मारपीट की गई है. उनके मेहनत की कमाई जबरन ले ली गई है. यह घटना कांचीपुरम जिला के श्रीपेरंबदूर तालुका में पड़ाप्पाई स्थित विशा इंडस्ट्रियल प्लास्टिक्स की है. 15 जुलाई की अहले सुबह पांचों मजदूर वहां से भागकर एक परिचित के यहां छिपे हुए हैं. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर ठेकेदार अपने गुर्गों के साथ खोजते हुए उनतक पहुंचा तो उनके साथ कुछ भी हो सकता है. तमिलनाडु में फंसे जयराम लोहरा, राजबीर उरांव, विकास साहू, बलिराम कुमार और बिरसु उरांव मांडर और बेड़ो के रहने वाले हैं. इन सभी ने ईटीवी भारत से फोन पर अपनी तकलीफ साझा कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इंसाफ दिलाने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- श्रीलंका में फंसे झारखंड के मज़दूर, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सरकार से मांगी मदद

जयराम लोहरा और विकास साहू ने बताया कि उनका दोस्त बिरसु उरांव उसी फैक्ट्री में पहले से काम कर रहा था. उसी के कहने पर जयराम, राजबीर, विकास और बलिराम भी दो पैसे कमाने के लिए वहां 24 मई को गये थे. उनकी मुलाकात स्थानीय ठेकेदार रेमो एलेक्स से हुई. उसने सभी को विशा इंडिस्ट्रियल प्लास्टिक्स में प्रति दिन 500 रुपया मेहनताना सुनिश्चित कराया. 24 मई से 31 मई पूरा होने से ठेकेदार ने पूरे पैसे युवकों के अकाउंट में ट्रांफसर करवाए. इसके बाद 1 जून से 30 जून तक काम किया. 13 जुलाई को ठेकेदार ने पांचों दोस्तों के कुल मेहनताना 55 हजार रुपया बलिराम के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. लेकिन 14 जुलाई को गांव में धनरोपनी के लिए बिरसु, विकास और बलिराम वहां ट्रेन पकड़ने के लिए निकल पड़े. दूसरी तरफ जयराम और राजबीर वहीं रुक गये.

ईटीवी भारत की मजदूरों से फोन पर बातचीत

इसकी जानकारी मिलते ही ठेकेदार रेमो एलेक्स अपने गुर्गों के साथ पहुंचा और दोनों की पिटाई की. फिर इन्हीं से फोन करवाकर तीनों को वापस आने को कहा. ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी. मुसीबत में फंसे दो दोस्तों को बचाने के लिए तीनों दोस्त फैक्ट्री लौट गये. इसके बाद ठेकेदार ने बलिराम को खूब पीटा और उसके मोबाइल से 55 हजार रुपया ट्रांसफर करवा लिया. पांचों दोस्तों ने डर के साये में 14 जुलाई की रात गुजारी और अहले सुबह वहां से भाग निकले. फिलहाल पांचों दोस्त घटनास्थल से करीब 20 किलोमीटर दूर राजबीर के भाई के पास शरण लिए हुए हैं. राजबीर का भाई वहां पेंटिंग का काम करता है.

झारखंड के प्रवासी मजदूरों तक राहत पहुंचाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने श्रम विभाग के कंट्रोल रूम में संपर्क किया तो वहां से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला. कंट्रोल रूम से मजदूरों का डिटेल मांगा गया. ईटीवी भारत की टीम ने तमिलनाडु में फंसे मजदूरों को रांची स्थित कंट्रोल रूम का फोन नंबर 0651-2480058 0651-2480083, 0651-2482052 और व्हाट्सएप नंबर 9431336432, 9470132591 मुहैया करा दिया है.

रांचीः तमिलनाडु में झारखंड के पांच मजदूरों के साथ मारपीट की गई है. उनके मेहनत की कमाई जबरन ले ली गई है. यह घटना कांचीपुरम जिला के श्रीपेरंबदूर तालुका में पड़ाप्पाई स्थित विशा इंडस्ट्रियल प्लास्टिक्स की है. 15 जुलाई की अहले सुबह पांचों मजदूर वहां से भागकर एक परिचित के यहां छिपे हुए हैं. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर ठेकेदार अपने गुर्गों के साथ खोजते हुए उनतक पहुंचा तो उनके साथ कुछ भी हो सकता है. तमिलनाडु में फंसे जयराम लोहरा, राजबीर उरांव, विकास साहू, बलिराम कुमार और बिरसु उरांव मांडर और बेड़ो के रहने वाले हैं. इन सभी ने ईटीवी भारत से फोन पर अपनी तकलीफ साझा कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इंसाफ दिलाने की मांग की है.

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जयराम लोहरा और विकास साहू ने बताया कि उनका दोस्त बिरसु उरांव उसी फैक्ट्री में पहले से काम कर रहा था. उसी के कहने पर जयराम, राजबीर, विकास और बलिराम भी दो पैसे कमाने के लिए वहां 24 मई को गये थे. उनकी मुलाकात स्थानीय ठेकेदार रेमो एलेक्स से हुई. उसने सभी को विशा इंडिस्ट्रियल प्लास्टिक्स में प्रति दिन 500 रुपया मेहनताना सुनिश्चित कराया. 24 मई से 31 मई पूरा होने से ठेकेदार ने पूरे पैसे युवकों के अकाउंट में ट्रांफसर करवाए. इसके बाद 1 जून से 30 जून तक काम किया. 13 जुलाई को ठेकेदार ने पांचों दोस्तों के कुल मेहनताना 55 हजार रुपया बलिराम के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. लेकिन 14 जुलाई को गांव में धनरोपनी के लिए बिरसु, विकास और बलिराम वहां ट्रेन पकड़ने के लिए निकल पड़े. दूसरी तरफ जयराम और राजबीर वहीं रुक गये.

ईटीवी भारत की मजदूरों से फोन पर बातचीत

इसकी जानकारी मिलते ही ठेकेदार रेमो एलेक्स अपने गुर्गों के साथ पहुंचा और दोनों की पिटाई की. फिर इन्हीं से फोन करवाकर तीनों को वापस आने को कहा. ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी. मुसीबत में फंसे दो दोस्तों को बचाने के लिए तीनों दोस्त फैक्ट्री लौट गये. इसके बाद ठेकेदार ने बलिराम को खूब पीटा और उसके मोबाइल से 55 हजार रुपया ट्रांसफर करवा लिया. पांचों दोस्तों ने डर के साये में 14 जुलाई की रात गुजारी और अहले सुबह वहां से भाग निकले. फिलहाल पांचों दोस्त घटनास्थल से करीब 20 किलोमीटर दूर राजबीर के भाई के पास शरण लिए हुए हैं. राजबीर का भाई वहां पेंटिंग का काम करता है.

झारखंड के प्रवासी मजदूरों तक राहत पहुंचाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने श्रम विभाग के कंट्रोल रूम में संपर्क किया तो वहां से बहुत अच्छा रिस्पांस मिला. कंट्रोल रूम से मजदूरों का डिटेल मांगा गया. ईटीवी भारत की टीम ने तमिलनाडु में फंसे मजदूरों को रांची स्थित कंट्रोल रूम का फोन नंबर 0651-2480058 0651-2480083, 0651-2482052 और व्हाट्सएप नंबर 9431336432, 9470132591 मुहैया करा दिया है.

Last Updated : Jul 15, 2022, 2:49 PM IST
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