रांचीः कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची रेलवे स्टेशन और हटिया रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. स्थिति यह है कि पिछले एक सप्ताह में राजधानी रांची के तीन जगहों पर सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित यात्री मिल चुके हैं.
यह भी पढ़ेंःभयावह है कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के आंकड़े, एक्टिव केस 223 में से 103 को है सिम्प्टोमैटिक
सिविल सर्जन (Civil Surgeon) डॉ. विनोद कुमार ने ईटीवी भारत के एक सवाल के जवाब में कहा कि रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर कोरोना संक्रमित मिलते हैं, तो उन्हें सरकार के क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती होना है. लेकिन, क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने के बदले भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार की शाम एयरपोर्ट पर 5 कोरोना संक्रमित मिले, जो भाग गए. उन्होंने कहा कि बिना पुलिस और प्रशासन की मदद लिए डॉक्टर कुछ नहीं कर सकते हैं.
नहीं हो रहा विभागीय आदेश का पालन
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिन रेल और हवाई यात्रियों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलते हैं, उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर या कोविड केयर सेंटर में भर्ती करना अनिवार्य है. लेकिन, ऐसा हो नहीं रहा है. स्थिति यह है कि कागज पर राजधानी रांची में 100 से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस हैं, जिसमें सिर्फ 5 मरीजों का इलाज कोरोना केयर सेंटर में चल रहा हैं.
संक्रमितों को आइसोलेट करने की जिम्मेदारी डॉक्टरों की नहीं
सिविल सर्जन ने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य के आदेश का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमितों की पहचान स्वास्थ्य विभाग कर लेगा, लेकिन संक्रमितों को आइसोलेट करना और अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेवारी डॉक्टर की नहीं, बल्कि पुलिस और जिला प्रशासन की है.