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ग्रीन एनर्जी को लेकर झारखंड में देश का पहला हाइड्रोजन आधारित उद्योग लगाने की तैयारी, टाटा के साथ उद्योग विभाग का होगा एमओयू - Jharkhand news

देश का पहला हाइड्रोजन आधारित उद्योग जमशेदपुर में लगने वाला है. इसे लेकर शुक्रवार को झारखंड सरकार और टाटा के बीच एमओयू साइन किया जाएगा.

first hydrogen based industry
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2023, 9:15 PM IST

रांची: ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. टाटा के सहयोग से जमशेदपुर में देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना होनी वाली है. शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में उद्योग विभाग और टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा.लि.के बीच एमओयू होगा. 354.28 करोड़ रुपए के निवेश से बनने वाला यह हाइड्रोजन ईंधन से जुड़ा उद्योग देश का पहला उद्योग होगा जो ग्रीन एनर्जी के लिए काम करेगा.

ये भी पढ़ें: जमशेदपुर में हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी इंजन उत्पादन की इकाई लगाएगी टाटा, जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य पाने के लिए महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा पिछले महीने 28 जुलाई को इससे संबंधित प्रस्ताव पर सहमति दी गई थी. जानकारी के मुताबिक टाटा मोटर्स लिमिटेड और क्यमेंस इंक यूएसए के संयुक्त उपक्रम टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जमशेदपुर पूर्वी सिंहभूम में हाइड्रोजन इंटरनल कमबस्टन इंजन, फ्यूल एगनोस्टिक इंजन, एडवांस केमिस्ट्री बैट्री, एच2 फ्यूल सेल और एच2 फ्यूल डिलेवरी सिस्टम का निर्माण और उत्पादन के लिए इकाई की स्थापना होगी. इसके लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी एवं हाई पावर कमेटी की स्वीकृत की प्रत्याशा में इस निवेश के प्रस्ताव पर एमओयू करने की सहमति मुख्यमंत्री द्वारा दी जा चुकी है.

झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत बनने वाले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े इस उद्योग में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा. जिसकी क्षमता 4000+ हाइड्रोजन आईसी इंजन और फ्यूल अग्नोस्टिक इंजन के अलावा 10000+ बैटरी सिस्टम का है. इस कार्य में हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा जिसका लाभ आने वाले समय में पूरे देश को होगा.

गौरतलब है कि झारखंड सहित पूरे देश भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है. हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है जिसकी क्षमता अन्य इंधनों के अपेक्षा अधिक होती है. इसका एनर्जी लेवल अधिक होता है. यह सस्ता और हल्का होता है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है. हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.

रांची: ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. टाटा के सहयोग से जमशेदपुर में देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना होनी वाली है. शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में उद्योग विभाग और टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा.लि.के बीच एमओयू होगा. 354.28 करोड़ रुपए के निवेश से बनने वाला यह हाइड्रोजन ईंधन से जुड़ा उद्योग देश का पहला उद्योग होगा जो ग्रीन एनर्जी के लिए काम करेगा.

ये भी पढ़ें: जमशेदपुर में हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी इंजन उत्पादन की इकाई लगाएगी टाटा, जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य पाने के लिए महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा पिछले महीने 28 जुलाई को इससे संबंधित प्रस्ताव पर सहमति दी गई थी. जानकारी के मुताबिक टाटा मोटर्स लिमिटेड और क्यमेंस इंक यूएसए के संयुक्त उपक्रम टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जमशेदपुर पूर्वी सिंहभूम में हाइड्रोजन इंटरनल कमबस्टन इंजन, फ्यूल एगनोस्टिक इंजन, एडवांस केमिस्ट्री बैट्री, एच2 फ्यूल सेल और एच2 फ्यूल डिलेवरी सिस्टम का निर्माण और उत्पादन के लिए इकाई की स्थापना होगी. इसके लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमेटी एवं हाई पावर कमेटी की स्वीकृत की प्रत्याशा में इस निवेश के प्रस्ताव पर एमओयू करने की सहमति मुख्यमंत्री द्वारा दी जा चुकी है.

झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत बनने वाले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े इस उद्योग में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा. जिसकी क्षमता 4000+ हाइड्रोजन आईसी इंजन और फ्यूल अग्नोस्टिक इंजन के अलावा 10000+ बैटरी सिस्टम का है. इस कार्य में हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा जिसका लाभ आने वाले समय में पूरे देश को होगा.

गौरतलब है कि झारखंड सहित पूरे देश भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है. हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है जिसकी क्षमता अन्य इंधनों के अपेक्षा अधिक होती है. इसका एनर्जी लेवल अधिक होता है. यह सस्ता और हल्का होता है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है. हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.

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