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RIMS में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, अस्पताल में बेकार हो चुके हैं अग्निशामक यंत्र - झारखंड न्यूज

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आग से निपटने के लिए  व्यवस्था पूरी तरह से बेकार हो चुकी है. इमरजेंसी, ओपीडी डेंटल और अन्य विभागों में लगे आधे से ज्यादा अग्निशामक यंत्र की रिफिलिंग डेट एक्सपायर होने के कारण बेकार हो चुकी है.

RIMS में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, अस्पताल में बेकार हो चुके हैं अग्निशामक यंत्र
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Published : Feb 22, 2019, 11:04 AM IST

रांचीः राजधानी स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आग से निपटने के लिए व्यवस्था पूरी तरह से बेकार हो चुकी है. इमरजेंसी, ओपीडी डेंटल और अन्य विभागों में लगे आधे से ज्यादा अग्निशामक यंत्र की रिफिलिंग डेट एक्सपायर होने के कारण बेकार हो चुकी है.

RIMS में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, अस्पताल में बेकार हो चुके हैं अग्निशामक यंत्र

मामले की जानकारी रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह को देने पर उन्होंने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इन सबको ठीक करने के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ग्रुप का बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप का दायित्व केवल अस्पतालों की व्यवस्था को देखना होगा. डॉ डीके सिंह ने लापरवाही को गंभीरता से देखते हुए अग्निशामक यंत्र लगाने वाले कंपनी पर भी सख्ती करने की बात भी कही.

ये भी पढ़ें-रांची में NIA की छापेमारी, मगध आम्रपाली कोल परियोजना चतरा से जुड़ा है मामला

गौरतलब है कि पहलेभी रिम्स में कई बार अगलगी जैसी घटनाएं हो चुकी है. बावजूद इसके रिम्स प्रशासन अग्निशामक यंत्र दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता है तो भविष्य में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

रांचीः राजधानी स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आग से निपटने के लिए व्यवस्था पूरी तरह से बेकार हो चुकी है. इमरजेंसी, ओपीडी डेंटल और अन्य विभागों में लगे आधे से ज्यादा अग्निशामक यंत्र की रिफिलिंग डेट एक्सपायर होने के कारण बेकार हो चुकी है.

RIMS में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, अस्पताल में बेकार हो चुके हैं अग्निशामक यंत्र

मामले की जानकारी रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह को देने पर उन्होंने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इन सबको ठीक करने के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ग्रुप का बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप का दायित्व केवल अस्पतालों की व्यवस्था को देखना होगा. डॉ डीके सिंह ने लापरवाही को गंभीरता से देखते हुए अग्निशामक यंत्र लगाने वाले कंपनी पर भी सख्ती करने की बात भी कही.

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गौरतलब है कि पहलेभी रिम्स में कई बार अगलगी जैसी घटनाएं हो चुकी है. बावजूद इसके रिम्स प्रशासन अग्निशामक यंत्र दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता है तो भविष्य में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:रांची
हितेश
डे प्लान
special report

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में लगे सभी फायर एक्सटिंग्विशर हो गए हैं एक्सपायर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा,रिम्स प्रबंधन की नहीं पड़ रही है नजर।

रिम्स में आग जैसी दुर्घटना से निपटने के लिए कई अग्निशामक यंत्र लगाया गया है लेकिन ई.टीवी जब रिम्स में लगे अग्निशामक यंत्र की पड़ताल की तो उसमें आधे से अधिक अग्निशामक यंत्र हो चुके हैं एक्सपायर।



Body:सूबे के सरकारी अस्पतालों में अगर आग लग जाती है तो ऐसी स्थिति में अनुमान लगाना भी मुश्किल है ।दरअसल राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में आग से निपटने के लिए जो व्यवस्था की गई है वह व्यवस्था बेकार हो चुकी है। रिम्स में आग से निपटने के कई अग्नी शामक यंत्र लगाये गये हैं लेकिन अस्पताल में लगे लगभग सभी अग्निशामक यंत्र की रिफिलिंग की डेट भी समाप्त हो चुकी है।

इमरजेंसी, ओ.पी.डी डेंटल या फिर रिम्स की किसी भी विभाग में लगे अग्निशामक यंत्र की रिफिलिंग डेट एक्सपायर होने के कारण बेकार हो चुकी है।

खुदा-ना-खसता अगर कभी आगलगी जैसी दुर्घटना होती है तो उस पर तुरंत काबू पाने के लिए रिम्स में लगे अग्निशामक यंत्र काफी नहीं है।


Conclusion:वहीं हमने जब पूरे मामले की जानकारी रिम्स के निदेशक डॉक्टर डीके सिंह को दी तो उन्होंने भी इस बात की स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इन सब जैसी चीजों को देखने के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ग्रुप का सृजन किया जाएगा, जिसका दायित्व सिर्फ अस्पतालों की व्यवस्था को देखना होगा। साथ ही उन्होंने इस लापरवाही को गंभीरता से देखते हुए अग्निशामक यंत्र लगाने वाले कंपनी से भी सख्ती से बात करने की बात कही।

बाइट: डॉ. डी.के सिंह,निदेशक,रिम्स

गौरतलब है कि पहले भी रिम्स में कई बार अगलगी जैसी घटनाएं हो चुकी है, ऐसे में अगर रिम्स प्रशासन अग्निशामक यंत्र दुरुस्त करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो भविष्य में रिम्स प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल जरूर उठ सकता है।




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