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गैंगस्टर अनिल शर्मा पर एफआईआर दर्ज , सीआईडी इंस्पेक्टर ने कराई FIR , जेल से ही रची थी हत्या की साजिश

रांची के गैंगस्टर अनिल शर्मा पर एफआईआर दर्ज की गई है. अनिल शर्मा पर जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल कर रंगदारी और हत्या की साजिश रचने का आरोप है. इस मामले में उन्हें पहले क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन सीआईडी ने नए सिरे इस मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज कराई है.

गैंगस्टर अनिल शर्मा पर एफआईआर दर्ज
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Published : Oct 1, 2019, 12:59 AM IST

रांची: झारखंड के बड़े गैंगेस्टर अनिल शर्मा और उसके सहयोगियों पर जेल में रहकर हत्या की साजिश रचने, रंगदारी मांगने और फर्जी तरीके से सिम कार्ड के इस्तेमाल की एफआईआर दर्ज की गई है.

जेल में रह कर हत्या की साजिश
सीआईडी मुख्यालय रांची के इंस्पेक्टर महेश्वर प्रसाद रंजन ने दुमका टाउन थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है. अनिल शर्मा पर जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल कर रंगदारी और हत्या की साजिश रचने के मामले में सीआईडी ने जुलाई महीने में एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके बाद दुमका के जेलर ने संबंधित रिपोर्ट के खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया था, जिसमें अनिल शर्मा को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी गई थी, कि वह जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, लेकिन सीआईडी ने नए सिरे से अनिल शर्मा द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर की सीडीआर और कॉल लोकेशन के आधार पर जांच कर पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराई है.

इसे भी पढ़ें:- आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं की हड़ताल 10 अक्टूबर तक स्थगित, काला बिल्ला लगाकर करेंगी काम

अनिल शर्मा ने कमलेश की हत्या की रची थी साजिश
सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि अनिल शर्मा जेल में मोबाइल नंबर 7492020940 का इस्तेमाल कर रहा था. जेल से वह रांची में रहने वाले सहयोगी डब्लू शर्मा से उसके मोबाइल नंबर 7979763094 से संपर्क करता था. जेल के बाहर अनिल शर्मा का सारा काम डब्लू शर्मा ही मैनेज कर रहा था. दोनों नंबर सीआईडी की लिसनिंग में थे. फोन लिसनिंग के जरिए सीआईडी को जानकारी मिल गई थी कि अनिल शर्मा ने जेल से अरगोड़ा में रहने वाले ठेकेदार कमलेश सिंह की हत्या की साजिश रची है, जिसकी जानकारी डब्लू शर्मा ने एक रेलवे ठेकेदार चटनी सिंह को 7 जुलाई की शाम 8.54 बजे बातचीत के क्रम में भी दी थी. इस मामले में दुमका पुलिस को ट्रांसस्क्रिप्ट भी मुहैया कराई गई है.

अनिल शर्मा ने जेल से कितनी बार की बातचीत
सीडीआर जांच से यह बात सामने आई है कि अनिल शर्मा ने जेल में अपने मोबाइल नंबर से बेटे टूटू से 43 बार, पत्नी से 35 बार बात की. जांच में यह बात भी सामने आई है कि अनिल शर्मा का मोबाइल लगातार दुमका में चार टावर लोकेशन में एक्टिव है. अनिल शर्मा ने इस नंबर पर डब्लू शर्मा से भी लगभग 60 बार बात की थी. डब्लू के सीडीआर जांच में यह बात सामने आई है की डब्लू के मोबाइल नंबर से अनिल शर्मा ने 60 बार, नालंदा में रहने वाले उसके भाई बबलू, रेलवे के ठेकेदार चटनी सिंह समेत अन्य से कई बार बात की है. सीआईडी ने अपने जांच में यह पाया कि अनिल शर्मा ने चंदन कुमार के नाम से फर्जी सिम निकलवाया था. चंदन पटना के आलमगंज का रहने वाला है. सीआईडी जांच में आए तथ्यों के आधार पर शर्मा और उसके सहयोगियों पर एफआईआर दर्ज की गई.

इसे भी पढ़ें:- JPSC व्याख्याता नियुक्ति घोटाला: सीबीआई ने दायर की चार्जशीट, जांच में कॉपियों में छेड़छाड़ की हुई थी पुष्टि

क्या है एफआईआर में
एफआईआर में जिक्र है कि अनिल शर्मा अपने सहयोगी के साथ मिलकर जेल में रहने के बावजूद रंगदारी मांगने, टेंडर मैनेज करने और हत्या की साजिश रचने जैसे गंभीर अपराध में शामिल है. ऐसे में उसके खिलाफ धारा 385, 387,506, 109, 468, 471, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की जाए.

रांची: झारखंड के बड़े गैंगेस्टर अनिल शर्मा और उसके सहयोगियों पर जेल में रहकर हत्या की साजिश रचने, रंगदारी मांगने और फर्जी तरीके से सिम कार्ड के इस्तेमाल की एफआईआर दर्ज की गई है.

जेल में रह कर हत्या की साजिश
सीआईडी मुख्यालय रांची के इंस्पेक्टर महेश्वर प्रसाद रंजन ने दुमका टाउन थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है. अनिल शर्मा पर जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल कर रंगदारी और हत्या की साजिश रचने के मामले में सीआईडी ने जुलाई महीने में एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके बाद दुमका के जेलर ने संबंधित रिपोर्ट के खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया था, जिसमें अनिल शर्मा को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी गई थी, कि वह जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, लेकिन सीआईडी ने नए सिरे से अनिल शर्मा द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर की सीडीआर और कॉल लोकेशन के आधार पर जांच कर पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराई है.

इसे भी पढ़ें:- आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं की हड़ताल 10 अक्टूबर तक स्थगित, काला बिल्ला लगाकर करेंगी काम

अनिल शर्मा ने कमलेश की हत्या की रची थी साजिश
सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि अनिल शर्मा जेल में मोबाइल नंबर 7492020940 का इस्तेमाल कर रहा था. जेल से वह रांची में रहने वाले सहयोगी डब्लू शर्मा से उसके मोबाइल नंबर 7979763094 से संपर्क करता था. जेल के बाहर अनिल शर्मा का सारा काम डब्लू शर्मा ही मैनेज कर रहा था. दोनों नंबर सीआईडी की लिसनिंग में थे. फोन लिसनिंग के जरिए सीआईडी को जानकारी मिल गई थी कि अनिल शर्मा ने जेल से अरगोड़ा में रहने वाले ठेकेदार कमलेश सिंह की हत्या की साजिश रची है, जिसकी जानकारी डब्लू शर्मा ने एक रेलवे ठेकेदार चटनी सिंह को 7 जुलाई की शाम 8.54 बजे बातचीत के क्रम में भी दी थी. इस मामले में दुमका पुलिस को ट्रांसस्क्रिप्ट भी मुहैया कराई गई है.

अनिल शर्मा ने जेल से कितनी बार की बातचीत
सीडीआर जांच से यह बात सामने आई है कि अनिल शर्मा ने जेल में अपने मोबाइल नंबर से बेटे टूटू से 43 बार, पत्नी से 35 बार बात की. जांच में यह बात भी सामने आई है कि अनिल शर्मा का मोबाइल लगातार दुमका में चार टावर लोकेशन में एक्टिव है. अनिल शर्मा ने इस नंबर पर डब्लू शर्मा से भी लगभग 60 बार बात की थी. डब्लू के सीडीआर जांच में यह बात सामने आई है की डब्लू के मोबाइल नंबर से अनिल शर्मा ने 60 बार, नालंदा में रहने वाले उसके भाई बबलू, रेलवे के ठेकेदार चटनी सिंह समेत अन्य से कई बार बात की है. सीआईडी ने अपने जांच में यह पाया कि अनिल शर्मा ने चंदन कुमार के नाम से फर्जी सिम निकलवाया था. चंदन पटना के आलमगंज का रहने वाला है. सीआईडी जांच में आए तथ्यों के आधार पर शर्मा और उसके सहयोगियों पर एफआईआर दर्ज की गई.

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क्या है एफआईआर में
एफआईआर में जिक्र है कि अनिल शर्मा अपने सहयोगी के साथ मिलकर जेल में रहने के बावजूद रंगदारी मांगने, टेंडर मैनेज करने और हत्या की साजिश रचने जैसे गंभीर अपराध में शामिल है. ऐसे में उसके खिलाफ धारा 385, 387,506, 109, 468, 471, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की जाए.

Intro:गैंगस्टर अनिल शर्मा पर एफआईआर दर्ज ,सीआईडी इंस्पेक्टर ने करायी FIR ,जेल से ही रची थी हत्या की साजिश

रांची।
झारखंड के बड़े गैंगेस्टर अनिल शर्मा और उसके सहयोगियों पर जेल में रहकर हत्या की साजिश रचने, रंगदारी मांगने और फर्जी तरीके से सिम कार्ड के इस्तेमाल की एफआईआर दर्ज की गई है।

जेल में रह कर हत्या की साजिश

सीआईडी मुख्यालय रांची के इंस्पेक्टर महेश्वर प्रसाद रंजन ने दुमका टाउन थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज करायी है। गौरतलब है कि अनिल शर्मा के द्वारा जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल कर रंगदारी व हत्या की साजिश रचने के मामले में सीआईडी ने जुलाई महीने में एक रिपोर्ट तैयार की थी। जिसके बाद दुमका के जेलर ने संबंधित रिपोर्ट के खिलाफ एक रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया था, जिसमें अनिल शर्मा को यह कहते हुए क्लीनचिट दे दी गई थी कि वह जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा। लेकिन सीआईडी ने नए सिरे से अनिल शर्मा के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर की सीडीआर और कॉल लोकेशन के आधार पर जांच कर पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करायी है।

अनिल शर्मा ने कमलेश के हत्या की साजिश रची थी

सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि अनिल शर्मा जेल में मोबाइल नंबर 7492020940 का इस्तेमाल कर रहा था। जेल से वह रांची में रहने वाले सहयोगी डब्लू शर्मा से उसके मोबाइल नंबर 7979763094 से संपर्क करता था। जेल के बाहर अनिल शर्मा का सारा काम डब्लू शर्मा के द्वारा ही मैनेज किया जा रहा था। दोनों नंबर सीआईडी की लिसनिंग में थे। फोन लिसनिंग के जरिए सीआईडी को जानकारी मिल गई थी कि अनिल शर्मा ने जेल से अरगोड़ा में रहने वाले ठेकेदार कमलेश सिंह की हत्या की साजिश रची है। जिसकी जानकारी डब्लू शर्मा ने एक रेलवे ठेकेदार चटनी सिंह को 7 जुलाई की शाम 8.54 बजे बातचीत के क्रम में भी दी थी। इस मामले में दुमका पुलिस को ट्रांसस्क्रिप्ट भी मुहैया करायी गई है।

शर्मा ने जेल से कितनी बार की बातचीत

सीडीआर जांच से यह बात सामने आयी है कि अनिल शर्मा ने जेल में अपने मोबाइल नंबर से बेटे टूटू से 43 बार, पत्नी से 35 बार बात की। जांच में यह बात भी सामने आयी कि अनिल शर्मा का मोबाइल लगार दुमका में चार टावर लोकेशन में एक्टिव है। अनिल शर्मा ने इस नंबर पर डब्लू शर्मा से भी तकरीबन 60 बार बात की थी। डब्लू के सीडीआर जांच में यह बात सामने आयी है कि डब्लू के मोबाइल नंबर से अनिल शर्मा ने 60 बार, नालंदा में रहने वाले उसके भाई बबलू, रेलवे के ठेकेदार चटनी सिंह समेत अन्य से कई बार बात की है। सीआईडी ने अपने जांच में यह पाया कि अनिल शर्मा ने चंदन कुमार के नाम से फर्जी सिम निकलवाया था। चंदन पटना के आलमगंज का रहने वाला है। सीआईडी जांच में आए तथ्यों के आधार पर शर्मा व उसके सहयोगियों पर एफआईआर दर्ज की गई।

क्या है एफआईआर में
एफआईआर में जिक्र है कि अनिल शर्मा अपने सहयोगी के साथ मिलकर जेल में रहने के बावजूद रंगदारी मांगने, टेंडर मैनेज करने और हत्या की साजिश रचने जैसे गंभीर अपराध में शामिल है। ऐसे में उसके खिलाफ धारा 385, 387,506, 109, 468, 471, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की जाए।Body:1Conclusion:2

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