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पूर्व सांसद आनंद मोहन पर सहरसा में एक और FIR, जेल की जगह घर पर आराम फरमाने का मामला - ईटीवी बिहार

पूर्व सांसद आनंद मोहन के जेल की जगह घर जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीएस गंगवार की ओर से सहरसा एसपी लिपि सिंह से मांगी गई रिपोर्ट में मामला सही पाया गया. वहीं जेल आईजी ने भी मामले जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 15, 2022, 7:45 PM IST

सहरसा: गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) पर सहरसा पुलिस की ओर से फिर एक मामला दर्ज (FIR Against Anand Mohan In Saharsa) किया गया. ताजा मामला 12 अगस्त को पटना में एक केस के मामले में पेशी के बाद बेखौफ होकर पटना की सड़कों पर घूमने और पाटलिपुत्र स्थित अपने आवास में पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद और बेटे विधायक चेतन आनंद के साथ मीटिंग करने से जुड़ा है. फोटो वायरल होने के बाद सहरसा एसपी लिपि सिंह (Saharsa SP Lipi Singh) की ओर से मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) से करायी गई. प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया है. बता दें कि मामले में पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक जेएस गंगवार ने एसपी लिपि सिंह से मामले में रिपोर्ट तलब किया है.

"सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था. उस पर पुलिस मुख्यालय की ओर से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी. सहरसा के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) की ओर से मामले की जांच करायी गई. मामला सही पाया गया है. इसमें शामिल 6 लोगों को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मामले में जेल प्रशासन की भूमिका की जांच होगी. जो लोग भी रिस्पॉन्सिबल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और की जा रही है"- लिपि सिंह, पुलिस अधीक्षक, सहरसा

जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई की तैयारीः वहीं इस मामले में जेल आईजी ने जेल अधीक्षक से भी शोकॉज नोटिस मांगा गया है. एसपी लिपि सिंह ने सहरसा जेल प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह जाहिर करते हुए जांच करने की बात कही है. वहीं मामले को सहरसा डीएम ने भी गंभीरता से लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल आईजी ने सहरसा के जेल अधीक्षक से शोकॉज नोटिस जारी किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई तय है.

लिपि सिंह, पुलिस अधीक्षक, सहरसा

रक्षाबंधन के दिन पेशी के लिए आये थे पटनाः दरअसल, आनंद मोहन को एक मामले में पेशी के लिए रक्षाबंधन के दिन यानी 12 अगस्त को कड़ी सुरक्षा के बीच सहरसा जेल से पटना लाया गया था. लेकिन वापस सीधे जेल जाने के बजाय वे पटना के पाटलिपुत्र कालोनी स्थित अपने निजी आवास पहुंच (Anand Mohan Meets his Family During Jailed) गए. यहां उन्होंने समर्थकों के साथ बैठक की, फिर दारोगा राय पथ स्थित विधायक कालोनी में गए. इसका खुलासा तब हुआ जब समर्थकों ने उनके साथ की वीडियो और फोटो शेयर करनी शुरू कर दी. इस मामले में सहरसा जेल के 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए हैं.

सोशल मीडिया पर महागठबंधन की सरकार पर तंजः आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद आरजेडी से विधायक (RJD MLA Chetan Anand ) हैं. वहीं पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद आरजेडी की वरिष्ठ नेता हैं. ऐसे में अब बिहार में आरजेडी की सरकार आ गई है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग महागठबंधन की सरकार पर तरह तरह से कमेंट कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अभी कैबिनेट विस्तार भी नहीं हुआ है तो ये हाल है. आने वाले समय में समय बिहार का क्या होगा पता नहीं. बता दें कि ईटीवी भारत वायरल वीडियो या तस्वीरों के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है

मौत की सजा पाने वाले पहले पूर्व विधायक और सांसद हैं आनंद मोहनः इस मामले में आनंद मोहन को जेल गये थे. निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुना दी. बताया जाता है कि आनंद मोहन देश के पहले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हुए, जिन्हें मौत की सजा मिली थी. हालांकि, दिसंबर 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनके मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जुलाई 2012 में पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. डीएम हत्याकांड में वे सजा पहले ही पूरी कर चुके हैं.

क्या है डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड? मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जाता है कि तभी मुजफ्फरपुर के रास्ते हाजीपुर में मीटिंग कर गोपालगंज वापस जा रहे डीएम जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई. इस घटना उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा था. हादसे के समय जी. कृष्णैया की आयु 35 साल के करीब था.

सहरसा: गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) पर सहरसा पुलिस की ओर से फिर एक मामला दर्ज (FIR Against Anand Mohan In Saharsa) किया गया. ताजा मामला 12 अगस्त को पटना में एक केस के मामले में पेशी के बाद बेखौफ होकर पटना की सड़कों पर घूमने और पाटलिपुत्र स्थित अपने आवास में पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद और बेटे विधायक चेतन आनंद के साथ मीटिंग करने से जुड़ा है. फोटो वायरल होने के बाद सहरसा एसपी लिपि सिंह (Saharsa SP Lipi Singh) की ओर से मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) से करायी गई. प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया है. बता दें कि मामले में पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक जेएस गंगवार ने एसपी लिपि सिंह से मामले में रिपोर्ट तलब किया है.

"सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था. उस पर पुलिस मुख्यालय की ओर से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी. सहरसा के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) की ओर से मामले की जांच करायी गई. मामला सही पाया गया है. इसमें शामिल 6 लोगों को सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मामले में जेल प्रशासन की भूमिका की जांच होगी. जो लोग भी रिस्पॉन्सिबल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और की जा रही है"- लिपि सिंह, पुलिस अधीक्षक, सहरसा

जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई की तैयारीः वहीं इस मामले में जेल आईजी ने जेल अधीक्षक से भी शोकॉज नोटिस मांगा गया है. एसपी लिपि सिंह ने सहरसा जेल प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह जाहिर करते हुए जांच करने की बात कही है. वहीं मामले को सहरसा डीएम ने भी गंभीरता से लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल आईजी ने सहरसा के जेल अधीक्षक से शोकॉज नोटिस जारी किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई तय है.

लिपि सिंह, पुलिस अधीक्षक, सहरसा

रक्षाबंधन के दिन पेशी के लिए आये थे पटनाः दरअसल, आनंद मोहन को एक मामले में पेशी के लिए रक्षाबंधन के दिन यानी 12 अगस्त को कड़ी सुरक्षा के बीच सहरसा जेल से पटना लाया गया था. लेकिन वापस सीधे जेल जाने के बजाय वे पटना के पाटलिपुत्र कालोनी स्थित अपने निजी आवास पहुंच (Anand Mohan Meets his Family During Jailed) गए. यहां उन्होंने समर्थकों के साथ बैठक की, फिर दारोगा राय पथ स्थित विधायक कालोनी में गए. इसका खुलासा तब हुआ जब समर्थकों ने उनके साथ की वीडियो और फोटो शेयर करनी शुरू कर दी. इस मामले में सहरसा जेल के 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए हैं.

सोशल मीडिया पर महागठबंधन की सरकार पर तंजः आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद आरजेडी से विधायक (RJD MLA Chetan Anand ) हैं. वहीं पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद आरजेडी की वरिष्ठ नेता हैं. ऐसे में अब बिहार में आरजेडी की सरकार आ गई है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग महागठबंधन की सरकार पर तरह तरह से कमेंट कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अभी कैबिनेट विस्तार भी नहीं हुआ है तो ये हाल है. आने वाले समय में समय बिहार का क्या होगा पता नहीं. बता दें कि ईटीवी भारत वायरल वीडियो या तस्वीरों के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है

मौत की सजा पाने वाले पहले पूर्व विधायक और सांसद हैं आनंद मोहनः इस मामले में आनंद मोहन को जेल गये थे. निचली अदालत ने 2007 में उन्हें मौत की सजा सुना दी. बताया जाता है कि आनंद मोहन देश के पहले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक हुए, जिन्हें मौत की सजा मिली थी. हालांकि, दिसंबर 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनके मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी जुलाई 2012 में पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. डीएम हत्याकांड में वे सजा पहले ही पूरी कर चुके हैं.

क्या है डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड? मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. एक दिन पहले (4 दिसंबर 1994) मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन की पार्टी (बिहार पीपुल्स पार्टी) के नेता रहे छोटन शुक्ला की हत्या हुई थी. इस भीड़ में शामिल लोग छोटन शुक्ला के शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जाता है कि तभी मुजफ्फरपुर के रास्ते हाजीपुर में मीटिंग कर गोपालगंज वापस जा रहे डीएम जी. कृष्णैया पर भीड़ ने खबड़ा गांव के पास हमला कर दिया. मॉब लिंचिंग और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच डीएम को गोली मार दी गई. इस घटना उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा था. हादसे के समय जी. कृष्णैया की आयु 35 साल के करीब था.

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