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सोरेन परिवार पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद बाबूलाल मरांडी के खिलाफ FIR दर्ज, गिरफ्तार कर सकती है पुलिस! भाजपा ने दिया जवाब - BJP SANKALP YATRA

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर गैर जमानती धाराओं में दर्ज की गई है. ऐसे में बाबूलाल मरांडी की गिरफ्तारी के कयास लग रहे हैं. पूरे मामले पर भाजपा की ओर से भी जवाब आया है.

FIR AGAINST BABULAL MARANDI IN DEOGHAR
FIR AGAINST BABULAL MARANDI IN DEOGHAR
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2023, 7:50 PM IST

रांची: झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा पर हैं. इस दौरान वह सीधे तौर पर सोरेन परिवार पर निशाना साध रहे हैं. संकल्प यात्रा से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि वह जनता के बीच जाकर सोरेन परिवार की पोल खोलेंगे. झामुमो का दावा है कि इस दौरान उन्होंने सोरेन परिवार पर अमर्यादित टिप्पणी की. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह परिवार आदिवासियों की जमीन लूट रहा है. अब यह मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. देवघर के मधुपुर में बाबूलाल मरांडी पर आईपीसी की धारा 153-A, 500, 504 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.

यह भी पढ़ें: FIR on Babulal Marandi: बाबूलाल मरांडी के खिलाफ झारखंड के कई थानों में एफआईआर, सोरेन परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप

यह प्राथमिकी झामुमो के देवघर जिला सचिव दिनेश्वर किस्कू नाम के शख्स के आवेदन पर हुई है. उन्होंने अपने आवेदन में लिखा है कि बाबूलाल मरांडी के बयान पर सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जा रहा है. इस तरह की भाषणबाजी से सोरेन परिवार के विरुद्ध लोगों के मन में द्वेष उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि बाबूलाल मरांडी के बयान से पूरा आदिवासी समाज आहत है. सभी जानते हैं कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन के संघर्ष की बदौलत झारखंड राज्य मिला है.

आईपीसी की धारा 153A क्या है?: सबसे पहली बात कि यह गैर जमानती धारा है. इसके आधार पर पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. गिरफ्तार किए जाने पर जमानत के लिए प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट की अदालत में जाना पड़ता है. इस धारा का इस्तेमाल दो परिस्थितियों में किया जाता है. अगर किसी के बयान से वर्गों के बीच शत्रुता फैलती है तो अपराध साबित होने पर तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है.

वहीं, अगर धार्मिक स्थलों पर बयान या भाषण से शत्रुता फैलाने की कोशिश होती है तो पांच साल तक की सजा हो सकती है. हालांकि धारा 153 में तीन जरूरी तत्व निर्धारित किए गये हैं. इसके मुताबिक किया गया कार्य प्रकृति में अवैध होना चाहिए. इस तरह के अवैध कार्य को दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया जाना चाहिए और दंगे या अपराध इस तरह के एक अवैध कार्य का परिणाम होना चाहिए.

प्राथमिकी का भाजपा ने दिया जवाब: यह प्राथमिकी 24 अगस्त 2023 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर दर्ज हुई है. हालांकि 24 अगस्त को ही बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर बताया था कि उनके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही है. इस मसले को आज भी उन्होंने उठाया. शिकारीपाड़ा में आज संकल्प यात्रा से जुड़ी जनसभा के दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर जितना केस करवाना चाहते हैं, हेमंत सोरेन करवा लें.

यह भी पढ़ें: बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार को दी चुनौती, कहा- जेल भेज दो हमें, हम जेल में रहकर जारी रखेंगे अपना अभियान

खास बात है कि वह संथाल बहुल इलाकों में संथाली भाषा में भाषण दे रहे हैं. वह लगातार करप्शन और क्राइम को लेकर सरकार को घेर रहे हैं. वहीं भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि सरकार चाहे तो ऐसे 40 मुकदमें कर ले, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा का अभियान जारी रहेगा. बाबूलाल मरांडी के खिलाफ लातेहार, सिमडेगा और रांची के थानों में भी प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया जा चुका है. आपको बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस ने एयरपोर्ट पर इसी धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली थी.

रांची: झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा पर हैं. इस दौरान वह सीधे तौर पर सोरेन परिवार पर निशाना साध रहे हैं. संकल्प यात्रा से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि वह जनता के बीच जाकर सोरेन परिवार की पोल खोलेंगे. झामुमो का दावा है कि इस दौरान उन्होंने सोरेन परिवार पर अमर्यादित टिप्पणी की. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह परिवार आदिवासियों की जमीन लूट रहा है. अब यह मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. देवघर के मधुपुर में बाबूलाल मरांडी पर आईपीसी की धारा 153-A, 500, 504 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.

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यह प्राथमिकी झामुमो के देवघर जिला सचिव दिनेश्वर किस्कू नाम के शख्स के आवेदन पर हुई है. उन्होंने अपने आवेदन में लिखा है कि बाबूलाल मरांडी के बयान पर सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जा रहा है. इस तरह की भाषणबाजी से सोरेन परिवार के विरुद्ध लोगों के मन में द्वेष उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि बाबूलाल मरांडी के बयान से पूरा आदिवासी समाज आहत है. सभी जानते हैं कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन के संघर्ष की बदौलत झारखंड राज्य मिला है.

आईपीसी की धारा 153A क्या है?: सबसे पहली बात कि यह गैर जमानती धारा है. इसके आधार पर पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. गिरफ्तार किए जाने पर जमानत के लिए प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट की अदालत में जाना पड़ता है. इस धारा का इस्तेमाल दो परिस्थितियों में किया जाता है. अगर किसी के बयान से वर्गों के बीच शत्रुता फैलती है तो अपराध साबित होने पर तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है.

वहीं, अगर धार्मिक स्थलों पर बयान या भाषण से शत्रुता फैलाने की कोशिश होती है तो पांच साल तक की सजा हो सकती है. हालांकि धारा 153 में तीन जरूरी तत्व निर्धारित किए गये हैं. इसके मुताबिक किया गया कार्य प्रकृति में अवैध होना चाहिए. इस तरह के अवैध कार्य को दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया जाना चाहिए और दंगे या अपराध इस तरह के एक अवैध कार्य का परिणाम होना चाहिए.

प्राथमिकी का भाजपा ने दिया जवाब: यह प्राथमिकी 24 अगस्त 2023 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर दर्ज हुई है. हालांकि 24 अगस्त को ही बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर बताया था कि उनके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में प्राथमिकी दर्ज करवाई जा रही है. इस मसले को आज भी उन्होंने उठाया. शिकारीपाड़ा में आज संकल्प यात्रा से जुड़ी जनसभा के दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर जितना केस करवाना चाहते हैं, हेमंत सोरेन करवा लें.

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खास बात है कि वह संथाल बहुल इलाकों में संथाली भाषा में भाषण दे रहे हैं. वह लगातार करप्शन और क्राइम को लेकर सरकार को घेर रहे हैं. वहीं भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि सरकार चाहे तो ऐसे 40 मुकदमें कर ले, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा का अभियान जारी रहेगा. बाबूलाल मरांडी के खिलाफ लातेहार, सिमडेगा और रांची के थानों में भी प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया जा चुका है. आपको बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस ने एयरपोर्ट पर इसी धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली थी.

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