रांची: झारखंड में गठबंधन सरकार बनने के बाद लगातार सरकार खजाना खाली होने की बात करती आई है. वहीं, अब वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में सरकार के लिए खाली खजाने को भरना और रेवेन्यू इकट्ठा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है.
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना की वजह से रेवेन्यू कलेक्शन भी ठप पड़ गया है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक आर्थिक गतिविधि शुरू नहीं होगी. ऐसे में जो स्थिति वर्तमान में बनी हुई है, वहीं स्थिति रहेगी. उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका दोनों चाहिए, इसलिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भी बात की है कि लॉकडाउन को तो जारी रहेगा. लेकिन आर्थिक गतिविधि को शुरू करने के लिए कुछ छूट दी जानी चाहिए. तभी आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी और वित्तीय स्थिति को बेहतर करने की कोशिश हो पाएगी. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के मामले पर कहा कि पिछले महीने का वेतन दिया जा चुका है. लेकिन राज्य में वन थर्ड रेवेन्यू प्राप्त हो रहा है. ऐसे में मंत्री परिषद विचार करेगी कि किस तरह से इसकी बढ़ोतरी की जाए.
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रामेश्वर उरांव ने कहा कि 15 मई के बाद ही विचार किया जाएगा कि रेवेन्यू कैसे बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि अभी जो मजदूर बाहर से आ रहे हैं, उन्हें रोजगार देने और काम की खोज में बैठे लोगों को काम देने के लिए मनरेगा की शुरुआत कर दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, ईंट भट्ठा में काम समेत ट्रांसपोर्ट का भी काम लगभग शुरू हो गया है. इस तरह से रोजगार देने का भी काम शुरू कर दिया गया है. लॉकडाउन खत्म होते ही गतिविधियां और बढ़ेगी,उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को विशेष पैकेज की जरूरत है. जिसका आकलन किया जा रहा है. इसके बाद केंद्र सरकार से इसकी मांग की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर संगठन के जरिए किए जा रहे कार्यों को सफल बताते हुए कहा कि कमिटी बनाई गई है और लगातार काम किया जा रहा है. इसके साथ ही बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों की सूची बनाकर सरकार को दी जा रही है.