रांचीः अपने आने वाली फिल्म 'गांधी से पहले गांधी' को लेकर रांची के प्रेस क्लब में मशहूर फिल्म निर्माता इकबाल दुर्रानी ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने फिल्म को लेकर कई जानकारी साझा की है.
बिरसा मुंडा से प्रेरित हो कर बना रहे फिल्म
चाईबासा के रहने वाले और टाटा कॉलेज चाईबासा से पढ़े इकबाल दुर्रानी ने कई जानी-मानी फिल्मों में अपनी पटकथा लेखन से फिल्मों को जीवंत किया है. जिनमें फूल और कांटे, सौगंध बेनाम बादशाह खुद्दार कोहराम शेषनाग जैसी कई ऐसी बड़ी बैनर की फिल्में हैं. इसके अलावा इकबाल दुर्रानी विश्व के पहले शख्स हैं जिन्होंने धर्ममय सामवेद का अंग्रेजी और उर्दू रूपांतरण किया है. फिल्मकार इकबाल दुर्रानी का झारखंड आगमन बिरसायत के ऑडियोलॉजी से प्रेरित हो कर एक परिकल्पित फिल्म को जीवंत रूप देने के इरादे से हुआ है. झारखंड के वीर सपूत धरती आबा बिरसा मुंडा जी के जीवन से प्रेरित होकर इन्होंने एक फिल्म गांधी से पहले गांधी बनाने की सोच को जीवंत रूप देने का पक्का इरादा किया है. जुनून मेकर्स के बैनर तले यह फिल्म बनाई जाएगी.
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इकबाल दुर्रानी ने बताया कि इस फिल्म के माध्यम से यह बताने की कोशिश की जाएगी कि गांधी जी ने जो अहिंसा का संदेश दिया था वह संदेश गांधी जी से पहले धरती आबा ने दिया था, जो शायद लोग भूल गए हैं. उन्होंने बताया कि इस फिल्म में यह दिखाने की कोशिश है कि किस तरह गांधी जी का जन्म एक शिक्षित और सामाजिक परिवेश में हुआ था. जबकि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म जंगली और हिंसक माहौल में उस वक्त के परिवेश में हुआ. इसके बावजूद भगवान बिरसा मुंडा अहिंसा का शंखनाद करते अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी. इस फिल्म की शूटिंग पटकथा को जीवंत दिखाने और महसूस करने के लिए झारखंड के विभिन स्थलों, परिवेश, प्राकृतिक छठाओं में होगी. साथ ही साथ कुछ शूटिंग विदेशों में भी की जाएगी. इस फिल्म मे स्थानीय कलाकारों टेक्नीशियन को हर स्तर पर प्राथमिकता दी जाएगी.