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कोरोना में जान गंवाने वाले अधिवक्ता का परिवार बदहाली के कगार पर, नहीं मिल रही सरकारी सुविधा

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Published : Aug 10, 2021, 7:17 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 10:36 PM IST

कोरोना काल में झारखंड में कई अधिवक्ताओं की जान चली गई. सरकार ने कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को कई तरह की सुविधा देने की घोषणा की है. लेकिन, अधिवक्ता के परिवार के लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है और वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

Lawyers died due to Corona in jharkhand
झारखंड में कोरोना से वकीलों की मौत

रांची: झारखंड सरकार की तरफ से कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को कई तरह की सुविधा देने की घोषणा की गई है. लेकिन कोरोना के चलते जान गंवाने वाले कई अधिवक्ता के परिवार के लोग आर्थिक संकट की बदहाली झेल रहे हैं. उन्हें कहीं से भी किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कहां जाएं. किससे गुहार लगाएं? कहां से उन्हें सुविधा मिलेगी?

यह भी पढ़ें: वैक्सीन लेने के 6 महीने बाद डॉक्टरों के मन में उठ रहे सवाल, आखिर किस बात का है डर?

हाई कोर्ट के 34 अधिवक्ताओं की मौत

झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि सिर्फ झारखंड हाई कोर्ट के 34 अधिवक्ताओं की मौत कोरोना के चलते हुई है. राज्य के अन्य जिलों की बात की जाए तो कई अधिवक्ताओं की मौत कोरोना काल में हुई है. उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की ओर से भी अधिवक्ता के परिवार वालों की मदद की गई है. उन लोगों की ओर से सरकार से भी ऐसे परिवार को मदद करने के लिए आग्रह किया गया है. लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सुविधा किसी को भी नहीं मिली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट कुमार हर्ष ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के अलावा दूसरे जिलों के सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं की मौत कोरोना के चलते हुई है. अधिवक्ता के लिपिक की भी जान गई है. उनका परिवार आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए और उनके परिवार को इस आर्थिक संकट से निकालने के लिए उनकी आर्थिक सहायता करनी चाहिए.

परिवार वालों को नहीं मिल रही कोई सहायता

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता स्व. अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने बताया कि उनके पिता उनके परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. वे झारखंड हाई कोर्ट में अपना प्रैक्टिस करके अपने परिवार का गुजारा करते थे. कोरोना काल में उनकी मौत हो गई. जिसके बाद परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया. वह एक भाई और बहन हैं जो अभी पढ़ाई ही कर रहे हैं. अब पिता के निधन होने से उनकी परिवार के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है. उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता अभी तक नहीं मिली है.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक रमन कुमार ने बताया कि उनके साथी अधिवक्ता लिपिक स्व. राम कुमार झा का निधन कोरोना काल हो गया. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिजिकल कोर्ट बंद हो गया था. कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चलने लगा जिसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई. इसी दौरान वह बीमार हो गए और उनका निधन हो गया. राम के 3 बच्चे हैं. उनके परिवार के सामने भी आर्थिक संकट पैदा हो गया है. परिवार को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

रांची: झारखंड सरकार की तरफ से कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को कई तरह की सुविधा देने की घोषणा की गई है. लेकिन कोरोना के चलते जान गंवाने वाले कई अधिवक्ता के परिवार के लोग आर्थिक संकट की बदहाली झेल रहे हैं. उन्हें कहीं से भी किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कहां जाएं. किससे गुहार लगाएं? कहां से उन्हें सुविधा मिलेगी?

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हाई कोर्ट के 34 अधिवक्ताओं की मौत

झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि सिर्फ झारखंड हाई कोर्ट के 34 अधिवक्ताओं की मौत कोरोना के चलते हुई है. राज्य के अन्य जिलों की बात की जाए तो कई अधिवक्ताओं की मौत कोरोना काल में हुई है. उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की ओर से भी अधिवक्ता के परिवार वालों की मदद की गई है. उन लोगों की ओर से सरकार से भी ऐसे परिवार को मदद करने के लिए आग्रह किया गया है. लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सुविधा किसी को भी नहीं मिली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट कुमार हर्ष ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के अलावा दूसरे जिलों के सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं की मौत कोरोना के चलते हुई है. अधिवक्ता के लिपिक की भी जान गई है. उनका परिवार आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए और उनके परिवार को इस आर्थिक संकट से निकालने के लिए उनकी आर्थिक सहायता करनी चाहिए.

परिवार वालों को नहीं मिल रही कोई सहायता

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता स्व. अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने बताया कि उनके पिता उनके परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. वे झारखंड हाई कोर्ट में अपना प्रैक्टिस करके अपने परिवार का गुजारा करते थे. कोरोना काल में उनकी मौत हो गई. जिसके बाद परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया. वह एक भाई और बहन हैं जो अभी पढ़ाई ही कर रहे हैं. अब पिता के निधन होने से उनकी परिवार के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है. उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता अभी तक नहीं मिली है.

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक रमन कुमार ने बताया कि उनके साथी अधिवक्ता लिपिक स्व. राम कुमार झा का निधन कोरोना काल हो गया. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिजिकल कोर्ट बंद हो गया था. कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चलने लगा जिसके कारण उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई. इसी दौरान वह बीमार हो गए और उनका निधन हो गया. राम के 3 बच्चे हैं. उनके परिवार के सामने भी आर्थिक संकट पैदा हो गया है. परिवार को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

Last Updated : Aug 10, 2021, 10:36 PM IST
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