ETV Bharat / state

परेशानी में परिजनः खाने-पीने की दिक्कत, खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर

रांची के सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करा रहे उनके परिजन खुले आसमान के नीचे ही दिन और रात गुजारने को मजबूर हैं. कुछ परोपकारी संगठनों की वजह से उन्हें राहत जरूर मिल रही है लेकिन कई तरह की असुविधाओं की वजह से काफी दिक्कत हो रही है.

Family members of corona patient are facing problems
कोरोना मरीज के परिजनों को हो रही दिक्कत
author img

By

Published : May 10, 2021, 9:42 PM IST

Updated : May 11, 2021, 7:57 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना के ज्यादातर मरीज सरकारी अस्पतालों में ही भर्ती हैं. जिन मरीजों का घर रांची में है, उनमें कुछ तो रात में घर चले जाते हैं. लेकिन जो कोरोना मरीज काफी दूर से इलाज कराने आए हैं, उनके परिजन अस्पताल के बाहर ही दिन और रात गुजारने को मजबूर हैं. रांची का सदर अस्पताल हो या रिम्स का स्टेट कोविड सेंटर, लोग बस इंतजार इस इंतजार में रहते हैं कि उनके परिजन कब कोरोना से रिकवर हो जाएं. मरीज के परिजन हमेशा अस्पताल के बाहर ही रहते हैं क्योंकि डॉक्टर किसी भी वक्त बाहर से दवा लाने का निर्देश दे सकते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: ब्लैक फंगस का खतराः जानिए कैसे करें बचाव?

मरीज के परिजनों को खाने-पीने की भी दिक्कत

सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के एक परिजन के लिए दिन में भोजन की व्यवस्था की गई है. लेकिन रात में भोजन कैसे उपलब्ध हो यह बड़ी समस्या रहती है. कई बार तो ऐसा होता है कि बिना कुछ खाए ही रात गुजारनी पड़ती है. लॉकडाउन के चलते दोपहर दो बजे के बाद होटल और भोजनालय भी बंद हो जाते हैं, ऐसे में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है.

भोजन, ठहरने, आराम करने से लेकर कई दिक्कतों का सामना कर रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन को परोपकारी संगठनों की वजह से थोड़ी बहुत राहत मिल रही है. कुछ संगठन ऐसे लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. कैथोलिक चर्च युवा संघ पिछले 7 दिनों से मरीजों के परिजनों के लिए भोजन उपलब्ध करा रहा है. हर दिन 700 लोगों, एंबुलेंस ड्राइवरों और गार्ड को भोजन उपलब्ध करा रहे कुलदीप तिर्की कहते हैं कि कोरोन काल में थोड़ी राहत मरीजों के परिजन को पहुंचा सकें, उनकी संस्था इस कोशिश में जुटी है. कोरोना मरीज के परिजनों को खाने-पीने के अलावा शौचालय और नहाने की भी दिक्कत होती है. कई बार सुलभ शौचालय में भी लंबा लाइन लगना पड़ता है.

क्या कहते हैं डॉक्टर?

रांची के सरकारी अस्पतालों में दूर से इलाज कराने आए मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को हो रही मूलभूत परेशानी को लेकर रिम्स कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. ऋषि से हमने बात की. उनका कहना है कि वे इसकी कोशिश कर रहे हैं कि मरीज के परिजनों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. कई बार समस्या इसलिए अधिक हो जाती है क्योंकि मरीज के 3-3 परिजन अस्पताल के बाहर पहुंच जाते हैं.

रांची: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना के ज्यादातर मरीज सरकारी अस्पतालों में ही भर्ती हैं. जिन मरीजों का घर रांची में है, उनमें कुछ तो रात में घर चले जाते हैं. लेकिन जो कोरोना मरीज काफी दूर से इलाज कराने आए हैं, उनके परिजन अस्पताल के बाहर ही दिन और रात गुजारने को मजबूर हैं. रांची का सदर अस्पताल हो या रिम्स का स्टेट कोविड सेंटर, लोग बस इंतजार इस इंतजार में रहते हैं कि उनके परिजन कब कोरोना से रिकवर हो जाएं. मरीज के परिजन हमेशा अस्पताल के बाहर ही रहते हैं क्योंकि डॉक्टर किसी भी वक्त बाहर से दवा लाने का निर्देश दे सकते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: ब्लैक फंगस का खतराः जानिए कैसे करें बचाव?

मरीज के परिजनों को खाने-पीने की भी दिक्कत

सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के एक परिजन के लिए दिन में भोजन की व्यवस्था की गई है. लेकिन रात में भोजन कैसे उपलब्ध हो यह बड़ी समस्या रहती है. कई बार तो ऐसा होता है कि बिना कुछ खाए ही रात गुजारनी पड़ती है. लॉकडाउन के चलते दोपहर दो बजे के बाद होटल और भोजनालय भी बंद हो जाते हैं, ऐसे में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है.

भोजन, ठहरने, आराम करने से लेकर कई दिक्कतों का सामना कर रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन को परोपकारी संगठनों की वजह से थोड़ी बहुत राहत मिल रही है. कुछ संगठन ऐसे लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. कैथोलिक चर्च युवा संघ पिछले 7 दिनों से मरीजों के परिजनों के लिए भोजन उपलब्ध करा रहा है. हर दिन 700 लोगों, एंबुलेंस ड्राइवरों और गार्ड को भोजन उपलब्ध करा रहे कुलदीप तिर्की कहते हैं कि कोरोन काल में थोड़ी राहत मरीजों के परिजन को पहुंचा सकें, उनकी संस्था इस कोशिश में जुटी है. कोरोना मरीज के परिजनों को खाने-पीने के अलावा शौचालय और नहाने की भी दिक्कत होती है. कई बार सुलभ शौचालय में भी लंबा लाइन लगना पड़ता है.

क्या कहते हैं डॉक्टर?

रांची के सरकारी अस्पतालों में दूर से इलाज कराने आए मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को हो रही मूलभूत परेशानी को लेकर रिम्स कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. ऋषि से हमने बात की. उनका कहना है कि वे इसकी कोशिश कर रहे हैं कि मरीज के परिजनों को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. कई बार समस्या इसलिए अधिक हो जाती है क्योंकि मरीज के 3-3 परिजन अस्पताल के बाहर पहुंच जाते हैं.

Last Updated : May 11, 2021, 7:57 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.