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रांची में नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार, रिम्स में आयोजित कार्यशाला में हुए शामिल

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Published : Nov 19, 2022, 9:31 AM IST

रांची के रिम्स में कार्यशाला में नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार शामिल (Eye surgeon Dr Santosh G Honavar in Ranchi) हुए. राज्यभर के नेत्र रोग से जुड़े डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. इलाहाबाद स्थित सेंटर फॉर साइट और रिम्स के संयुक्त प्रयास से कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

Eye surgeon Dr Santosh G Honavar participated in workshop of RIMS in Ranchi
रांची

रांचीः बच्चों में आंख से जुड़ी कई बीमारियां देखी जा रही हैं. बच्चों की आंखों में समस्या होते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क तुरंत करना चाहिए. देश के प्रख्यात नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार का ये कहना है. वो रिम्स में आयोजित कार्यशाला में शामिल होने के लिए रांची (Eye surgeon Dr Santosh G Honavar in Ranchi) पहुंचे. रिम्स में उन्होंने राज्यभर के नेत्र रोग से जुड़े डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी.

इसे भी पढ़ें- नौनिहालों पर दें ध्यानः लैपटॉप-मोबाइल का लगातार इस्तेमाल डाल रहा बुरा असर, जानिए क्या कहते हैं नेत्र चिकित्सक

इलाहाबाद स्थित सेंटर फॉर साइट और झारखंड के रिम्स के संयुक्त प्रयास से कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य भर के नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने हिस्सा लिया. इसमें प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार भी शामिल (Dr Santosh G Honavar in workshop of RIMS) हुए. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में जानकारियां साझा की गयीं. जिसमें यह बताया जाएगा कि आंखों के कैंसर के लिए क्या-क्या नया ट्रीटमेंट चल रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि झारखंड में संसाधनों की कमी नहीं है डॉक्टरों की कमी को अगर दूर कर दिया जाए तो नेत्र से जुड़े बीमारियों के लिए लोगों को बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा.

देखें पूरी खबर

आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. क्योंकि आंख में छोटी समस्या अगर होती है तो लोग उसे ध्यान नहीं देते हैं. जब देर हो जाता है तो वह रांची या फिर बाहर के अस्पताल का रुख करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके संस्था के द्वारा झारखंड के 50 फीसदी बच्चे को मुफ्त में इलाज किया जा रहा है और आगे भी इस तरह के इलाज किए जाएंगे.

बच्चों में आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए अभिभावकों को सुझाव देते हुए संतोष जी होनवार ने कहा कि जैसे ही बच्चों को आंख से जुड़ी समस्या होती हैं तो ज्यादातर अभिभावक शिशु रोग विशेषज्ञ के पास जाते हैं. लेकिन उन्हें पहले आंख से जुड़ी बीमारी के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास जाना की जरूरत है ताकि बचपन में ही बीमारी का पता चल सके और उसे जड़ से समाप्त किया जा सके. आज के दौर में टीवी, मोबाइल और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से लोगों के आंखों में समस्या बढ़ रही है. जरूरत है अपनी आंखों की सही देखभाल के लिए समय-समय पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करते रहें.

रिम्स नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ आर के गुप्ता बताते हैं कि इस तरह के कार्यशाला से रिम्स के डॉक्टरों को नई तकनीक सीखने को मिली. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से रिम्स के चिकित्सक और भी ज्यादा नई तकनीक के साथ लोगों का नेत्र का ऑपरेशन कर पाएंगे. डॉक्टर राजीव गुप्ता ने बताया कि कॉर्निया ट्रांसप्लांट को लेकर रिम्स लगातार बेहतर काम कर रहा है. वर्ष 2018 से लेकर अभी तक करीब 100 लोगों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया है जो कि निश्चित रूप से सराहनीय कदम है. इस तरह के कार्यशाला से आने वाले समय में रिम्स नेत्र के क्षेत्र में बेहतर कार्य करेगा.

इसके अलावा मौके पर मौजूद वरिष्ट नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भारती कश्यप ने बताया कि झारखंड में नेत्र से जुड़े बीमारियों के लिए निजी क्षेत्र में कई विकल्प है. लेकिन सरकारी क्षेत्र में जो कमी है उसे इस तरह के कार्यशाला से पूरी की जाएगी. वहीं इस कार्यशाला के दौरान नेत्रदान के लिए भी लोगों को जागरूक करने पर चर्चा की गई.

रांचीः बच्चों में आंख से जुड़ी कई बीमारियां देखी जा रही हैं. बच्चों की आंखों में समस्या होते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क तुरंत करना चाहिए. देश के प्रख्यात नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार का ये कहना है. वो रिम्स में आयोजित कार्यशाला में शामिल होने के लिए रांची (Eye surgeon Dr Santosh G Honavar in Ranchi) पहुंचे. रिम्स में उन्होंने राज्यभर के नेत्र रोग से जुड़े डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी.

इसे भी पढ़ें- नौनिहालों पर दें ध्यानः लैपटॉप-मोबाइल का लगातार इस्तेमाल डाल रहा बुरा असर, जानिए क्या कहते हैं नेत्र चिकित्सक

इलाहाबाद स्थित सेंटर फॉर साइट और झारखंड के रिम्स के संयुक्त प्रयास से कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य भर के नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक ने हिस्सा लिया. इसमें प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉक्टर संतोष जी होनवार भी शामिल (Dr Santosh G Honavar in workshop of RIMS) हुए. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में जानकारियां साझा की गयीं. जिसमें यह बताया जाएगा कि आंखों के कैंसर के लिए क्या-क्या नया ट्रीटमेंट चल रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि झारखंड में संसाधनों की कमी नहीं है डॉक्टरों की कमी को अगर दूर कर दिया जाए तो नेत्र से जुड़े बीमारियों के लिए लोगों को बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा.

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आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. क्योंकि आंख में छोटी समस्या अगर होती है तो लोग उसे ध्यान नहीं देते हैं. जब देर हो जाता है तो वह रांची या फिर बाहर के अस्पताल का रुख करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके संस्था के द्वारा झारखंड के 50 फीसदी बच्चे को मुफ्त में इलाज किया जा रहा है और आगे भी इस तरह के इलाज किए जाएंगे.

बच्चों में आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए अभिभावकों को सुझाव देते हुए संतोष जी होनवार ने कहा कि जैसे ही बच्चों को आंख से जुड़ी समस्या होती हैं तो ज्यादातर अभिभावक शिशु रोग विशेषज्ञ के पास जाते हैं. लेकिन उन्हें पहले आंख से जुड़ी बीमारी के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास जाना की जरूरत है ताकि बचपन में ही बीमारी का पता चल सके और उसे जड़ से समाप्त किया जा सके. आज के दौर में टीवी, मोबाइल और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से लोगों के आंखों में समस्या बढ़ रही है. जरूरत है अपनी आंखों की सही देखभाल के लिए समय-समय पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करते रहें.

रिम्स नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ आर के गुप्ता बताते हैं कि इस तरह के कार्यशाला से रिम्स के डॉक्टरों को नई तकनीक सीखने को मिली. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से रिम्स के चिकित्सक और भी ज्यादा नई तकनीक के साथ लोगों का नेत्र का ऑपरेशन कर पाएंगे. डॉक्टर राजीव गुप्ता ने बताया कि कॉर्निया ट्रांसप्लांट को लेकर रिम्स लगातार बेहतर काम कर रहा है. वर्ष 2018 से लेकर अभी तक करीब 100 लोगों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया है जो कि निश्चित रूप से सराहनीय कदम है. इस तरह के कार्यशाला से आने वाले समय में रिम्स नेत्र के क्षेत्र में बेहतर कार्य करेगा.

इसके अलावा मौके पर मौजूद वरिष्ट नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भारती कश्यप ने बताया कि झारखंड में नेत्र से जुड़े बीमारियों के लिए निजी क्षेत्र में कई विकल्प है. लेकिन सरकारी क्षेत्र में जो कमी है उसे इस तरह के कार्यशाला से पूरी की जाएगी. वहीं इस कार्यशाला के दौरान नेत्रदान के लिए भी लोगों को जागरूक करने पर चर्चा की गई.

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