रांचीः बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में स्पीकर ट्रिब्यूनल की ओर से मिले नोटिस पर हाईकोर्ट के स्टे के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. बाबूलाल मरांडी के मामले पर स्पीकर ट्रिब्यूनल में भी सुनवाई हुई. इसको लेकर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज यानी 17 दिसंबर को उनके ट्रिब्यूनल में दलबदल मामले की सुनवाई हुई. प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की तरफ से पक्ष रखा गया. सुनवाई की तारीख पहले से ही तय थी.
स्पीकर के नोटिस पर 13 जनवरी तक की रोक
हालांकि बाबूलाल मरांडी की तरफ से सुनवाई के दौरान कोई वकील उपस्थित नहीं हुए. यह पूछे जाने पर कि हाईकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर 13 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से जो भी कार्रवाई की गई है वह नियम संगत है. उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा की नियमावली में स्पीकर को दलबदल मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए नोटिस करने का अधिकार है और उसी आधार पर नोटिस दिया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या 13 जनवरी से पहले दलबदल मामले में आपकी तरफ से सुनवाई की कोई तारीख रखी जाएगी और क्या आप की तरफ से हाकोर्ट ने पक्ष रखा जाएगा. इसके जवाब में स्पीकर ने कहा कि उनके ट्रिब्यूनल में सुनवाई जारी रहेगी. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि 13 जनवरी से पहले तारीख रखी जाएगी या नहीं. जहां तक हाईकोर्ट में पक्ष रखने की बात है तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर विधि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया जाएगा.
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विधानसभा अध्यक्ष पर रहेगी नजर
इससे पहले दलबदल मामले में दूसरी बार प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की तरफ से स्पीकर के ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखा गया. बंधु तिर्की की तरफ से बताया गया कि जेवीएम के 3 में से 2 विधायकों का मर्जर नियम संगत हुआ है. दोनों विधायकों के मर्जर को कांग्रेस की भी स्वीकृति मिली थी. लेकिन राज्यसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा सदस्य की मान्यता दे दी थी और दोनों विधायकों को निर्दलीय बताया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि दोनों विधायकों के मामले में स्पीकर को फैसला लेना है. यानी प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का दावा है कि उनका मर्जर नियम संगत हुआ है. अब देखना है कि स्पीकर की तरफ से पूरे मामले पर क्या स्टैंड लिया जाता है.