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विश्व संगीत दिवस: पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा- विकास के दौर में लोक कला का हो रहा है क्षरण - ईटीवी झारखंड न्यूज

विश्व संगीत दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत ने नागपुरी नृत्य कला के स्तंभ और पद्मश्री सम्मान से विभूषित मुकुंद नायक से खास बातचीत की. मुकुंद नायक ने कहा कि संगीत मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है और सृष्टि के निर्माण काल से ही इसका प्रादुर्भाव हुआ है. बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी तारीफ की.

पद्मश्री मुकुंद नायक से खास बातचीत
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Published : Jun 21, 2019, 6:21 PM IST

रांची: विश्व संगीत दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने राज्य में नागपुरी नृत्य कला के स्तंभ और पद्मश्री सम्मान से विभूषित मुकुंद नायक से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में लोक कला का क्षरण हो रहा है. इस संबंध में समाज के हर वर्ग के लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए.

पद्मश्री मुकुंद नायक से खास बातचीत

मुकुंद नायक ने कहा कि संगीत मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है और सृष्टि के निर्माण काल से ही इसका प्रादुर्भाव हुआ है. उन्होंने कहा कि मानव के साथ-साथ वन्यजीव भी संगीत से जुड़े हुए हैं. पदमश्री नायक ने बताया कि संयोग की बात यह है कि विश्व संगीत दिवस और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ही दिन मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची आए हैं, यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.

पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अखरा हुआ करता था, वहां न केवल संगीत के कार्यक्रम होते थे बल्कि हर आयोजन को लेकर चर्चा होती थी, धीरे-धीरे उनकी संख्या कम होते जा रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में उन अखरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत है.

रांची: विश्व संगीत दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने राज्य में नागपुरी नृत्य कला के स्तंभ और पद्मश्री सम्मान से विभूषित मुकुंद नायक से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में लोक कला का क्षरण हो रहा है. इस संबंध में समाज के हर वर्ग के लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए.

पद्मश्री मुकुंद नायक से खास बातचीत

मुकुंद नायक ने कहा कि संगीत मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है और सृष्टि के निर्माण काल से ही इसका प्रादुर्भाव हुआ है. उन्होंने कहा कि मानव के साथ-साथ वन्यजीव भी संगीत से जुड़े हुए हैं. पदमश्री नायक ने बताया कि संयोग की बात यह है कि विश्व संगीत दिवस और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ही दिन मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची आए हैं, यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.

पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अखरा हुआ करता था, वहां न केवल संगीत के कार्यक्रम होते थे बल्कि हर आयोजन को लेकर चर्चा होती थी, धीरे-धीरे उनकी संख्या कम होते जा रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में उन अखरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत है.

Intro:रांची। राज्य में नागपुरी नृत्य कला के स्तंभ और पद्मश्री सम्मान से विभूषित मुकुंद नायक का मानना है कि मौजूदा दौर में लोक कला का क्षरण हो रहा है। इस संबंध में समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान देना चाहिए। विश्व संगीत दिवस के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए शुक्रवार को मुकुंद नायक ने कहा कि संगीत मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है और सृष्टि के निर्माण काल से ही इसका प्रादुर्भाव हुआ है। उन्होंने कहा कि मानव के साथ-साथ वन्यजीव ही संगीत से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि संगीत का मतलब गाना, बजाना और नाचना है ऐसे में हर व्यक्ति को इसके हर क्षण को जीना चाहिए।


Body:पदमश्री नायक ने कहा कि संयोग की बात यह है कि विश्व संगीत दिवस और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ही दिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची आए हैं। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि योग का प्रचलन ऋषि-मुनियों द्वारा किया गया और यह देश और दुनिया में किया जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा मौजूदा दौर में लोक कला और लोक वाद्य यंत्र का क्षरण होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल पहले संगीत गांव घर की चीज थी लेकिन विकास के दौर में लोग उसे भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को इस बाबत सोचना चाहिए कि संगीत को जिंदा कैसे रखा जाए।


Conclusion:उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अखरा हुआ करता था। वहां न केवल संगीत के कार्यक्रम होते थे बल्कि हर आयोजन को लेकर चर्चा होती थी। धीरे-धीरे उनकी संख्या कम होते जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में उन अखरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत है।
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