रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से ऊपर की तरफ जा रहा है. रांची और जमशेदपुर की स्थिति दिन-ब-दिन बगड़ती जा रही है. 24 घंटे के भीतर झारखंड में 1086 लोग संक्रमित हुए हैं. रांची में 569 और जमशेदपुर में 99 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है. संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 5882 हो गई है. दूसरी तरफ कई सेंटर पर लोगों को वैक्सीन नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से वर्तमान हालात पर बात की.
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झारखंड को मिल जाएगा वैक्सीन का 10 लाख डोज
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अभी कोरोना वैक्सीन का ढाई लाख डोज उपलब्ध है और कल तक 10 लाख डोज झारखंड को मिल जाएगा. इसलिए वैक्सीन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. हालांकि डोज की उपलब्धता पर उन्होंने सिर्फ संभावना जताई है. उनका मानना है कि कल तक वैक्सीन नहीं आई तो परसों तक जरूर आ जाएगी. उन्होंने माना कि मार्च के पहले सप्ताह तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 500 से भी कम हो गई थी. इसकी वजह से सिस्टम लाइड मोड में चला गया था. लेकिन फिर से रफ्तार बढ़ रही है.
सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड में पैनिक होने वाली स्थिति नहीं है. लेकिन सरकार इस मामले पर पूरी नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि आज ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक होनी है. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इसमें तमाम मसलों पर चर्चा होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मंगलवार शाम छह बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से उनकी मीटिंग होने वाली है. तमाम फीडबैक के आधार पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने माना की झारखंड में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. अब वक्त आ गया है कि कुछ ठोस फैसला लिया जाए. अब क्या फैसला लिया जाएगा यह शाम तक साफ हो जाएगा.
मनमानी करने वाले निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से पूछा गया कि कोरोना जांच के नाम पर निजी अस्पतालों की तरफ से मनमानी वसूली की बात सामने आ रही है. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों सरायकेला के एक निजी अस्पताल पर कार्रवाई की गई है. उसे आयुष्मान की लिस्ट से अलग कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में कोई भी निजी अस्पताल इसे आर्थिक दोहन का जरिया बनाता है तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. यानी अगर किसी निजी अस्पताल में कोरोना इलाज के नाम पर आपसे मनमाना पैसा वसूला जा रहा है तो आप स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर साक्ष्य के साथ शिकायत कर सकते हैं.