रांची: झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी अपना 19वां स्थापना सप्ताह मना रहा है. 21 सितंबर से लेकर 27 सितंबर तक स्थापना सप्ताह चलेगा. इसे देखते हुए झारखंड पुलिस के द्वारा पूरे राज्य में विशेष सतर्कता बढ़ाने के साथ-साथ अलर्ट भी जारी किया गया है. स्थापना सप्ताह को लेकर माओवादियों के द्वारा जारी किए गए पत्र में पहली बार 1932 के खतियान को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं. भाकपा माओवादियों ने पीडब्ल्यूजी और एमसीसीआई के विलय को लेकर नक्सली हर साल स्थापना सप्ताह मनाते हैं.
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अलर्ट पर पुलिस: भाकपा माओवादी स्थापना सप्ताह मनाया जा रहा है. माओवादियों के स्थापना सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी नक्सल प्रभाव वाले जिलों को अलर्ट किया है. वहीं केंद्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों, केंद्रीय संगठनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और रेलवे को विशेष तौर पर सतर्क रहने का निर्देश दिया है. सभी सीमावर्ती जिलों पर भी चौकसी बरतने का आदेश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है. भाकपा माओवादियों ने पीडब्ल्यूजी और एमसीसीआई के विलय के 19वीं बरसी पर प्रेस बयान जारी कर केंद्र व राज्य सरकार के क्रियाकलापों का विरोध किया है.
पहली बार 1932 के खतियान पर रखी राय: भाकपा माओवादियों ने स्थापना सप्ताह पर जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में 1932 के खतियान के नाम पर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर जनता को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया है. माओवादियों ने लिखा है कि स्थानीयता नीति बनाना ही था तो हेमंत सरकार ने शुरुआती सालों में क्यों नहीं बनाया. स्थानीयता नीति 1932 के आधार पर बन भी गई तो इसे कोई लाभ नहीं होने वाला, क्योंकि सीएनटी और एसपीटी एक्ट के होने के बाद भी आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा हो रहा है, उन्हें विस्थापित किया जा रहा है. माओवादियों ने यह भी लिखा है कि बालू और पत्थर का घोटाला करने वाली हेमंत सरकार चुनावी फायदे के लिए जनहित की बात कर रही है.