रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग में बीते चार साल में हुए कार्यों की जांच का आदेश दिया है. जांच के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई गई है.
क्या है आदेश ?
इस संबंध में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने आदेश भी जारी कर दिया है. वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख रासबिहारी सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है. झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी की ओर से जारी किए गए आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि विकास आयुक्त जांच समिति के अध्यक्ष होंगे. वहीं योजना विभाग के अपर मुख्य सचिव और पथ निर्माण, भवन निर्माण, ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभाग के सचिव सदस्य होंगे. मुख्य सचिव के आदेश में यह जिक्र है कि सभी विभागों में पिछले 3 वर्षों में निकाली गई निविदाओं की जांच की जाए.
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क्या है रास बिहारी सिंह पर आरोप ?
वहीं, राज्य सरकार ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख रासबिहारी सिंह को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का भी आदेश जारी किया गया है. पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख रासबिहारी पर सही आरोप है कि उनकी लापरवाही के कारण 7 करोड़ रुपये का गबन हुआ है उन पर सरकारी नियमों की अनदेखी का भी आरोप है.