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फाइन की राशि कम करना रांची नगर निगम को पड़ा महंगा, CM के संज्ञान के बाद निगम ने दी सफाई - रांची नगर निगम

निगम के परमिशन के बिना स्टॉल लगाने पर एनफोर्समेंट टीम ने काटे गए फाइन को कम कर दिया था. जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है. जिसके बाद निगम ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक फाइन काटा जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में 1 साल का फाइन काट दिया गया था. इस लिए संशोधन करते हुए फाइन की राशि को कम की गई.

Enforcement team fined stall for not taking permission from municipal corporation
रांची नगर निगम
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Published : Feb 3, 2020, 4:45 PM IST

रांची: निगम के परमिशन के बिना स्टॉल लगाए जाने के मामले पर एनफोर्समेंट टीम ने लाखों के काटे गए फाइन को कम कर दिया था, फाइन कम करना निगम को महंगा पड़ गया है. इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया.

देखें पूरी खबर

जिसके बाद निगम ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक फाइन काटा जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में 1 साल का फाइन काट दिया गया था. इस लिए संशोधन करते हुए फाइन की राशि को कम की गई.

इस पर उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार ने सोमवार को फाइन की राशि की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत जुर्माने के राशि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक ली जाती है और उस लिहाज से बाजार शाखा से संपर्क करने के बाद फाइन की राशि को कम किया गया है.

ये भी देखें- हेमंत सरकार से किसानों को कर्ज माफी की है उम्मीद, कैबिनेट में जल्द आ सकता है फैसला

उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट टीम के पास जानकारी कम थी इसलिए पहले 1 साल के फाइन की राशि काटी गई थी. लेकिन बाजार शाखा से जानकारी ली गई तो पता चला कि कार के प्रचार के लिए न्यूक्लियस मॉल के पास मात्र 3 दिनों के लिए स्टॉल लगाया गया था. जिसके बाद फाइन की राशि में संशोधन किया गया है.

बता दें कि शनिवार को शहर के न्यूक्लियस मॉल के पास एक कार कंपनी ने प्रचार के लिए स्टॉल लगाया था. बिना निगम के अनुमति के स्टॉल लगाने पर पहले 1.42 लाख रुपये का जुर्माना काटा गया, लेकिन बाद में इसे घटाकर 35 हजार रुपए कर दिया गया. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके नगर निगम आयुक्त को राशि कम किए जाने पर नसीहत भी दी. जिसका जवाब नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत ट्वीट करके दिया गया.

रांची: निगम के परमिशन के बिना स्टॉल लगाए जाने के मामले पर एनफोर्समेंट टीम ने लाखों के काटे गए फाइन को कम कर दिया था, फाइन कम करना निगम को महंगा पड़ गया है. इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया.

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जिसके बाद निगम ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक फाइन काटा जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में 1 साल का फाइन काट दिया गया था. इस लिए संशोधन करते हुए फाइन की राशि को कम की गई.

इस पर उपनगर आयुक्त रजनीश कुमार ने सोमवार को फाइन की राशि की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत जुर्माने के राशि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक ली जाती है और उस लिहाज से बाजार शाखा से संपर्क करने के बाद फाइन की राशि को कम किया गया है.

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उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट टीम के पास जानकारी कम थी इसलिए पहले 1 साल के फाइन की राशि काटी गई थी. लेकिन बाजार शाखा से जानकारी ली गई तो पता चला कि कार के प्रचार के लिए न्यूक्लियस मॉल के पास मात्र 3 दिनों के लिए स्टॉल लगाया गया था. जिसके बाद फाइन की राशि में संशोधन किया गया है.

बता दें कि शनिवार को शहर के न्यूक्लियस मॉल के पास एक कार कंपनी ने प्रचार के लिए स्टॉल लगाया था. बिना निगम के अनुमति के स्टॉल लगाने पर पहले 1.42 लाख रुपये का जुर्माना काटा गया, लेकिन बाद में इसे घटाकर 35 हजार रुपए कर दिया गया. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके नगर निगम आयुक्त को राशि कम किए जाने पर नसीहत भी दी. जिसका जवाब नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत ट्वीट करके दिया गया.

Intro:रांची.निगम के परमिशन के बिना स्टॉल लगाए जाने के मामले पर
एनफोर्समेंट टीम के द्वारा काटे गए लाखों के फाइन को कम किया जाना। निगम को महंगा पड़ गया। इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान में लिया। जिसके बाद निगम ने सफाई देते हुए कहा है कि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक फाइन काटा जाता है।लेकिन जानकारी के अभाव में 1 वर्ष का फाइन काट दिया गया था। इस लिए संशोधन करते हुए फाइन की राशि को कम की गई।


Body:उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार ने सोमवार को फाइन की राशि की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत जुर्माने के राशि अस्थाई संरचना के लिए त्रैमासिक ली जाती है और उस लिहाज से बाजार शाखा से संपर्क करने के बाद फाइन की राशि को कम किया गया है। उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट टीम के द्वारा जानकारी के अभाव में पहले 1 साल के फाइन की राशि काटी गई थी। लेकिन बाजार शाखा से जानकारी ली गई तो पता चला कि कार के प्रचार के लिए न्यूक्लियस मॉल के पास मात्र 3 दिनों के लिए स्टॉल लगाया गया था। जिसके बाद फाइन की राशि में संशोधन किया गया है।


Conclusion:बता दें कि शनिवार को शहर के न्यूक्लियस मॉल के पास एक कार कंपनी द्वारा प्रचार के लिए स्टॉल लगाया गया था।
बिना निगम के अनुमति के स्टॉल लगाने पर पहले 1.42 लाख रुपये का जुर्माना काटा गया। लेकिन बाद में इसे घटाकर 35 हजार रुपये कर दिया गया। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके नगर निगम आयुक्त को राशि कम किए जाने पर नसीहत भी दी। जिसका जवाब नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा के तहत ट्वीट करके दिया गया।
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