रांची: झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण प्रकृति के बेहद करीब हैं. इनका जल, जंगल और जानवरों से बेहद लगाव है. रांची के बेड़ो थाना क्षेत्र के घाघरा गांव के जंगल में एक हाथी की मौत पर ग्रामीणों का ये लगाव साफ दिखा. ग्रामीणों ने जंगली हाथी की मौत पर उसे दफनाने से पहले उसकी विधिवत पूजा-अर्चना की.
घाघरा गांव में जंगल किनारे एक खेत में बुधवार की सुबह करंट लगने से एक विशालकाय जंगली हाथी की मौत हो गई थी. इसके बाद ग्रामीणों ने मृतक हाथी की सिंदूर और अगरबत्ती के साथ विधिवत पूजा की. वन विभाग के रेंज अधिकारी रामाशिष सिंह, वनकर्मी, हाथी भगाओ टीम और पशु चिकित्सक भी मौके पर पहुंचे. हाथी के शव को परिक्षण के बाद जेसीबी की मदद से नमक डाल कर दफनाने की प्रक्रिया की गई. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जो भी इस मामले में दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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झारखंड में अक्सर हाथियों के उत्पात की खबर मिलती है. जंगलों से निकलकर हाथी गांवों के करीब पहुंच जाते हैं. इसके बाद खेतों में फसल रौंदना और गांवों में घरों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाओं से ग्रामीण परेशान रहते हैं. इन सब के बावजूद प्रकृति से लगाव के चलते ग्रामीणों ने हाथी की मौत पर विधिवत पूजा की.
हाथियों की संख्या में गिरावट
झारखंड में हाथियों की संख्या करीब 555 है. राज्य में सबसे अधिक हाथी पलामू टाइगर प्रोजेक्ट एरिया में पाए जाते हैं. रांची क्षेत्र में हाथियों की कुल संख्या 66 है.
क्या है मामला
बुधवार को रांची के बेड़ो थाना क्षेत्र के घाघरा गांव में एक जंगली हाथी चला आया था, जहां करंट लगने से उसकी मौत हो गई. जानकारी के अनुसार किसान लकड़ी का खूंटा गाड़ कर सिंचाई के लिए बिजली का नंगा तार खेत ले गया था. जंगल में खेत होने के कारण सुबह होते ही जंगली हाथियों का झुंड जंगल से निकलकर खेतों का ओर जा रहा था. इसी क्रम में एक हाथी करंट की चपेट में आ गया.