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2024 की चुनावी जंग: रांची सहित अन्य शहरों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, जानिए कितना रखा गया है लक्ष्य - Jharkhand news

झारखंड के रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसे शहरों में चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत 80% से अधिक सुनिश्चित करने के उदेश्य से इन दिनों मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय विशेष रूप से काम करने में जुटे हैं. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर झारखंड सहित पूरे देश भर के वैसे शहर और जिलों में स्थित मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया है जहां पर आमतौर पर चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत कम रहता है.

Election commission preparing to increase voting percentage
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Published : Aug 5, 2023, 7:28 PM IST

रांची: झारखंड के आधा दर्जन से अधिक ऐसे शहर हैं जहां चुनाव के दौरान मतदाता मतदान में भाग नहीं लेते हैं. इस वजह से चुनाव का प्रतिशत काफी कम रहता है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार का मानना है कि ऐसे शहरों को चिन्हित कर चुनाव आयोग के द्वारा विशेष कार्य योजना बनाई गई है. जिसमें हेल्थी रोल हेल्थी पोल अभियान के तहत जहां बीएएलओ के द्वारा घर घर मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Ranchi News: वास्तविक मतदाताओं की खोज में निकला चुनाव आयोग, घर पर स्टीकर लगा बीएलओ करेंगी वोटर की पहचान

वहीं 1 जनवरी 2024 को अहर्ता तिथि मानते हुए 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया जा रहा है. चुनाव के दौरान मतदाताओं की उदासीनता की वजहों को भी जानने की कोशिश चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही है. स्थानीय कारण है या कोई और वजह जिसके कारण से वोटर घर से नहीं निकल पाते हैं. उन कारणों को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी और लक्ष्य ही रखा गया है कि अगले चुनाव के दौरान 80% से अधिक मतदान ऐसे जगहों पर हो.

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इन दिनों ईवीएम की फर्स्ट लेवल जांच चल रही है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार 1 अगस्त से राज्य के 12 जिलों में ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग शुरू हो गई है और जल्द ही इसी महीने यानी अगस्त में ही सभी जिलों में इसकी शुरुआत हो जाएगी. इसके अलावा चुनाव को लेकर जो प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे थे वह भी पूरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि रांची और जमशेदपुर में शिक्षकों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई है. इन दो जिलों में निर्वाचन कार्य में हो रही परेशानी को देखते हुए शिक्षकों को बीएलओ के रूप में लगाया गया है. शिक्षकों को बीएलओ की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के तहत लगाने का प्रावधान है.

रांची: झारखंड के आधा दर्जन से अधिक ऐसे शहर हैं जहां चुनाव के दौरान मतदाता मतदान में भाग नहीं लेते हैं. इस वजह से चुनाव का प्रतिशत काफी कम रहता है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार का मानना है कि ऐसे शहरों को चिन्हित कर चुनाव आयोग के द्वारा विशेष कार्य योजना बनाई गई है. जिसमें हेल्थी रोल हेल्थी पोल अभियान के तहत जहां बीएएलओ के द्वारा घर घर मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है.

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वहीं 1 जनवरी 2024 को अहर्ता तिथि मानते हुए 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया जा रहा है. चुनाव के दौरान मतदाताओं की उदासीनता की वजहों को भी जानने की कोशिश चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही है. स्थानीय कारण है या कोई और वजह जिसके कारण से वोटर घर से नहीं निकल पाते हैं. उन कारणों को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी और लक्ष्य ही रखा गया है कि अगले चुनाव के दौरान 80% से अधिक मतदान ऐसे जगहों पर हो.

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इन दिनों ईवीएम की फर्स्ट लेवल जांच चल रही है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार 1 अगस्त से राज्य के 12 जिलों में ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग शुरू हो गई है और जल्द ही इसी महीने यानी अगस्त में ही सभी जिलों में इसकी शुरुआत हो जाएगी. इसके अलावा चुनाव को लेकर जो प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे थे वह भी पूरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि रांची और जमशेदपुर में शिक्षकों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई है. इन दो जिलों में निर्वाचन कार्य में हो रही परेशानी को देखते हुए शिक्षकों को बीएलओ के रूप में लगाया गया है. शिक्षकों को बीएलओ की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के तहत लगाने का प्रावधान है.

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