रांचीः गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एक ही दिन में पांच एफआईआर दर्ज कराने के मामले में देवघर उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव आयोग ने तत्काल हटाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा आयोग ने राज्य सरकार को भविष्य में आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को किसी भी चुनाव ड्यूटी की जिम्मेदारी न देने की हिदायत दी है यानी चुनाव कार्य के लिए देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ब्लैकलिस्ट कर दिया है. मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में मंजूनाथ भजंत्री के विरुद्ध अनुशासनात्मक कारवाई शुरू करते हुए 15 दिनों के अंदर कर आयोग को सूचित करने के लिए कहा गया है.
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भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और राज्य सरकार को चिठ्ठी भेजी है. इससे पहले नवंबर में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एक ही दिन में पांच एफआईआर दायर किए जाने के मामले में देवघर उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. देवघर उपायुक्त से इस मामले में 10 दिन के भीतर जवाब चुनाव आयोग को भेजने को कहा था.
![Election Commission blacklisted Deoghar DC Manjunath Bhajantri](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-07-chunaw-ayog-karwai-updated-7209874_06122021220952_0612f_1638808792_19.jpg)
क्या था मामला
मधुपुर विधानसभा उपचुनाव 2021 इस वर्ष 17 अप्रैल को हुआ था. इस दौरान सांसद निशिकांत दूबे पर चुनाव आचार संहिता के आरोप लगे थे. जिला प्रशासन ने करीब 06 महीने बाद 24 अक्टूबर को एक साथ पांच कांड चार विभिन्न थानों में दर्ज कराए थे. देवघर नगर थाना में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, मधुपुर थाने में बीडीओ राजीव कुमार सिंह, चितरा थाने में बीडीओ पल्लवी सिन्हा और देवीपुर थाने में बीडीओ अभय कुमार के आवेदन पर कांड दर्ज किया गया था. सभी केस में मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में कानूनों का उल्लंघन और नियम विरुद्ध क्रियाकलापों का आरोप लगाया गया था. मधुपुर और चितरा थाना में दर्ज कांड में सांसद निशिकांत दूबे पर 15 अप्रैल को अपने ट्विटर एकांउट से आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप था.
![Election Commission blacklisted Deoghar DC Manjunath Bhajantri](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-07-chunaw-ayog-karwai-updated-7209874_06122021220952_0612f_1638808792_479.jpg)
रास नहीं आई डीसी भजंत्री की दलील
भारत निर्वाचन आयोग के पत्र में कहा गया था कि देवघर के उपायुक्त जिला निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के 26 अक्टूबर 2021 के पत्रांक 2472 और 27 अक्टूबर 2021 के पत्रांक 2497 के साथ सौंपे गए दस्तावेज के परीक्षण से स्पष्ट होता है कि एफआईआर दर्ज कराने में हुई देरी का उनके द्वारा बताया गया कारण साक्ष्य पर आधारित नहीं है और इसलिए उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए.
पत्र में कहा गया था कि सांसद डॉ. निशिकांत दुबे द्वारा किए गए कथित आपराधिक कृत्य और उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दायर एफआईआर के बीच 6 महीने से अधिक का अंतराल है. बिना किसी पर्याप्त कारण के विलंब से एफआईआर दर्ज कराना न केवल अभियोजन पक्ष के लिए समस्या पैदा कर सकता है बल्कि यह अधिकारों के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करता है. इन टिप्पणियों के बाद देवघर डीसी ने आयोग को जवाब सौंपा था जिसे अमान्य करते हुए चुनाव आयोग ने बड़ी कारवाई की है.