रांची: पंचायती राज को मजबूत करने के लिए जल्द ही मुखिया की शक्ति बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर ग्रामीण विकास मंत्री की ओर से कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा जिसके तहत गांव के अंदर विकास कार्यों के लिए मुखिया ढाई लाख की जगह 5 लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे.
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अब मुखिया के अधिकार बढ़ाने की भी कवायद की जा रही है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister Alamgir Alam) ने कहा है कि जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा जिसके तहत मुखिया ढाई लाख की जगह 5 लाख रुपए तक खर्च कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाके में जल मीनार की लागत 4 से 5 लाख के बीच आती है. पहले के सिस्टम के मुताबिक जल मीनार के लिए खर्च की राशि के लिए मुखिया को दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था. मुखिया को ढाई लाख रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया है. ऑडिट में भी दिक्कत होती है. इसलिए इसे कैबिनेट में लाया जाएगा जिसके बाद मुखिया 5 लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे.
झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता क्या बोले?
झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा (Jharkhand Congress spokesperson Rakesh Sinha) ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था की परिकल्पना संचार क्रांति के जनक कहे जाने वाले स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की थी. यह परिकल्पना का अंग था कि गांव की सरकार गांव में ही रहे. इसी के तहत महागठबंधन की सरकार की ओर से पंचायती राज को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम की ओर से इस परिकल्पना को सार्थक करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे गांव के विकास की दिशा में सार्थक पहल होगी और इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. कुल मिलाकर यह एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि वर्तमान गठबंधन सरकार ही पंचायती राज व्यवस्था को पूरी तरह से मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है.