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रांची विवि में शिक्षकों के 560 पद रिक्त, 1990-91 के बाद अब तक नहीं हुई है बहाली

रांची विश्वविद्यालय इन दिनों शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. जिसके कारण विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा है. वर्ष 1990-91 में हुई शिक्षक नियुक्ति के बाद अब तक दोबारा शिक्षक बहाली नहीं हुई है. जिससे आरयू में फिलहाल 560 शिक्षक के पद रिक्त है.

रांची विश्वविद्यालय
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Published : Sep 2, 2019, 11:12 PM IST

रांची: राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों की भारी कमी है. जिसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. आरयू के कई पीजी विभागों और अंगीभूत कॉलेजों में विषयवार शिक्षकों की भारी कमी है. 1990-91 के बाद इस विश्वविद्यालय में अब तक नियमित रूप से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है.

देखें पूरी खबर

रांची विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने का सपना अंधेरे में नजर आ रहा है. आरयू के अधिकतर पीजी विभागों और कॉलेजो में शिक्षकों की पद रिक्त हैं, लेकिन इस दिशा में विवि प्रशासन और राज्य सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है. शिक्षक नियुक्ति के नाम पर विवि प्रशासन द्वारा इस वर्ष लगभग 415 अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति जरूर की गई है, लेकिन इन शिक्षकों के भरोसे विश्वविद्यालय का पठन-पाठन सुचारू तरीके से नहीं हो पा रहा है.

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वर्ष 1990-91 के बाद नहीं हुई है शिक्षक बहाली

रांची विश्वविद्यालय में नियमित रूप से कक्षा के संचालन के लिए विवि प्रशासन को स्थाई शिक्षकों को बहाल करना अति आवश्यक है. इस विश्वविद्यालय में 1990-91 के बाद नियमित शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है. जिसके बाद से लगातार सेवानिवृत्ति का दौर जारी है और शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि पीजी विभागों समेत कई कॉलेजों में कक्षाएं किस तरह संचालित हो रहे होंगे.

शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र नेता सौरव कुमार बताते हैं कि विश्वविद्यालय में पिछले कई सालों से शिक्षकों की भारी कमी है. जिसको लेकर वीसी रमेश कुमार पांडे को लिखित आवेदन के जरिए शिक्षको की कमी पूरा करने की मांग की गई है. वहीं, वीसी रमेश कुमार पांडे भी मानते हैं कि आरयू को शिक्षकों की सख्त जरूरत है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति हो सके. हलांकि शिक्षकों की कमी दूर करने के उद्देश्य से ही कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक को रखा गया है.

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आरयू में 560 शिक्षकों के पद है रिक्त

बता दें कि रांची विश्वविद्यालय में वर्ष1990-91 में शिक्षक बहाली के दौरान 1100 शिक्षकों के पद सृजित किए गए थे. जिसके बाद से धीरे-धीरे शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और दुबारा अबतक शिक्षक बहाली नहीं हुआ है. फिलहाल आरयू में 560 शिक्षकों के पद रिक्त है. वहीं, विद्यार्थियों को जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना चाहिए वह शिक्षा फिलहाल रांची विश्वविद्यालय मुहैया कराने में असमर्थ साबित हो रही है. इस दिशा में विवि प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग को भी सोचना जरूरी है नहीं तो आने वाले दिनों में विद्यार्थियों को पठन-पाठन को लेकर परेशानियों का सामना पड़ सकता है.

रांची: राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों की भारी कमी है. जिसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. आरयू के कई पीजी विभागों और अंगीभूत कॉलेजों में विषयवार शिक्षकों की भारी कमी है. 1990-91 के बाद इस विश्वविद्यालय में अब तक नियमित रूप से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है.

देखें पूरी खबर

रांची विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने का सपना अंधेरे में नजर आ रहा है. आरयू के अधिकतर पीजी विभागों और कॉलेजो में शिक्षकों की पद रिक्त हैं, लेकिन इस दिशा में विवि प्रशासन और राज्य सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है. शिक्षक नियुक्ति के नाम पर विवि प्रशासन द्वारा इस वर्ष लगभग 415 अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति जरूर की गई है, लेकिन इन शिक्षकों के भरोसे विश्वविद्यालय का पठन-पाठन सुचारू तरीके से नहीं हो पा रहा है.

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वर्ष 1990-91 के बाद नहीं हुई है शिक्षक बहाली

रांची विश्वविद्यालय में नियमित रूप से कक्षा के संचालन के लिए विवि प्रशासन को स्थाई शिक्षकों को बहाल करना अति आवश्यक है. इस विश्वविद्यालय में 1990-91 के बाद नियमित शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है. जिसके बाद से लगातार सेवानिवृत्ति का दौर जारी है और शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि पीजी विभागों समेत कई कॉलेजों में कक्षाएं किस तरह संचालित हो रहे होंगे.

शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र नेता सौरव कुमार बताते हैं कि विश्वविद्यालय में पिछले कई सालों से शिक्षकों की भारी कमी है. जिसको लेकर वीसी रमेश कुमार पांडे को लिखित आवेदन के जरिए शिक्षको की कमी पूरा करने की मांग की गई है. वहीं, वीसी रमेश कुमार पांडे भी मानते हैं कि आरयू को शिक्षकों की सख्त जरूरत है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति हो सके. हलांकि शिक्षकों की कमी दूर करने के उद्देश्य से ही कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक को रखा गया है.

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आरयू में 560 शिक्षकों के पद है रिक्त

बता दें कि रांची विश्वविद्यालय में वर्ष1990-91 में शिक्षक बहाली के दौरान 1100 शिक्षकों के पद सृजित किए गए थे. जिसके बाद से धीरे-धीरे शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और दुबारा अबतक शिक्षक बहाली नहीं हुआ है. फिलहाल आरयू में 560 शिक्षकों के पद रिक्त है. वहीं, विद्यार्थियों को जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना चाहिए वह शिक्षा फिलहाल रांची विश्वविद्यालय मुहैया कराने में असमर्थ साबित हो रही है. इस दिशा में विवि प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग को भी सोचना जरूरी है नहीं तो आने वाले दिनों में विद्यार्थियों को पठन-पाठन को लेकर परेशानियों का सामना पड़ सकता है.

Intro:डे प्लान।

रांची।

पूरे राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों की भारी कमी है .अधिकतर विभागों के विभिन्न विषयों के लिए शिक्षक नियुक्त करना जरूरी है. लेकिन इस दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहा है .रांची विश्वविद्यालय की अगर हम बात करें तो इस विश्वविद्यालय में 1990 -91 के बाद अब तक नियमित रूप से शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हुई है. लगातार सेवानिवृत्ति का दौर जारी है और शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं.


Body:बिना शिक्षकों के विश्वविद्यालय में पठन-पाठन कितनी सुचारू रूप से चल रही है. यह तो विद्यार्थी खुद बयां कर रहे हैं .रांची विश्वविद्यालय के अधिकतर विभागों में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं. लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है. नियुक्ति को लेकर विवि प्रशासन द्वारा काम चलाने के लिए अनुबंध पर लगभग 415 शिक्षकों की नियुक्ति जरूर की गई है. लेकिन इन शिक्षकों के भरोसे विश्वविद्यालय का पठन-पाठन सुचारू तरीके से चलाना यह कठिन है .जिस तरीके का प्रयास विवि प्रशासन द्वारा करने की जरूरत है .वह प्रयास अब तक नहीं दिखा है. बताते चले कि रांची विश्वविद्यालय में वर्ष 1990 -91 के दौरान 1100 शिक्षकों के पद सृजित किए गए थे .धीरे-धीरे शिक्षक सेवानिवृत्त होते गए और रिक्त पड़े पदों को भरे जाने की कोशिश नहीं हुई. अभी विश्वविद्यालय के 560 शिक्षकों के पद रिक्त है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पीजी समेत विभिन्न कॉलेजों में कक्षाएं किस आधार पर संचालित हो रही है. समय-समय पर विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव जरूर बनाया जाता रहा है. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. वीसी रमेश कुमार पांडे भी मानते हैं कि विश्वविद्यालय को शिक्षकों की सख्त जरूरत है .लेकिन सरकार के स्तर पर इस दिशा में अब तक कदम नहीं बढ़ाया गया है और शिक्षकों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से ही कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षक रखे जा रहे हैं.

बाइट-सौरव, छात्र नेता।

बाइट-रमेश कुमार पांडे।


Conclusion:विद्यार्थियों को जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना चाहिए वह शिक्षा फिलहाल रांची विश्वविद्यालय मुहैया कराने में असमर्थ साबित हो रही है. इस दिशा में विवि प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग को भी सोचना जरूरी है नहीं तो आने वाले दिनों में विद्यार्थियों को पठन-पाठन को लेकर और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
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