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अवैध खनन मामले में ईडी की कार्रवाई, आईएएस-आईपीएस सहित कई को बनाया गवाह

अवैध खनन मामले (illegal mining case) में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. ईडी ने मामले में कई लोगों को गवाह बनाया है. जिसमें आईएएस, आईपीएस समेत अन्य लोग शामिल हैं.

ED witnesses many people including IAS IPS
ED witnesses many people including IAS IPS
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Published : Nov 24, 2022, 8:31 AM IST

रांचीः झारखंड के साहिबगंज जिले में 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन के जरिए की गई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गवाह बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मामले में ईडी ने आईएएस अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, वन सेवा से जुड़े अधिकारियों, बैंक के अफसरों के साथ साथ बड़े पैमानें पर कारोबारियों को अपना गवाह बनाया (ED witnesses many people including IAS IPS) है.

ये भी पढ़ेंः 1000 करोड़ के अवैध खनन में आरोपी बनेगा अमित अग्रवाल, ईडी कर रही है तैयारी


अवैध खनन की शिकायत करने वाले भी बने गवाहः ईडी ने पूर्व में अवैध खनन के खिलाफ शिकायत कर चुके लोगों को भी अपना गवाह बनाया है. ईडी की तरफ से इस मामले की जांच में जुटे असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा, रांची में पूर्व में पोस्टेड रहे डिप्टी डायरेक्टर सुबोध कुमार, ऋषिकेश पांडेय, अनुपम कुमार, अवध बिहारी राय को भी गवाहों की सूची में रखा गया है.

प्रमुख आरोपियों के गवाह बने सरफुद्दीनः ईडी ने इस मामले में बरहरवा थाने में मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत 11 लोगों पर दर्ज केस के अनुसंधानक सरफुद्दीन खान को गवाह बनाया है. गौरतलब है कि शंभूनंदन भगत के द्वारा बरहरवा थाने में टॉल टेंडर को लेकर विवाद से जुड़ा केस दर्ज किया गया था. इस केस को ही ईडी ने टेकओवर किया था. इस मामले में उन्हें भी गवाह बनाया गया है.

वहीं मुंगेर के रोहित कुमार, मुकेश यादव, शिव कुमार प्रसाद, रमेश पासवान, पूर्व में डीएमओ विभूति कुमार व पंकज मिश्रा पर केस कराने वाले विनोद हांसदा, पत्थर कारोबारी विनोद कुमार जायसवाल को भी गवाह बनाया गया है. विनोद कुमार ने ईडी को बताया था कि पंकज मिश्रा ने जबरन उनके स्टोन क्रशर प्लांट को हड़प लिया था. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ बयान देने वाले झामुमो के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल, संताल परगना के पूर्व कमिश्नर और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप, प्रेम प्रकाश के स्टाफ अनिल झा, रेलवे अधिकारी कर्नलीयुस मरांडी, डीसीएम मालदा रेल डिविजन पवन कुमार, एक्सिस बैंक हिनू के ब्रांच ऑपरेशनल हेड नवीन कुमार, बंधन बैंक के ब्रांच मैनेजर मनोरंजन, बैंक ऑफ बड़ौदा बिरसा चौक शाखा की चीफ मैनेजर चंद्रकांति कुमारी, बीओआई डोरंडा के चीफ मैनेजर लाल त्रिलोचन नाथ शाहदेव, केनरा बैंक हिनू की मैनेजर रोहिणी टोप्पो, एचडीएफसी बैंक के सूर्यांशू वर्मा समेत कई बैंक अफसरों को ईडी ने गवाह बनाया है.


साहिबगंज के कई सरकारी पदाधिकारी भी बने गवाहः ईडी ने इस मामले में साहिबगंज सदर के सीओ अब्दुस समद, राजमहल के सब रजिस्ट्रार मनोज टुडू, दुमका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल अफसर कमलाकांत पाठक, रांची के स्टेशन हेड से जूनियर इनवायरोमेंट इंजीनियर राजीव कुमार सिन्हा, रेंज फोरेस्ट अफसर जितेंद्र दूबे, अमीन शहबाज आलम, प्रभात कुमार और साहिबगंज के एसडीओ राहुल जी आनंद जी को भी गवाह बनाया है.

रांचीः झारखंड के साहिबगंज जिले में 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन के जरिए की गई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गवाह बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मामले में ईडी ने आईएएस अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, वन सेवा से जुड़े अधिकारियों, बैंक के अफसरों के साथ साथ बड़े पैमानें पर कारोबारियों को अपना गवाह बनाया (ED witnesses many people including IAS IPS) है.

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अवैध खनन की शिकायत करने वाले भी बने गवाहः ईडी ने पूर्व में अवैध खनन के खिलाफ शिकायत कर चुके लोगों को भी अपना गवाह बनाया है. ईडी की तरफ से इस मामले की जांच में जुटे असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा, रांची में पूर्व में पोस्टेड रहे डिप्टी डायरेक्टर सुबोध कुमार, ऋषिकेश पांडेय, अनुपम कुमार, अवध बिहारी राय को भी गवाहों की सूची में रखा गया है.

प्रमुख आरोपियों के गवाह बने सरफुद्दीनः ईडी ने इस मामले में बरहरवा थाने में मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत 11 लोगों पर दर्ज केस के अनुसंधानक सरफुद्दीन खान को गवाह बनाया है. गौरतलब है कि शंभूनंदन भगत के द्वारा बरहरवा थाने में टॉल टेंडर को लेकर विवाद से जुड़ा केस दर्ज किया गया था. इस केस को ही ईडी ने टेकओवर किया था. इस मामले में उन्हें भी गवाह बनाया गया है.

वहीं मुंगेर के रोहित कुमार, मुकेश यादव, शिव कुमार प्रसाद, रमेश पासवान, पूर्व में डीएमओ विभूति कुमार व पंकज मिश्रा पर केस कराने वाले विनोद हांसदा, पत्थर कारोबारी विनोद कुमार जायसवाल को भी गवाह बनाया गया है. विनोद कुमार ने ईडी को बताया था कि पंकज मिश्रा ने जबरन उनके स्टोन क्रशर प्लांट को हड़प लिया था. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ बयान देने वाले झामुमो के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल, संताल परगना के पूर्व कमिश्नर और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप, प्रेम प्रकाश के स्टाफ अनिल झा, रेलवे अधिकारी कर्नलीयुस मरांडी, डीसीएम मालदा रेल डिविजन पवन कुमार, एक्सिस बैंक हिनू के ब्रांच ऑपरेशनल हेड नवीन कुमार, बंधन बैंक के ब्रांच मैनेजर मनोरंजन, बैंक ऑफ बड़ौदा बिरसा चौक शाखा की चीफ मैनेजर चंद्रकांति कुमारी, बीओआई डोरंडा के चीफ मैनेजर लाल त्रिलोचन नाथ शाहदेव, केनरा बैंक हिनू की मैनेजर रोहिणी टोप्पो, एचडीएफसी बैंक के सूर्यांशू वर्मा समेत कई बैंक अफसरों को ईडी ने गवाह बनाया है.


साहिबगंज के कई सरकारी पदाधिकारी भी बने गवाहः ईडी ने इस मामले में साहिबगंज सदर के सीओ अब्दुस समद, राजमहल के सब रजिस्ट्रार मनोज टुडू, दुमका में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल अफसर कमलाकांत पाठक, रांची के स्टेशन हेड से जूनियर इनवायरोमेंट इंजीनियर राजीव कुमार सिन्हा, रेंज फोरेस्ट अफसर जितेंद्र दूबे, अमीन शहबाज आलम, प्रभात कुमार और साहिबगंज के एसडीओ राहुल जी आनंद जी को भी गवाह बनाया है.

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