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ED Action in Jharkhand: रिम्स के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी ईडी, पंकज मिश्रा और पूजा सिंघल के कारीबियों में हड़कंप - रांची न्यूज

झारखंड में ईडी की कार्रवाई (Ed action in Jharkhand) लगातार जारी है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (MLA representative Pankaj Mishra) और निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) रिम्स में इलाज करा रहे हैं. इस दौरान इनकी गतिविधि संदिग्ध पाई गई है. इसे लेकर शनिवार को ईडी की टीम रिम्स पहुंची और वहां से पिछले तीन महीने का सीसीटीवी फुटेज अपने साथ ले गई.

ED Action in Jharkhand
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Published : Oct 22, 2022, 3:52 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 4:46 PM IST

रांची: न्यायिक हिरासत में रहते हुए रांची के रिम्स अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (MLA representative Pankaj Mishra)और निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) के करीबियों की मुसीबत बढ़ने वाली है. कानून का उल्लंघन करके न्यायिक हिरासत में भी पंकज मिश्रा और पूजा सिंघल से मुलाकात करने वालों की खोज ईडी ने शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार ईडी की एक टीम शनिवार को रिम्स अस्पताल पहुंची वहां से सीसीटीवी फुटेज अपने साथ ले गई (ED took CCTV footage of RIMS).

ये भी पढ़ें- जेल में बंद झारखंड माइनिंग स्कैंडल के किंगपिन पंकज मिश्र से फोन पर संपर्क में थे आईएएस-आईपीएस, ईडी भेजेगी समन

तीन महीने का फुटेज देखा: जानकारी के अनुसार रिम्स में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज तीन महीने तक सुरक्षित रहते हैं. ईडी की टीम पूरे तीन महीनों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है. खासकर पूजा सिंघल और पंकज मिश्रा के कमरे के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. सीसीटीवी हासिल करने के लिए ईडी के दो अफसर रिम्स पहुंचे थे.

फसेंगे कई अफसर: जानकारी के अनुसार झारखंड के कई अधिकारी अक्सर पंकज मिश्रा से मिलने रिम्स के पेइंग वार्ड में जाते थे, जबकि यह पूरी तरह से कानून के विरुद्ध है. बिना जेल प्रशासन के आदेश के कोई भी पंकज मिश्रा से मुलाकात नहीं कर सकता है. अगर सीसीटीवी फुटेज के साथ किसी तरह की टेंपरिंग नहीं की गई है तो यह तय है कि इसमें कई अधिकारियों की गर्दन फंसेगी.

लगातार कर रहा था मोबाइल का प्रयोग: जांच में यह बात सामने आई है कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार मोबाइल का प्रयोग किया जा रहा था. यहां तक कि वह टेंडर को मैनेज करने के लिए भी फोन कर रहा था. ईडी को जानकारी मिली है कि बीते दिनों पंकज मिश्रा ने जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों को भी फोन किया था. फोन के जरिए वह देवघर के अजय बराज के काम को जमशेदपुर की एक कंपनी को दिलाना चाहता था. करीब 125 करोड़ के टेंडर को प्रभावित करने के लिए वह पैरवी कर रहा था. वहीं इस मामले में राज्य की सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका की जानकारी भी ईडी को मिली है.

पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार फोन पर बातचीत के साक्ष्य जुटाने के बाद उनसे मुलाकात करने वालों पर भी ईडी की नजर है. ईडी यह पता लगाने में जूटी है कि जुलाई माह से अबतक कौन कौन से लोग पंकज मिश्रा से मिले हैं. इस मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के चालक रहे चंदन यादव व सूरज पंडित से गुरुवार को पूछताछ की थी. सूरज व चंदन ने पूछताछ में ईडी को कई सारी जानकारियां दी हैं, वहीं छह मोबाइल सिम का सीडीआर भी ईडी ने निकाला है. साथ ही कुछ मोबाइल फोन के जरिए व्हाट्सएप पर बातचीत के प्रिंट भी निकाले गए हैं.

रांची: न्यायिक हिरासत में रहते हुए रांची के रिम्स अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (MLA representative Pankaj Mishra)और निलंबित आईएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) के करीबियों की मुसीबत बढ़ने वाली है. कानून का उल्लंघन करके न्यायिक हिरासत में भी पंकज मिश्रा और पूजा सिंघल से मुलाकात करने वालों की खोज ईडी ने शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार ईडी की एक टीम शनिवार को रिम्स अस्पताल पहुंची वहां से सीसीटीवी फुटेज अपने साथ ले गई (ED took CCTV footage of RIMS).

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तीन महीने का फुटेज देखा: जानकारी के अनुसार रिम्स में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज तीन महीने तक सुरक्षित रहते हैं. ईडी की टीम पूरे तीन महीनों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है. खासकर पूजा सिंघल और पंकज मिश्रा के कमरे के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. सीसीटीवी हासिल करने के लिए ईडी के दो अफसर रिम्स पहुंचे थे.

फसेंगे कई अफसर: जानकारी के अनुसार झारखंड के कई अधिकारी अक्सर पंकज मिश्रा से मिलने रिम्स के पेइंग वार्ड में जाते थे, जबकि यह पूरी तरह से कानून के विरुद्ध है. बिना जेल प्रशासन के आदेश के कोई भी पंकज मिश्रा से मुलाकात नहीं कर सकता है. अगर सीसीटीवी फुटेज के साथ किसी तरह की टेंपरिंग नहीं की गई है तो यह तय है कि इसमें कई अधिकारियों की गर्दन फंसेगी.

लगातार कर रहा था मोबाइल का प्रयोग: जांच में यह बात सामने आई है कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार मोबाइल का प्रयोग किया जा रहा था. यहां तक कि वह टेंडर को मैनेज करने के लिए भी फोन कर रहा था. ईडी को जानकारी मिली है कि बीते दिनों पंकज मिश्रा ने जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों को भी फोन किया था. फोन के जरिए वह देवघर के अजय बराज के काम को जमशेदपुर की एक कंपनी को दिलाना चाहता था. करीब 125 करोड़ के टेंडर को प्रभावित करने के लिए वह पैरवी कर रहा था. वहीं इस मामले में राज्य की सत्ता में प्रभावी रहे एक शख्स की भूमिका की जानकारी भी ईडी को मिली है.

पंकज मिश्रा के द्वारा लगातार फोन पर बातचीत के साक्ष्य जुटाने के बाद उनसे मुलाकात करने वालों पर भी ईडी की नजर है. ईडी यह पता लगाने में जूटी है कि जुलाई माह से अबतक कौन कौन से लोग पंकज मिश्रा से मिले हैं. इस मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के चालक रहे चंदन यादव व सूरज पंडित से गुरुवार को पूछताछ की थी. सूरज व चंदन ने पूछताछ में ईडी को कई सारी जानकारियां दी हैं, वहीं छह मोबाइल सिम का सीडीआर भी ईडी ने निकाला है. साथ ही कुछ मोबाइल फोन के जरिए व्हाट्सएप पर बातचीत के प्रिंट भी निकाले गए हैं.

Last Updated : Oct 22, 2022, 4:46 PM IST
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