रांची: जमीन घोटाला मामले की जांच को लेकर ईडी पूरी तरह से रेस हो चुकी है. एक तरफ जहां गिरफ्तार आरोपितों से रिमांड पर लगातार पूछताछ की जा रही है वहीं साक्ष्य जुटाने के लिए आईडी रांची के सदर रजिस्ट्री ऑफिस को भी खंगाल रही है. शुक्रवार की देर शाम ईडी की टीम रांची के कचहरी चौक स्थित रजिस्ट्री ऑफिस पहुंची और वहां कागजातों की जांच की.
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विवादित जमीन के दस्तावेजों को खंगाला: ईडी की टीम शुक्रवार की शाम रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची. इसके बाद रांची में तमाम विवादित जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेजों को खंगाला, किसी भी विवादित जमीन की रजिस्ट्री के लिए कौन कौन से पेपर लिए गए, किस परिस्थिति में जमीन की रजिस्ट्री हुई है, ईडी ने यह पड़ताल शुरू की है. करीब सवा दस बजे रात को ईडी की टीम रजिस्ट्री ऑफिस से जांच कर बाहर निकली.
फर्जीवाड़े से संबंधित दस्तावेज मिले: ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच के क्रम में फर्जीवाड़े के कई साक्ष्य मिले हैं. जानकारी यह भी है कि जांच के दौरान ईडी को राज्य की एक बड़ी राजनीतिक शख्सियत के नाम पर एक जमीन की रजिस्ट्री के साक्ष्य मिले हैं. उस पेपर में राजनीतिक शख्सियत का नाम तो सही है, लेकिन उनके पिता का मिलता जुलता, लेकिन अलग नाम रखा गया है. ईडी इस रहस्मयी कागजातों को खंगालने में जुटी हुई है.
पूर्व में डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां हो चुकी है छापेमारी: सेना की करम टोली स्थित जमीन की खरीद मामले में विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, रांची के पूर्व सब रजिस्टार घासीराम पिंगुआ, वर्तमान रांची सदर के सब रजिस्टार वैभव मणि त्रिपाठी के ठिकानों पर ईडी ने पिछले साल 4 नवंबर को छापेमारी भी की थी. इस दौरान ईडी ने विष्णु अग्रवाल के घर और दफ्तर से जमीन और रियल एस्टेट में निवेश से संबंधित कई कागजात जब्त किए थे. विष्णु अग्रवाल से इस मामले में ईडी की टीम दो बार पूछताछ भी कर चुकी है.
मातहत अफसरों को भी होगा समन: रांची में सेना की जमीन की रजिस्ट्री के मामले में रांची जिला प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. दोनों ही जगहों पर जमीन की खरीद करने वाले, रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति, सरकारी पदाधिकारी जिनकी भूमिका रजिस्ट्री, म्यूटेशन में हैं वह ईडी के रडार पर हैं. सेना जमीन खरीद में फर्जीवाडा के मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलूओं पर जांच कर रही है. सेना से मिले दस्तावेजों के मुताबिक, जमीन की खरीद बिक्री में बड़ी गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई है. ईडी ने इस मामले में तत्कालीन डिप्टी रजिस्टार वैभव मनि त्रिपाठी अधीनस्थ कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी जल्द ही उनके खिलाफ समन जारी किया जाएगा.