रांचीः आर्मी जमीन घोटाले को लेकर जमीन के वास्तविक मालिक जयंत करनाड ईडी दफ्तर पहुंच चुके हैं. जयंत को ईडी ने समन जारी कर जमीन के संबंध में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था.
जयंत के बयान से कई अहम बात आएगी सामनेः गौरतलब है कि आर्मी की जिस जमीन को तत्कालीन रांची डीसी छवि रंजन, अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश और अफसर अली जैसे लोगों ने फर्जी कागजातों के आधार पर बेचा था, उसके वास्तविक मालिक जयंत हैं. जयंत के पूर्वजों ने ही लीज पर सेना को जमीन दी थी. जिसके एवज में उन्हें जमीन का किराया मिलता था. जयंत के बयान दर्ज होने के बाद घोटाले से संबंधित कई चीजें बाहर आएंगी. जिसके बाद इस घोटाले की परत दर परत खुलेंगी. मामले में ईडी ने जयंत को समन देकर बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था. जिसके बाद बुधवार को वे ईडी दफ्तर पहुंच अपना बयान दर्ज करवा रहे हैं.
जयंत करनाड का मालिकाना हक आया है सामनेः रांची के पूर्व कमीश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के अनुसार, रांची में बरियातू के सेना की 4.55 एकड़ की जमीन के खतियानी रैयत प्रमोद नाथ दास गुप्ता की इकलौती बेटी सरस्वती दास गुप्ता थीं, उनके पति मंजेश्वर लक्ष्मण राव थे. दोनों की दो संतानें बीएम मुकंद राव और मालती करनाड हुई. बीएम मुकुंद राव की कोई संतान नहीं हुई. जबकि मालती का एक बेटा जयंत करनाड हुआ, मालती की मृत्यु के बाद जयंत करनाड जमीन के असली वारिस हुए.
कमीश्नर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1967- 2017 तक विभिन्न न्यायालयों में खतियानी रैयत के वंशजों को ही मालिक स्वीकार किया गया. लेकिन बाद में प्रदीप बागची के दादा प्रफुल्ल बागची के नाम पर फर्जी कागजात रजिस्ट्रेशन आफ एश्योरेंस के यहां से बनवाकर जमीन की रजिस्ट्री जगतबंधु टी इस्टेट को कर दी गई थी. जयंत करनाड ने भी साल 2019 में जमीन की रजिस्ट्री 13 लोगों को की थी. तब उनके दाखिल खारिज को बड़गाईं अंचल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जमीन पर उनका कब्जा नहीं है, जबकि प्रदीप बागची ने 2021 में ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पोजिशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, बिजली बिल देकर रांची नगर निगम से होल्डिंग करा लिया था और उसी के आधार पर जमीन घोटाले की नींव रखी गई.