रांची: जमीन घोटाले मामले की जांच कर रही ईडी ने अपने अनुसंधान के दौरान कई नए तथ्य हासिल किए हैं. ईडी ने शुक्रवार को रांची के पीएमएएल कोर्ट में पूर्व डीसी छवि रंजन के रिमांड पीटिशन में अदालत को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची डीसी रहते हुए छवि रंजन ने 25 जून 2021 को बाजरा वाले जमीन को लेकर आदेश जारी किया था. इस आदेश के बाद पुलिस बलों की तैनाती कर जमीन की बाउंड्री करायी गई थी. छवि रंजन ने यहां पुलिस के सहयोग से जमीन कब्जा करनेवालों की मदद की.
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ईडी ने कोर्ट को बताया है कि बजरा की 7.16 एकड़ जमीन की जांच में पाया गया है कि फर्जी डीड के सहारे इस जमीन का डमी मालिक विनोद सिंह को बनाया गया. इसके बाद रवि सिंह भाटिया और श्याम सिंह को गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री हो गई. ईडी ने यह भी लिखा है कि इस जमीन के ट्रांसफर के लिए छवि रंजन ने न सिर्फ आरोपियों की मदद की, बल्कि बाउंड्री वाल कराने में भी पुलिस के जरिए सहयोग कराया.
डीसी रहते हुए पद का किया दुरूपयोग: ईडी ने कोर्ट को बताया है कि डीसी के पद पर रहते हुए छवि रंजन ने अपने पद का दुरूपयोग किया. इस दौरान उन्होंने अपने पद व जनसेवक के तौर कई निजी लोगों से अपने फायदे के लिए गलत लाभ लिए. ईडी ने अदालत को बताया है कि जमीन संबंधी मामलों में उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं.
रोज नए तथ्य मिल रहे ऐसे में छवि से पूछताछ जरूरी: ईडी ने कोर्ट को बताया है कि ईडी को अनुसंधान में रोज नए तथ्य मिल रहे. कई कार्यालयों से भी नयी सूचनाएं एजेंसी को मिल रही हैं. इन सूचनाओं और तथ्यों के आधार पर पूर्व डीसी छवि रंजन से पूछताछ को ईडी ने जरूरी बताया है. ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी है कि एजेंसी के द्वारा छवि रंजन के यहां से कई डिजिटल डिवाइस और कागजात मिले हैं, उनका भी एनालिसिस किया जा रहा है.