रांचीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में गुरुवार को ऊषा मार्टिन कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. पूरा मामला वर्ष 2016 में 190 करोड़ रुपये के लौह अयस्क खनन मामले से संबंधित है. तब सीबीआई की नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध शाखा में 20 सितंबर 2016 को उषा मार्टिन के खिलाफ स्वीकृत मात्रा से अधिक लौह अयस्क खनन मामले में केस दर्ज किया गया था.
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सीबीआई भी कर रही मामले की जांच
प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने उषा मार्टिन केस मैनेज करने से जुड़े प्रकरण में मनी लाउंड्रिंग की एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. ईडी ने अपने एफआईआर में सीबीआई के दिल्ली एसीबी में दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा, रांची के अपरबाजार कार्ट सराय रोड पर रहने वाले सीए विनय जालान, विनय जालान के बेटे पार्थ जालान, उषा मार्टिन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव झवर, कंपनी के ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी राजकुमार कपूर और उषा मार्टिन कंपनी को आरोपी बनाया था. ईडी ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू की थी. अब मामले में ईडी ने चार्जशीट दायर कर दी है. इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में 2 अक्टूबर 2020 को एफआईआर दर्ज की थी.
क्या था मामला
सीबीआई पूर्व से उषा मार्टिन और झारखंड सरकार के पूर्व उद्योग सचिव आईडी पासवान के खिलाफ खान आवंटन मामले में जांच कर रही है. 31 अगस्त 2020 को अपनी रिटायरमेंट के पहले सीबीआई एसपी एनएमपी सिन्हा इस केस के सुपरविजन से जुड़े थे. रिटायरमेंट के बाद इस केस को अपने प्रभाव से मैनेज करने की कोशिश उन्होंने की थी. केस मैनेज करने को लेकर विनय जालान के साथ उन्होंने दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल में मीटिंग भी की थी. इसके बाद पार्थ जालान को भी पैसे के साथ दिल्ली भेजा गया था. सीबीआई ने घूस की 20 लाख रुपये की रकम के साथ तब एनएमपी सिन्हा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने उषा मार्टिन के एमपी, सिग्नेटरी और कंपनी को भी आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज की थी.