रांची: एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामलों की वजह से झारखंड की किरकिरी हो रही है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शपथ पत्र दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया है कि निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की 39 करोड़ 28 लाख की संपत्ति अटैच की गई है. हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि जमशेदपुर के जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के घर से साल 2019 में छापामारी के दौरान मिले ढाई करोड़ रुपए भी हाल में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ही हैं. उनकी संपत्ति की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर प्रार्थी पंकज यादव ने जनहित याचिका दायर की थी. इसपर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश के आलोक में ईडी की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया. वहीं राज्य सरकार की ओर से भी अदालत में जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि विजिलेंस कमिश्नर से अनुमति मिलने के बाद अब वीरेंद्र राम की संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है. वहीं ईडी ने अपने जवाब में बताया है कि 39 करोड़ 28 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया है. अदालत ने प्रार्थी को ईडी के जवाब पर प्रतिउत्तर दायर करने के लिए समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ईडी और एसीबी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. उस दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 2019 में जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के जमशेदपुर आवास से ढाई करोड़ रुपए बरामद हुए थे. वह राशि निलंबित चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम के रिश्तेदार आलोक रंजन की थी. लेकिन एसीबी ने इस मामले में सिर्फ जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद को जेल भेजा था. प्रार्थी की ओर से यह भी बताया गया था कि तब एसीबी ने इतनी बड़ी राशि की बरामदी की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी नहीं दी थी.
आपको बता दें कि टेंडर में कमीशन घोटाले को लेकर ईडी ने 21 फरवरी को ग्रामीण कार्य विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम के रांची समेत कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. इस दौरान कई शहरों में निवेश से जुड़े कागजात के अलावा करीब डेढ़ करोड़ के जेवरात मिले थे. छापेमारी के दूसरे दिन ईडी ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में अप्रैल माह में दायर चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि वीरेंद्र राम ने अपने रिश्तेदारों और करीबियों के नाम से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की है.