रांचीः राजधानी में कोरोना के बाद लोगों के जीवन में काफी बदलाव आ गया है. खासकर परिवहन से जुड़े व्यवसाय करने वाले लोगों के व्यापार पर विशेष असर पड़ा है. कमर्शियल वाहन चलाने वाले लोग जैसे ऑटो चालक, ठेला चालक, ट्रैक्टर चालक, कैब चालको को कोरोना अधिनियम के तहत बनाये गए नियमावली का पालन करते हुए अपने वाहनों का परिचालन करना अनिवार्य है.
कोरोना में जिला प्रशासन तथा परिवहन विभाग के लोगों ने ऑटो के परिचालन के लिए कई दिशा निर्देश दिए हैं जिसके अंतर्गत यह कहा गया है कि कोरोना काल में प्रत्येक ऑटो पर मात्र 2 आदमी ही बैठ सकते हैं जिससे सामाजिक दूरी बनी रहे.
लेकिन राजधानी में कई जगहों पर ऑटो में धड़ल्ले से 2 से अधिक यात्रियों को बैठाकर ऑटो चालक जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं. वहीं इसको लेकर हमने जब जानकारी ली तो कई ऑटो चालकों ने कहा कि 2 यात्रियों को बैठाकर चलने में हमें काफी नुकसान होता है.
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इसीलिए हम दो से अधिक यात्री बैठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. राजधानी में ऑटो चला रहे ऑटो चालकों ने कहा कि कोरोना की वजह से हम ऑटो चालक खुद एहतियात बरत रहे हैं लेकिन अब सड़क पर कई बार ऐसे यात्री मिल जाते हैं जो कोरोना काल में बढ़ाये गए भाड़ा को देने में असमर्थता जताते हैं.
ऐसे में हमें कभी-कभी दो से अधिक यात्रियों को बैठाना पड़ जाता है. ऑटो चालक संघ के नेता दिनेश सोनी ने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन को विचार करना होगा कि राजधानी में चला रहे सभी ऑटो चालकों को कम से कम अपने ऑटो में 4 यात्री और बड़े ऑटो में 6 यात्री बैठाने की अनुमति दें जिससे ऑटो चालकों को थोड़ी राहत मिल सके.