हैदराबादः शनिदेव न्याय के देवता है. शनि कर्म के अनुसार फल देते हैं. यानी जो व्यक्ति जैसा कर्म करेगा, शनि उसे वैसा ही फल देंगे. शनिदेव के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का जीवन खुशहाल हो जाता है और बुरे प्रभाव से कंगाल हो जाता है. शनि की साढ़े साती और ढैय्या को बेहद कष्टकारी माना गया है लेकिन कई बार इस दौरान शनि की कृपा से लाभ भी होता है.
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सूर्य पुत्र शनि को क्रूर ग्रह माना जाता है जबकि वे केवल दंड के विधान के तहत कर्मों का फल देते हैं. शनिदेव के बारे में ये भी मान्यता है कि यदि वे प्रसन्न हो जाएं, तो व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है. ज्योतिषाचार्य पीएस त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है, बस थोड़ी सावधानी और संयम की आवश्यकता है.
शनि को प्रसन्न करने के आसान उपाय
- गरीबों, भिखारियों और रोगियों की सेवा नियमित रूप से करें.
- अतिथियों का तिरस्कार ना करें और भरपूर सम्मान दें.
- शनिवार के दिन काली गाय को पहली रोटी खिलाएं.
- काले कुत्ते को मीठी रोटी पर तेल लगाकर खाने को दें.
- शनिवार को सरसों का तेल दान करें.
- हर दिन भगवान हनुमान की पूजा करें.
- शनिवार को मां काली की पूजा करें.
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- प्रदोष व्रत करने से शनि अनुकूल होते हैं.
- हमेशा धर्म मार्ग का अनुसरण करें.
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इन मंत्रों से करें पूजा
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः ।।
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।।
ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम । छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
इन बातों का रखें ख्याल
- शनिदेव की आंख में सीधे नहीं देखना चाहिए.
- अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का त्याग करें.
- गरीबों और कर्मचारियों का अपमान न करें.
ज्योतिषाचार्य पंडित सचिन्द्रनाथ पांडेय ने बताया कि फिलहाल धनु, कुंभ और मकर राशि के लोग शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं. इसके साथ ही तुला और मिथुन राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव चल रहा है. अगले साल अप्रैल के अंत में शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे. जिससे मकर, कुंभ और मीन राशि वाले शनि की साढ़े साती के प्रभाव में आएंगे जबकि वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी. इसके बाद मार्च 2025 में शनि का गोचर मीन राशि में होगा. इसके फलस्वरूप मीन, कुंभ और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ेगा.