रांची: अलग-अलग थीम के आधार पर इस साल राजधानी रांची में 100 से ज्यादा पूजा पंडाल सजाए गए हैं. ये पूजा पंडाल लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं. इन्हीं पूजा पंडालों में से एक ऐसा पूजा पंडाल है जो लोगों को बचपन के खेल याद दिलाएगा (Navratri puja pandal of sports material ) और इससे होने वाले दुष्परिणाम से सचेत करेगा.
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मां दुर्गा का दरबार सज धजकर तैयार है, करीब डेढ़ से दो महीने की मेहनत के बाद कारीगर पूजा पंडाल को तैयार करने में सफल हुए हैं. गुरुवार से राजधानी में पूजा पंडाल के पट भी खुलने लगें हैं. इन्हीं पूजा पंडालों में एक ऐसा पूजा पंडाल है जो बदलते समय के साथ लोगों को बचपन के खेलों की याद दिलाएगा और इन खेलों को नजरअंदाज किए जाने और इससे होनेवाले दुष्परिणाम से सचेत करता है. हरमू पंच मंदिर दुर्गा पूजा समिति ने इसे आकर्षक ढंग से तैयार कराया है.
पूजा पंडाल में गुल्ली डंडा से लेकर रस्सीकूद तक को किया गया प्रदर्शितः इस पूजा पंडाल के माध्यम से लोगों को पबजी जैसे मोबाइल गेम के दुष्परिणाम और 80 के दशक से पहले के ग्रामीण खेलों को दर्शाया गया है. खेल सामग्रियों के जरिए अनोखे ढंग से सजे इस पूजा पंडाल में गुल्ली डंडा से लेकर बच्चों के रस्सीकूद, कैरम बोर्ड, बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबॉल, अंटा जैसे खेल की उपयोगिताओं को दर्शाया गया.
पंच मंदिर दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मनोज पांडे कहते हैं कि इस पूजा पंडाल के माध्यम से मोबाइल गेम के दुष्परिणाम के प्रति लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई है. आकर्षक लाइटिंग के साथ पूरे पूजा पंडाल के अंदर और बाहर बच्चों की खेल सामग्री के माध्यम से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की गई है. पूजा समिति के सचिव संजय कुमार ठाकुर के अनुसार इस थीम के माध्यम से समाज को ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले बचपन के खेल को बचाने की कोशिश की गई है जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास हो सके.
संजय कुमार ने बताया कि करीब 45 लाख की लागत से कोलकाता के कारीगरों द्वारा यह पूजा पंडाल तैयार किया गया है, जिसका लोकार्पण पूजा समिति के मुख्य संयोजक और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 30 सितंबर को शाम 6.30 बजे करेंगे.