रांची: रविवार को जिला दुर्गा पूजा समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से अशोक पुरोहित को अध्यक्ष और मुनचुन राय को संयोजक चुना गया. बैठक में कई प्रस्ताव पर सहमति बनी है, जिसमें मुख्य रूप से इस साल कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मां दुर्गा की अधिकतम 4 फीट की मूर्ति स्थापित कर पूजा करने सहमति बनी है, लेकिन पंडाल का निर्माण नहीं किया जाएगा. हालांकि झारखंड के लोग मां दुर्गा का ऑनलाइन दर्शन कर पाएंगे.
दुर्गा पूजा के दौरान नहीं लगेगा मेला
दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी में किसी भी तरह का मेला नहीं लगाने का निर्णय लिया गया है. पंडाल नहीं बनाए जाने पर सहमति बनी है. सिर्फ मां दुर्गा के मंडप के निर्माण किए जाएंगे. इसके अलावा दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी. ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था सभी समितियों की ओर से की जाएगी. सिर्फ पूजा समिति सदस्यों और पुजारियों द्वारा मां की प्रतिमा के समक्ष पूजा का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा विसर्जन में किसी प्रकार की भीड़ नहीं होगी और सादगी से विसर्जन करने पर सहमति बनी है.
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सादगी के साथ किया जाएगा दुर्गा पूजा का आयोजन
इसको लेकर समिति अध्यक्ष अशोक पुरोहित ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से बेहद सादगी के साथ इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आम लोगों को पूजा से कोई खतरा ना हो. समिति के संयोजक मुनचुन राय ने कहा कि जल्द ही प्रशासन और मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव दिया जाएगा, ताकि इस पर सहमति बन सके और सालों से चली आ रही परंपरा का निर्वाह हो सके. उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पूजा के दौरान पुलिस प्रशासन के किसी प्रकार का सहयोग या हस्तक्षेप की जरूरत ना पड़े.