रांची: डुमरी विधानसभा उपचुनाव परिणाम ने एनडीए को बड़ा झटका दिया है. इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया है कि 2024 का लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेरने के लिए इंडिया दल सक्षम है. इधर डुमरी में हार का सामना करने के बाद एनडीए के अंदर समीक्षा की जा रही है कि किस वजह से सफलता हाथ नहीं लगी.
ये भी पढ़ें: डुमरी उपचुनाव में जीत पर बोले सुदिव्य, देश के मिजाज को समझने वाला रहा यह चुनाव, इंडिया महागठबंधन की पड़ी मजबूत नींव
आनेवाले समय में एनडीए के दोनों घटक दल बीजेपी-आजसू अलग अलग समीक्षा बैठक बुलाने की तैयारी में है. स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ साथ बड़े नेताओं का फीडबैक लिया जायेगा. चुनाव परिणाम से सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी की बढ़ी है. 2019 के चुनाव में झारखंड की 14 में से 12 सीट जीतने वाली एनडीए इस बार सभी 14 सीटें जीतने की तैयारी में है. ऐसे में डुमरी विधानसभा चुनाव परिणाम से जहां बीजेपी को निराशा हाथ लगी है. वहीं झामुमो सहित इंडिया के अन्य घटक दल का हौसला बढ़ा हुआ है.
2024 में डुमरी सीट झामुमो का नहीं होगा: बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि डुमरी चुनाव परिणाम से उत्साहित इंडिया के घटक दल ऐसे ही अतिउत्साह में रहें. कहा कि 2024 में एक तरफ मोदी जी की ही सरकार बनेगी वहीं होनेवाले विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट जेएमएम नहीं जीत पायेगी. उन्होंने कहा कि डुमरी में एनडीए के हार की मुख्य वजह तुष्टिकरण का लाभ लेनेवाले का हावी होना रहा. उन्होंने कहा कि भाजपा तुष्टिकरण में विश्वास नहीं रखती. बल्कि सभी को एक समान दृष्टि से देखती है.
वर्तमान सरकार ने जिस तरह से तुष्टिकरण का खेल खेला है उससे कहीं ना कहीं इससे लाभ पानेवाले डुमरी में एकजुट हो गए. बहरहाल डुमरी के चुनावी जंग में एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज कर यह बता दिया है कि उसकी जड़ें मजबूत हैं और विपक्ष भलें ही एकजुट होकर दम लगाये मगर इसका फायदा फिलहाल मिलनेवाला नहीं है.