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सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर में उलझन, ऑनलाइन में खामियों को लेकर शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को भेजी चिट्ठी

झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के ट्रांसफर की ऑनलाइन प्रक्रिया उलझ गई है. झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने मुख्ययमंत्री को पत्र लिखकर ऑफलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया अपनाने की मांग की है.

Transfer of teachers in Jharkhand
Transfer of teachers in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2023, 5:29 PM IST

रांची: राज्य में इन दिनों सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी यह प्रक्रिया टीचर ट्रांसफर पोर्टल के माध्यम से पूरा करने की तैयारी की गई है, लेकिन जिस तरह से शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया अपनाई गई है उसमें कई तरह की खामी हैं
जिस वजह से इस पर सवाल उठने लगे हैं.

ये भी पढ़ें- जैक ने जारी किया मैट्रिक-इंटर कंपार्टमेंटल एग्जाम का रिजल्ट, पारा शिक्षकों के आकलन परीक्षा का भी इसी हफ्ते आयेगा परिणाम

शिक्षकों का मानना है कि पोर्टल में कई तरह की खामियां हैं, खासकर विद्यालयों का नाम और समुचित रिक्तियों को लेकर पूरी जानकारी इसमें नहीं दी गई है. इन सब के बीच झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के सरकारी प्लस टू विद्यालयों के पीजीटी शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया के नियमों को शिथिल करते हुए ऑफलाइन स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करने की मांग की है.

संघ के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने स्थानांतरण नियमावली का हवाला देते हुए कहा है कि ऑनलाइन ट्रांसफर की प्रक्रिया अत्यंत ही जटिल एवं तकनीकी खामियों से युक्त है. अतः शिक्षकों की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए ऑफलाइन माध्यम से ही शिक्षकों को उनके गृह जिला अथवा ऐच्छिक विकल्प के तौर पर उनके आवेदन के आधार पर यथाशीघ्र ट्रांसफर किया जाय. इधर राज्य समन्वय समिति के सदस्य योगेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों का ट्रांसफर प्रक्रिया ऑफलाइन मोड में करने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा है कि सरकारी विद्यालयों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति हेतु बनाए गए पोर्टल के आंकड़ों में भी गड़बड़ी हो जाती है. कई ऐसे विद्यालय हैं जहां आनुपातिक रूप से छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन पोर्टल पर सरप्लस शिक्षक दिख रहे हैं एवं कई ऐसे विद्यालय हैं जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है लेकिन पोर्टल पर कम सरप्लस शिक्षक दिख रहे हैं. इधर ऑफलाइन मोड में शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया जारी रखने पर सरकार विचार कर रही है. हालांकि शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि ऑनलाइन प्रक्रिया पारदर्शिता को ध्यान में रखकर किया गया है.


ऑनलाइन आवेदन की तीसरी बार बढ़ी तारीख: इन सब के बीच शिक्षा विभाग ने एक बार फिर शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा 22 सितंबर तक बढ़ा दिया है. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी सूचना के अनुसार 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा डाटा का सत्यापन किया जाएगा और डाटा में त्रुटि के मामलों में दोबारा आवेदन तथा अंतिम रूप से सत्यापन करने का कार्य तीन से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा. इस तरह से सरप्लस शिक्षकों के मामले में स्कोर रैंकिंग सूची का निर्माण और प्रकाशन 13 से 17 अक्टूबर तक किया जाएगा. विभाग ने 18 से 23 अक्टूबर तक शिकायत दर्ज करने की तारीख सुनिश्चित की है और 24 से 28 अक्टूबर तक इन शिकायतों का निवारण करने का समय निर्धारित किया है. स्थापना समिति के अनुमोदन के बाद स्थानांतरण सूची का निर्माण तथा प्रकाशन 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक किया जाएगा.

रांची: राज्य में इन दिनों सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी यह प्रक्रिया टीचर ट्रांसफर पोर्टल के माध्यम से पूरा करने की तैयारी की गई है, लेकिन जिस तरह से शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया अपनाई गई है उसमें कई तरह की खामी हैं
जिस वजह से इस पर सवाल उठने लगे हैं.

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शिक्षकों का मानना है कि पोर्टल में कई तरह की खामियां हैं, खासकर विद्यालयों का नाम और समुचित रिक्तियों को लेकर पूरी जानकारी इसमें नहीं दी गई है. इन सब के बीच झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के सरकारी प्लस टू विद्यालयों के पीजीटी शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया के नियमों को शिथिल करते हुए ऑफलाइन स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करने की मांग की है.

संघ के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने स्थानांतरण नियमावली का हवाला देते हुए कहा है कि ऑनलाइन ट्रांसफर की प्रक्रिया अत्यंत ही जटिल एवं तकनीकी खामियों से युक्त है. अतः शिक्षकों की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए ऑफलाइन माध्यम से ही शिक्षकों को उनके गृह जिला अथवा ऐच्छिक विकल्प के तौर पर उनके आवेदन के आधार पर यथाशीघ्र ट्रांसफर किया जाय. इधर राज्य समन्वय समिति के सदस्य योगेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों का ट्रांसफर प्रक्रिया ऑफलाइन मोड में करने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा है कि सरकारी विद्यालयों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति हेतु बनाए गए पोर्टल के आंकड़ों में भी गड़बड़ी हो जाती है. कई ऐसे विद्यालय हैं जहां आनुपातिक रूप से छात्रों की संख्या अधिक है लेकिन पोर्टल पर सरप्लस शिक्षक दिख रहे हैं एवं कई ऐसे विद्यालय हैं जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है लेकिन पोर्टल पर कम सरप्लस शिक्षक दिख रहे हैं. इधर ऑफलाइन मोड में शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया जारी रखने पर सरकार विचार कर रही है. हालांकि शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि ऑनलाइन प्रक्रिया पारदर्शिता को ध्यान में रखकर किया गया है.


ऑनलाइन आवेदन की तीसरी बार बढ़ी तारीख: इन सब के बीच शिक्षा विभाग ने एक बार फिर शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा 22 सितंबर तक बढ़ा दिया है. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी सूचना के अनुसार 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा डाटा का सत्यापन किया जाएगा और डाटा में त्रुटि के मामलों में दोबारा आवेदन तथा अंतिम रूप से सत्यापन करने का कार्य तीन से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा. इस तरह से सरप्लस शिक्षकों के मामले में स्कोर रैंकिंग सूची का निर्माण और प्रकाशन 13 से 17 अक्टूबर तक किया जाएगा. विभाग ने 18 से 23 अक्टूबर तक शिकायत दर्ज करने की तारीख सुनिश्चित की है और 24 से 28 अक्टूबर तक इन शिकायतों का निवारण करने का समय निर्धारित किया है. स्थापना समिति के अनुमोदन के बाद स्थानांतरण सूची का निर्माण तथा प्रकाशन 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक किया जाएगा.

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