रांची: झारखंड पुलिस में डीएसपी रैंक के अफसरों को जल्द ही एसपी रैंक में प्रमोशन मिल जाएगा. इसके लिए 19 जून को यूपीएससी प्रमोशन के लिए सिलेक्शन कमेटी की बैठक करेगी. इस बैठक में झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह भी शामिल होंगे.
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19 जून को होगी सलेक्शन कमेटी की बैठक: जेपीएससी के दूसरे और तीसरे बैच के वरीय अफसरों को एसपी रैंक में प्रोन्नति मिलेगी. झारखंड पुलिस में 2017, 2018, 2019 और 2020 बैच की रिक्तियों को लेकर बैठक होगी. वर्तमान में राज्य पुलिस में प्रोन्नति से भरे जाने वाले 45 पदों में 24 पद रिक्त हैं. इन रिक्तियों को ही इस बार के प्रोन्नति से भरा जाना है. यूपीएससी के सलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद प्रोन्नति से भरे जाने वाले आईपीएस के सभी पद भर जाएंगे. राज्य सरकार के गृह विभाग ने डीएसपी रैंक के अफसरों की वरीयता सूची और एसीआर भी यूपीएससी को भेज दिया है.
तीन आईपीएस तरस रहे प्रमोशन के लिए: वहीं, दूसरी तरफ झारखंड कैडर के 3 आईपीएस अफसर डीआईजी रैंक में प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं. झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां अब तक 2009 बैच के आईपीएस को प्रमोशन नहीं मिला है. जबकि देश के दूसरे हर राज्य में 2009 बैच के आईपीएस प्रमोशन पाकर डीआईजी बन चुके हैं. दरअसल, भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के आईपीएस अधिकारियों को पूरे देश में एसपी से डीआईजी रैंक में प्रमोशन मिल चुका है. लेकिन झारखंड देश का एकमात्र राज्य है, जहां 14 साल की सेवा पूरी कर चुके 2009 बैच के अधिकारियों को एसपी से डीआईजी रैंक में प्रोन्नति नहीं मिली है. अगर नियम की बात करें तो उन्हें 1 जनवरी 2023 से पहले प्रमोशन मिल जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. ससमय प्रमोशन नहीं होने और चार माह की देरी से प्रमोशन के इंतजार में अधिकारियों के वेतन का भी नुकसान हो रहा है.
तीन आईपीएस को मिलना है प्रमोशन: झारखंड कैडर के तीन आईपीएस अधिकारी इंद्रजीत महथा, संजय रंजन सिंह और संजीव सिंह का प्रमोशन डीआईजी रैंक में होना है. इंद्रजीत महथा वर्तमान में डीआईजी में प्रोन्नत होने की अर्हता रखने के बाद भी जैप 2 कमांडेंट, संजय रंजन सिंह सीओ मुसाबनी और संजीव सिंह धनबाद एसएसपी के पद पर तैनात हैं. आईपीएस संजय रंजन सिंह तो इसी साल दिसंबर महीनें में सेवानिवृत होने वाले हैं. ऐसे में ससमय प्रोन्नति नहीं मिलने का उनको ज्यादा नुकसान हो रहा है. अब प्रमोशन मिलने के बाद भी कुछ ही महीनें बतौर डीआईजी रह पाएंगे. अगर ससमय उन्हें प्रोन्नति का लाभ मिलता तो वह साल भर डीआईजी रैंक में रहते.