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रांची: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, खुले में फेंकी मिली दवाएं - स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

रांची से सटे बेड़ो प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र के बगल में जीवन रक्षक एक्सपायरी दवाएं, टेबलेट, ओआरएस और सीरप की शीशी खुले में फेंक दी गई है. इससे स्वास्थ्य विभाग अनजान है.

दवा,  Drug
फेंकी गई दवाइयां
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Published : Jan 22, 2020, 2:06 AM IST

बेड़ो, रांची: झारखंड में खुले में दवा फेंके जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ताजा मामला रांची से सटे बेड़ो का है, जहां प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र (टीएमसी) के बगल स्थित गड्डे में जीवन रक्षक एक्सपायरी दवाएं, टेबलेट, ओआरएस और सीरप की शीशी खुले में फेंक दी गई है.

देखें पूरी खबर

दो साल पहले की है ओआरएस
जहां दवाएं फेंकी गई हैं उसके बगल में प्रखंड पशु चिकित्सा केंद्र भी है. खुले में पड़ी दवाएं अगर जानवर खा जाए तो गड़बड़ हो सकती है. वहीं कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती बच्चे की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.इन दवाओं में से ओआरएस की एक्सपायरी जिसके ऊपर बैच नंबर 16-06 निर्माण समय 03/2016 और एक्सपायरी समय 02/2018 लिखी हुई है.

ये भी पढ़ें- राजधानी में 'सर्दी का सितम' जारी, मकर संक्रांति के बाद भी नहीं कम हुई ठंड

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कही जांच की बात
इधर, स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं के फेंके जाने से अनजान है. खुले में जीवन रक्षक दवा फेंकना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की घोर लपरवाही है. अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों ने पकड़े जाने के डर से एक्सपायरी दवाओं को खुले में फेंक दिया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनीता प्रसाद का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में वे जांच करने के बाद ही कुछ कह सकती हैं.

बेड़ो, रांची: झारखंड में खुले में दवा फेंके जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ताजा मामला रांची से सटे बेड़ो का है, जहां प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र (टीएमसी) के बगल स्थित गड्डे में जीवन रक्षक एक्सपायरी दवाएं, टेबलेट, ओआरएस और सीरप की शीशी खुले में फेंक दी गई है.

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दो साल पहले की है ओआरएस
जहां दवाएं फेंकी गई हैं उसके बगल में प्रखंड पशु चिकित्सा केंद्र भी है. खुले में पड़ी दवाएं अगर जानवर खा जाए तो गड़बड़ हो सकती है. वहीं कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती बच्चे की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.इन दवाओं में से ओआरएस की एक्सपायरी जिसके ऊपर बैच नंबर 16-06 निर्माण समय 03/2016 और एक्सपायरी समय 02/2018 लिखी हुई है.

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प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कही जांच की बात
इधर, स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं के फेंके जाने से अनजान है. खुले में जीवन रक्षक दवा फेंकना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की घोर लपरवाही है. अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों ने पकड़े जाने के डर से एक्सपायरी दवाओं को खुले में फेंक दिया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनीता प्रसाद का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में वे जांच करने के बाद ही कुछ कह सकती हैं.

Intro:बेड़ो,प्रखंङ कार्यलय बेड़ो परिसर स्थित कुपोषण उपचार केंद्र(टीएमसी) के बगल स्थित गड्डे में जीवन रक्षक एक्सपायरी दवा, टेबलेट,ओ0आर0 एस0 व सीरप की शीशी खुले में फेंक दी गई है।
जहाँ दवा भेकी गयी है उसी के बगल में प्रखंड़ पशु चिकित्सा केंद्र भी है,खुले में प़डी दवा घास चरने के दौरान जानवर खा जाय तो बिमार पङ सकते है।
वही कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती बच्चे की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इन दवाओं में से ओ0आर0एस0 की एक्सपायरी जिसके ऊपर बैच नंबर 16-06 निर्माण समय 03/2016 व एक्सपायरी समय 02/2018 लिखी हुई है। करीब दो वर्ष से पहले की दवा है।
स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं के फेंके जाने से अनजान है,खुले में जीवन रक्षक दवा भेकना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की घोर लपरवाही है,
जोअस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों ने पकड़े जाने के डर से एक्सपायरी दवाओं को खुले में फेंक दिया गया है,


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा बिनीता प्रसाद का कहना है कि उन्हें इस संदर्भ में कोई जानकारी नही है,मैं इस संर्दभ में पत्ता कर जाँच करूँगी,Body:NoConclusion:No
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