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अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए तैनात हुआ ड्रोन, उच्च तकनीक के कैमरे से रहेगी पैनी नजर - Jharkhand news

रांची और आसपास के इलाके में अफीम की खेती करने वालों और उसके तस्करों पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी (Drone deployed to monitor opium cultivation ). इन ड्रोन को जंगलों में तैनात किया जाएगा.

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Published : Nov 26, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 5:59 PM IST

रांची: राजधानी के आसपास अफीम तस्करों की मदद से एक बार फिर से बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने की सूचना है. इस बार अफीम तस्करों ने अपनी खेती की जगह को बदल डाला है, यही वजह है कि अब अफीम के खेतों पर नजर रखने के लिए और उनका पता लगाने के लिए जंगलों में ड्रोन की मदद ली जा रही है (Drone deployed to monitor opium cultivation).

ये भी पढ़ें: Smuggling In Jharkhand: डंप अफीम को पाउडर में बदल कर खपाने में जुटे तस्कर, नकेल कसने की तैयारी में जुटी पुलिस

बीहड़ जंगलों में खेती की सूचना: राजधानी रांची और आसपास के जंगलों और पहाड़ों के बीच बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने की सूचना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. इस बार प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर अफीम की खेती पर लगातार नजर रखी जा रही है. दरअसल, पुलिस को अफीम की खेती की सूचना मिलती है तो कार्रवाई भी होती है. लेकिन घने जंगलों के बीच अफील लगे फसल को खोजना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल होता है. इसको लेकर झारखंड पुलिस ने नया तरीका निकाला है. अब ड्रोन की मदद से सुदूर और घने जंगलों में अफीम की खेतों पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन के जरिए जैसे ही अफीम की खेत नजर आएगी, वैसे ही पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस बार जो ड्रोन जंगलों में तैनात किया गया है और वह बेहद शक्तिशाली है. 5 किलोमीटर के दायरे में जहां कहीं भी अफीम की खेती हो रही होगी उसकी उच्च तकनीक के कैमरे वाली तस्वीर और वीडियो दोनों ही पुलिस के पास पहुंचेगी. बकायदा प्रशिक्षु आईपीएस कोई टास्क में नेतृत्व करने को कहा गया है.

देखें वीडियो




स्थान बदल खेती की सूचना: पिछले वर्ष जाड़े के मौसम में केवल राजधानी रांची की पुलिस ने रांची के नाम को दसम, बुंडू , तमाड़, नामकुम, पिठोरिया जैसे इलाकों से सैकड़ों एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया था. लगभग तीन दर्जन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. लेकिन एक बार फिर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती राजधानी के आसपास की जा रही है. इसकी सूचना पुलिस को मिल भी रही है, रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस बार अफीम तस्करों ने स्थान बदलकर अफीम की खेती करना शुरू किया है. इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात एसपीओ को भी सूचना संकलन में लगाया गया है. वहीं, ग्रामीणों के बीच पुलिस अधिकारियों के नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि अगर कहीं भी अफीम की खेती की सूचना मिले तो उसकी जानकारी पुलिस तक पहुंच सके.

यूपी से लेकर नेपाल तक के तस्कर हुए सक्रिय: झारखंड के अफीम तस्करों के तार पड़ोसी देश नेपाल समेत कई राज्यों से जुड़े हैं. राज्य से अफीम के डोडा की सप्लायी यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और पंजाब में की जाती है. अफीम तस्कर नक्सलियों की मदद से भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर या फिर धमकी देकर वन विभाग की जमीन पर ही अफीम की खेती करवाते हैं. पुलिस ने वैसे ग्रामीण इलाके जहां बराबर अफीम की खेती की जाती है वहां अगर किसी अनजान व्यक्ति की आने जाने की सूचना मिल रही हो उसकी जानकारी भी पुलिस तक पहुंचाने की अपील की गई है.

साल 2021 में बड़ी कार्रवाई हुई: राजधानी रांची में अफीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पिछले वर्ष पुलिस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से लाखो का डोडा जब्त किया था, जबकि कई एकड़ में लगे अफीम की फसल को भी नष्ट कर दिया था. आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 में केवल रांची पुलिस ने ही 32 अफीम तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था.

अफीम की खेती नष्ट करने में झारखंड आगे: राज्य पुलिस मुख्यालय की नारकोटिक्स देखने वाली सेल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में 167.93 किलोग्राम अफीम, 13068 किलोग्राम अफीम का डोडा और 16 लाख 99 हजार 200 रुपये नकद जब्त किए गए थे. राज्य में यूपी, राजस्थान और पंजाब के तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है.

किस साल कितनी एकड़ में नष्ट की गई अफीम

  • साल 2021 में 3034 एकड़
  • साल 2020 में 2634.7 एकड़
  • साल 2019 में 2015.4 एकड़
  • साल 2018 में 2160.5 एकड़
  • साल 2017 में 2676.5 एकड़
  • साल 2016 में 259.19 एकड़
  • साल 2015 में 516.69 एकड़
  • साल 2014 में 81.26 एकड़
  • साल 2013 में 247.53 एकड़
  • साल 2012 में 66.6 एकड़
  • साल 2011 में 26.85 एकड़


कहां कहां होती है अफीम की खेती

  • रांची- नामकुम, दसम, बुंडू तमाड़ और पिठोरिया थाना क्षेत्र
  • खूंटी- खूंटी और मुरहू थाना क्षेत्र
  • सरायकेला खरसांवा- चौका थाना क्षेत्र
  • गुमला- कामडारा थाना क्षेत्र
  • लातेहार- बालूमाथ, हेरहंज और चंदवा थाना क्षेत्र
  • चतरा - लावालौंग, सदर, प्रतापपुर, राजपुर, कुंदा, विशिष्ठनगर
  • पलामू- पांकी, तरहसी, मनातू
  • गढ़वा- खरौंदी
  • हजारीबाग- तातुहरिया, चौपारण
  • गिरिडीह- पीरटांड, गनवा, डुमरी, लोकनयानपुर, तिसरी
  • देवघर- पालाजोरी
  • दुमका-रामगढ़, शिकारीपाड़ा, रनेश्वर, मसलिया
  • गोड्डा- माहेरवान
  • पाकुड़- हिरणपुर
  • जामताड़ा- नाला, कुंडीहाट
  • साहेबगंज- बरहेट, तालीहारी

रांची: राजधानी के आसपास अफीम तस्करों की मदद से एक बार फिर से बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने की सूचना है. इस बार अफीम तस्करों ने अपनी खेती की जगह को बदल डाला है, यही वजह है कि अब अफीम के खेतों पर नजर रखने के लिए और उनका पता लगाने के लिए जंगलों में ड्रोन की मदद ली जा रही है (Drone deployed to monitor opium cultivation).

ये भी पढ़ें: Smuggling In Jharkhand: डंप अफीम को पाउडर में बदल कर खपाने में जुटे तस्कर, नकेल कसने की तैयारी में जुटी पुलिस

बीहड़ जंगलों में खेती की सूचना: राजधानी रांची और आसपास के जंगलों और पहाड़ों के बीच बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने की सूचना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. इस बार प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर अफीम की खेती पर लगातार नजर रखी जा रही है. दरअसल, पुलिस को अफीम की खेती की सूचना मिलती है तो कार्रवाई भी होती है. लेकिन घने जंगलों के बीच अफील लगे फसल को खोजना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल होता है. इसको लेकर झारखंड पुलिस ने नया तरीका निकाला है. अब ड्रोन की मदद से सुदूर और घने जंगलों में अफीम की खेतों पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन के जरिए जैसे ही अफीम की खेत नजर आएगी, वैसे ही पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस बार जो ड्रोन जंगलों में तैनात किया गया है और वह बेहद शक्तिशाली है. 5 किलोमीटर के दायरे में जहां कहीं भी अफीम की खेती हो रही होगी उसकी उच्च तकनीक के कैमरे वाली तस्वीर और वीडियो दोनों ही पुलिस के पास पहुंचेगी. बकायदा प्रशिक्षु आईपीएस कोई टास्क में नेतृत्व करने को कहा गया है.

देखें वीडियो




स्थान बदल खेती की सूचना: पिछले वर्ष जाड़े के मौसम में केवल राजधानी रांची की पुलिस ने रांची के नाम को दसम, बुंडू , तमाड़, नामकुम, पिठोरिया जैसे इलाकों से सैकड़ों एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया था. लगभग तीन दर्जन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. लेकिन एक बार फिर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती राजधानी के आसपास की जा रही है. इसकी सूचना पुलिस को मिल भी रही है, रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस बार अफीम तस्करों ने स्थान बदलकर अफीम की खेती करना शुरू किया है. इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात एसपीओ को भी सूचना संकलन में लगाया गया है. वहीं, ग्रामीणों के बीच पुलिस अधिकारियों के नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि अगर कहीं भी अफीम की खेती की सूचना मिले तो उसकी जानकारी पुलिस तक पहुंच सके.

यूपी से लेकर नेपाल तक के तस्कर हुए सक्रिय: झारखंड के अफीम तस्करों के तार पड़ोसी देश नेपाल समेत कई राज्यों से जुड़े हैं. राज्य से अफीम के डोडा की सप्लायी यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और पंजाब में की जाती है. अफीम तस्कर नक्सलियों की मदद से भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर या फिर धमकी देकर वन विभाग की जमीन पर ही अफीम की खेती करवाते हैं. पुलिस ने वैसे ग्रामीण इलाके जहां बराबर अफीम की खेती की जाती है वहां अगर किसी अनजान व्यक्ति की आने जाने की सूचना मिल रही हो उसकी जानकारी भी पुलिस तक पहुंचाने की अपील की गई है.

साल 2021 में बड़ी कार्रवाई हुई: राजधानी रांची में अफीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पिछले वर्ष पुलिस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों से लाखो का डोडा जब्त किया था, जबकि कई एकड़ में लगे अफीम की फसल को भी नष्ट कर दिया था. आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 में केवल रांची पुलिस ने ही 32 अफीम तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था.

अफीम की खेती नष्ट करने में झारखंड आगे: राज्य पुलिस मुख्यालय की नारकोटिक्स देखने वाली सेल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में 167.93 किलोग्राम अफीम, 13068 किलोग्राम अफीम का डोडा और 16 लाख 99 हजार 200 रुपये नकद जब्त किए गए थे. राज्य में यूपी, राजस्थान और पंजाब के तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है.

किस साल कितनी एकड़ में नष्ट की गई अफीम

  • साल 2021 में 3034 एकड़
  • साल 2020 में 2634.7 एकड़
  • साल 2019 में 2015.4 एकड़
  • साल 2018 में 2160.5 एकड़
  • साल 2017 में 2676.5 एकड़
  • साल 2016 में 259.19 एकड़
  • साल 2015 में 516.69 एकड़
  • साल 2014 में 81.26 एकड़
  • साल 2013 में 247.53 एकड़
  • साल 2012 में 66.6 एकड़
  • साल 2011 में 26.85 एकड़


कहां कहां होती है अफीम की खेती

  • रांची- नामकुम, दसम, बुंडू तमाड़ और पिठोरिया थाना क्षेत्र
  • खूंटी- खूंटी और मुरहू थाना क्षेत्र
  • सरायकेला खरसांवा- चौका थाना क्षेत्र
  • गुमला- कामडारा थाना क्षेत्र
  • लातेहार- बालूमाथ, हेरहंज और चंदवा थाना क्षेत्र
  • चतरा - लावालौंग, सदर, प्रतापपुर, राजपुर, कुंदा, विशिष्ठनगर
  • पलामू- पांकी, तरहसी, मनातू
  • गढ़वा- खरौंदी
  • हजारीबाग- तातुहरिया, चौपारण
  • गिरिडीह- पीरटांड, गनवा, डुमरी, लोकनयानपुर, तिसरी
  • देवघर- पालाजोरी
  • दुमका-रामगढ़, शिकारीपाड़ा, रनेश्वर, मसलिया
  • गोड्डा- माहेरवान
  • पाकुड़- हिरणपुर
  • जामताड़ा- नाला, कुंडीहाट
  • साहेबगंज- बरहेट, तालीहारी
Last Updated : Nov 26, 2022, 5:59 PM IST
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