रांची: कोरोना की वजह से लगातार लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं. खासकर परिवहन विभाग का कार्य अभी तक पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं हो पाया है. राजधानी रांची के डीटीओ कार्यालय में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. ऐसे तो देश के कई राज्यों में ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन रांची के डीटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को लेकर अभी भी काम बाधित है.
कार्यालय आकर ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है
इसको लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने बताया कि सभी काम ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही हो रहे हैं, लेकिन लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया फिलहाल बंद रखा गया है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को इसलिए भी बंद किया गया है क्योंकि यह काम मैनुअली तरीके से होता है और ऐसे में उपभोक्ताओं को कार्यालय आकर ड्राइविंग टेस्ट देनी पड़ती है, लेकिन कोरोना को देखते हुए कार्यालय में लोगों की आवाजाही को कम करने को लेकर यह निर्णय लिया गया है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब इसको लेकर डीटीओ कार्यालय में पड़ताल की तो यह भी देखा गया कि कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जो कोरोना काल से पहले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर चुके हैं. उन्हें भी फिलहाल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दी जा रही है.
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निराश लौटना पड़ता है
रातू रोड निवासी अरुण कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से कर्मचारियों की ओर से बार-बार यह कहकर लौटा दिया जाता है, कि कल तक आपका लाइसेंस बनकर आ जाएगा लेकिन जब भी उनके आश्वासन के बाद वे डीटीओ कार्यालय आते हैं तो उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है. अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता भी उपभोक्ताओं के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है.
जिला परिवहन कार्यालय में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट सहित कई ऐसे काम हैं जो ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किए जा रहे हैं, लेकिन इंटरनेट का बेहतर कनेक्शन नहीं होना भी एक बहुत बड़ा कारण है. अब ऐसे में जरूरत है कि परिवहन विभाग इस पर त्वरित संज्ञान ले, ताकि डीटीओ कार्यालय में आने वालों का काम आसानी से निष्पादन हो सके.