रांची: केंद्र सरकार ने नया हिट एंड रन कानून बनाया है. इसके तहत अगर कोई वाहन चालक हादसे के बाद किसी घायल को छोड़कर भाग जाता है तो उसे 10 साल की कैद और 7 लाख तक के जुर्माने के प्रावधान है. यही वजह है कि पूरे देश में ट्रक और बस ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं. झारखंड में भी इस विरोध का असर दिख रहा है. रांची समेत राज्य के विभिन्न जिलों में बसों का परिचालन प्रभावित हुआ है. जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
कोडरमा में प्रदर्शन: झुमरी तिलैया के सुभाष चौक, महाराणा प्रताप चौक, झंडा चौक, कोडरमा के गांधी चौक, डोमचांच के टैक्सी बस स्टैंड के पास ट्रक और बस चालको ने प्रदर्शन किया और इसे काला कानून बताया. इस प्रदर्शन में ऑटो और ई रिक्शा चालक भी अपना समर्थन दे रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान चालकों ने जमकर नारेबाजी की और इस कानून को वापस लेने की मांग की. एक जनवरी से ही तमाम बसें स्टैंडों में खड़ी हैं और ट्रकों को सड़क किनारे खड़े कर ड्राइवर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हजारीबाग में सड़कों पर सन्नाटा: नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. हजारीबाग में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. बस स्टैंड पर सभी गाड़ियां खड़ी हैं और सड़क सन्नाटा है. हजारीबाग के प्राइवेट बस स्टैंड के पास बस चालकों ने कुछ देर के लिए ऑटो और अन्य गाड़ियों को भी रोकने का काम किया. लेकिन बाद में उन गाड़ियों को छोड़ भी दिया गया. यह स्पष्ट किया गया कि सिर्फ बस नहीं चलने दी जाएगी. वही, सूचना मिली कि कुछ ऑटो रामगढ़ तक सवारी ले जा चल रहे हैं उन्हें चेतावनी देकर प्रदर्शनकारियों ने छोड़ दिया. बस ड्राइवरों का कहना है कि अगर सड़क दुर्घटना होती है उस वक्त गाड़ी रोक दी जाए तो उनकी जान पर भी खतरा मंडरा सकता है. उनका कहना है कि कभी-कभी चक्का फट जाने से भी दुर्घटना होती है, इसमें ड्राइवर की किसी भी तरह की गलती नहीं होती है. हड़ताल से सबसे अधिक परेशानी पैसेंजरों को हो रही है. लोग घंटों सड़क खड़े होकर बस का इंतजार करते रहे. हड़ताल की वजह से खाद्यान्न, दवाइयां और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो सकती है.
गिरिडीह के बगोदर में प्रदर्शन: बगोदर में मोटर कामगार यूनियन के बैनर तले प्रतिवाद मार्च निकाला गया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. इस बीच बगोदर बस स्टैंड में नुक्कड़ सभा भी की गई. मोटर कामगार यूनियन ने हीट एंड रन एक्ट को काला कानून की संज्ञा देते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. यूनियन के सचिव योगेश्वर साहू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार नए- नए कानून बनाकर गरीब- गुरबों को परेशान करने की कोशिश करती रही है. इस बार हीट एंड रन एक्ट कानून बनाकर सरकार ने मोटर चालकों को परेशान करने का निर्णय सरकार ने लिया है.
पलामू में प्रदर्शन: हिट एंड रन कानून का तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में भी किया गया. ट्रक ड्राइवर मालिक राम, आफताब खान, भोलू सिंह समेत अन्य लोगों का कहना है कि इस कानून के लागू होते ही उनका कार्य जोखिम भरा हो जाएगा. कानूनी रूप से सुरक्षित रहने के लिए उन्हें अपना कार्य छोड़ना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उनके कार्य में यह निश्चित नहीं है कि कब एक्सीडेंट हो जाए, उन्हें रोजाना हाइवे पर चलना होता है, कई बार गलती सामने वाले की भी होती है.
साहिबगंज में प्रदर्शन: हड़ताल के कारण साहिबगंज बस स्टैंड पर विरानगी छाई हुई रही. यहां से रांची, धनबाद, देवघर, बोकारो सहित अन्य जिलों में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित रही. यहां जिला चालक संघ के बैनर तले अध्यक्ष हुसैन अंसारी के नेतृत्व में स्टेयरिंग छोड़ो अभियान शुरू किया अंसारी ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा हिट एंड रन के मामले में नया कानून अगर वापस नहीं लेती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
रामगढ़ में गाड़ियों की लगी लंबी कतार: नए मोटर वाहन कानून के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन रामगढ़ जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में ड्राइवर और उनके समर्थक सड़क पर उतरे और चक्का जाम कर दिया. शहर के अंदर और हाइवे पर ड्राइवरों ने अपनी-अपनी गाड़ियों को सड़क पर ही खड़ा कर दिया. जिससे सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.
पाकुड़ में कोयला ढुलाई प्रभावित: पाकुड़ में प्रदर्शन के कारण पत्थर और कोयला का परिवहन पूरी तरह बाधित हो गया है. चक्का जाम की वजह से आम लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. नये कानून को लेकर राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि पहले से ही इस पर नियम बना हुआ था, लेकिन वर्तमान सरकार में नये नये कानून बना रही है. मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं घटती रहती हैं और कोई भी चालक यह नहीं चाहता है कि वे किसी को कुचलकर भाग जाए. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को हर दृष्टिकोण को देखते हुए कानून में लचीलापन लाना चाहिए ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे.
खूंटी में बालू और पत्थरों की ढुलाई प्रभावित: खूंटी के कालामाटी के पास नए कानून के विरोध में नारेबाजी की गई. बालू व पत्थर, चिप्स ढोने वाले मालवाहक वाहनों के चालकों ने गाड़ियों को कतारबद्ध खड़ी कर दी. चालकों ने कुछ स्कूल बसों को भी रोका और यात्री बसों को भी रोकने की योजना बनाई है. हालांकि संगठन ने यात्री बसों को रोकने को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं दिया है, जिसके कारण विरोध कर रहे चालकों ने मालवाहक वाहनों का चक्का जाम किया.
पहले के कानून में सड़क दुर्घटना में अगर गलती से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, जिसमें अधिकतम 2 साल की जेल की सजा हो सकती थी. इसके अलावा जांच के बाद उसमें गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया जा सकता था, जिसमें अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था. लेकिन नए कानून में हादसे के बाद घटना की रिपोर्ट निकटतम पुलिस स्टेशन में सूचित की जानी है. ड्राइवर तुरंत घटना की रिपोर्ट करने में विफल रहता है, तो कारावास की अवधि दस साल तक बढ़ सकती है, साथ ही 7 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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