रांचीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रिम्स में इलाजरत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के स्वास्थ्य को लेकर कभी भी इमरजेंसी सिचुएशन क्रिएट हो सकती है. यह जानकारी लालू प्रसाद का इलाज कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. उमेश प्रसाद ने दी है.
लालू प्रसाद की जांच रिपोर्ट
डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि हाल ही में जो जांच रिपोर्ट लालू प्रसाद की आई है उसको देखने के बाद कहा जा सकता है कि उनकी किडनी 25 प्रतिशत कार्य कर रही है. ऐसे में उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है. इसको लेकर हम लोगों ने अपनी रिपोर्ट अपने वरीय अधिकारियों को भेज दी है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से लालू यादव की किडनी फंक्शनिंग काम करना कम कर रही है. ऐसे में उन्हें डायलिसिस की आवश्यकता कभी भी पड़ सकती है. उन्हें बाहर भेजने की भी जरूरत पड़ सकती है. क्योंकि किडनी का इलाज करने वाले बेहतर नेफ्रोलॉजी दिल्ली के एम्स में ही मिल पाएंगे.
वहीं, डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कि शुगर होने के कारण उसका सीधा असर लालू यादव की किडनी पर पड़ रहा है. शुगर को कम करने के लिए इंसुलिन की दवाई दी जा रही है. इसके बावजूद भी किडनी के काम करने की दर में काफी गिरावट आई है. पिछले दिनों यह कहा जा रहा था कि लालू यादव को होटवार जेल में शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन जिस प्रकार से उनकी तबीयत में दिन-प्रतिदिन गिरावट हो रही है. ऐसे में उन्हें बेहतर स्वास्थ्य के लिए डॉक्टरों के निगरानी में रखना जरूरी हो गया है.
चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव होटवार जेल के कैदी नंबर 3351 हैं. लालू यादव को 15 से ज्यादा गंभीर बीमारियां हैं इसलिए उन्हें रिम्स में रखा गया है. लालू यादव जब साल 2017 में रिम्स में भर्ती हुए थे, तब उनकी किडनी स्टेज 3 में थी. करीब तीन साल के दौरान लालू यादव की किडनी स्टेज 4 तक पहुंच चुकी है. डॉक्टरों की देखरेख की वजह से गिरावट धीमी गति से हो रही है, लेकिन ये गिरावट जारी रही तो लालू यादव को डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है.
इसी साल फरवरी महीने में आठ डॉक्टरों की टीम ने तत्कालीन रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप के नेतृत्व में लालू यादव के स्वास्थ्य की समीक्षा की थी. मेडिकल बोर्ड ने लालू यादव की किडनी संबंधित बीमारी के इलाज के लिए नेफ्रोलॉजिस्ट से दिखाना जरूरी समझा था, लेकिन उन्हें एम्स भेजने के बजाए रिम्स में ही नेफ्रोलॉजिस्ट को बुलाकर इलाज का फैसला लिया गया था.