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न्यू वैरिएंट की एंट्री: कितना खतरनाक होगा कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस म्यूटेशन, जानिए डॉक्टर्स की राय

कोरोना वायरस (corona virus) की डेल्टा वैरिएंट में नया म्यूटेशन (mutation in delta variant) मिलने के बाद झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. डेल्टा प्लस वैरिएंट के कई मरीज भारत में पाए गए हैं, जो दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

doctors talked about effect of delta plus mutation of corona virus in Jharkhand
न्यू वेरिएंट की एंट्री: झारखंड में कितना खतरनाक हो सकता है कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस म्यूटेशन, जानिए डॉक्टर्स की राय
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Published : Jun 17, 2021, 7:53 AM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:10 AM IST

रांची: कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट में नया म्यूटेशन होने के बाद अब झारखंड में स्वास्थ्य महकमा (health department) अलर्ट हो गया है. कोरोना वायरस के वैरियंट का म्यूटेशन बार-बार हो रहा है, जिस वजह से ये हर बार खतरनाक होता जा रहा है. इसके कई मरीज भारत में पाए गए हैं, जो दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होने की आशंका है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर में 730 डॉक्टरों की गई जान, टॉप-3 में बिहार, दिल्ली और यूपी

नया वैरिएंट झारखंड के लिए खतरनाक

डेल्टा प्लस म्यूटेंट को लेकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ (WHO) की ओर से ये जानकारी सामने आई है कि भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेशन हुआ है, जो परिवर्तित होकर डेल्टा प्लस वैरिएंट में तब्दील हो चुका है. भारत में ही उत्पत्ति होने के कारण संक्रमण के ज्यादा फैलने का खतरा बढ़ गया है. झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज पाए जा सकते हैं. सही समय पर वायरस के इस म्यूटेशन को पहचानने के लिए सिक्वेंसिंग मशीन (sequencing machine) झारखंड में जरूरी है.

देखें पूरी खबर

इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार को सूचित कर दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में भी जल्द से जल्द मशीन लग जाएगी. फिलहाल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल ओडिशा भेजना पड़ता है. फिलहाल सैंपल्स के माध्यम से वैरीएंट के म्यूटेशन का पता लगाने के लिए हमें ओडिशा के लैब में राज्य के 30% सैंपल्स को भेजना पड़ रहा है.

कोरोना टीका का असर कम होने के आसार

कोविड टास्क फोर्स (covid task force) के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार बताते हैं कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीजों पर कोरोना के टीके का असर कम होने के आसार हैं. वायरस अपने समय के तहत वैरिएंट म्यूटेट करता रहता है और ये डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इस पर वैक्सीन का भी असर ज्यादा नहीं होगा.

उसके बावजूद भी कोरोना का टीका ही एकमात्र उपाय है, जिसके माध्यम से हम इससे थोड़ा बहुत ही सही, बचाव कर सकते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इम्यून सिस्टम (immune system) को बढ़ाने और कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) का पालन करना ही खतरनाक वैरिएंट से बचने का एकमात्र उपाय है. चीन के वुहान से आए वायरस के इस वैरियंट में आए दिन म्यूटेशन देखा जा रहा है जो खतरनाक होकर लोगों की जान भी ले रहा है. ऐसे में झारखंड की राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

रांची: कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट में नया म्यूटेशन होने के बाद अब झारखंड में स्वास्थ्य महकमा (health department) अलर्ट हो गया है. कोरोना वायरस के वैरियंट का म्यूटेशन बार-बार हो रहा है, जिस वजह से ये हर बार खतरनाक होता जा रहा है. इसके कई मरीज भारत में पाए गए हैं, जो दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होने की आशंका है.

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नया वैरिएंट झारखंड के लिए खतरनाक

डेल्टा प्लस म्यूटेंट को लेकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ (WHO) की ओर से ये जानकारी सामने आई है कि भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेशन हुआ है, जो परिवर्तित होकर डेल्टा प्लस वैरिएंट में तब्दील हो चुका है. भारत में ही उत्पत्ति होने के कारण संक्रमण के ज्यादा फैलने का खतरा बढ़ गया है. झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज पाए जा सकते हैं. सही समय पर वायरस के इस म्यूटेशन को पहचानने के लिए सिक्वेंसिंग मशीन (sequencing machine) झारखंड में जरूरी है.

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इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार को सूचित कर दिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि झारखंड में भी जल्द से जल्द मशीन लग जाएगी. फिलहाल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल ओडिशा भेजना पड़ता है. फिलहाल सैंपल्स के माध्यम से वैरीएंट के म्यूटेशन का पता लगाने के लिए हमें ओडिशा के लैब में राज्य के 30% सैंपल्स को भेजना पड़ रहा है.

कोरोना टीका का असर कम होने के आसार

कोविड टास्क फोर्स (covid task force) के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार बताते हैं कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीजों पर कोरोना के टीके का असर कम होने के आसार हैं. वायरस अपने समय के तहत वैरिएंट म्यूटेट करता रहता है और ये डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इस पर वैक्सीन का भी असर ज्यादा नहीं होगा.

उसके बावजूद भी कोरोना का टीका ही एकमात्र उपाय है, जिसके माध्यम से हम इससे थोड़ा बहुत ही सही, बचाव कर सकते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इम्यून सिस्टम (immune system) को बढ़ाने और कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) का पालन करना ही खतरनाक वैरिएंट से बचने का एकमात्र उपाय है. चीन के वुहान से आए वायरस के इस वैरियंट में आए दिन म्यूटेशन देखा जा रहा है जो खतरनाक होकर लोगों की जान भी ले रहा है. ऐसे में झारखंड की राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:10 AM IST
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