रांची: कोरोना के बाद अब देश में नई वायरस एच3एन2 एक समस्या बनती जा रही है. महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में एच3एन2 वायरस के मरीज मिलने के बाद झारखंड में भी इस वायरस के मरीज की पुष्टि हुई है. जमशेदपुर में एक मरीज की पुष्टि होने के बाद राजधानी रांची के एक अस्पताल में भी एक बच्चे में इस वायरस के इन्फेक्शन को पाया गया. जिसके बाद शहर के सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं. एक तरफ नए वायरस का खतरा तो वहीं दूसरी तरफ बदलते मौसम की मार ने लोगों की परेशानी और भी बढ़ा दी है.
राजधानी रांची में बदलते मौसम की वजह से लोग कॉमन इन्फ्लूएंजा से ग्रसित हो रहे हैं. जिसके लक्षण एच3एन2 वायरस से काफी मिलते जुलते हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने बताया कि वर्तमान में जो भी मरीज इलाज कराने रिम्स या अन्य अस्पताल में पहुंच रहे हैं, उनमें सर्दी, खांसी या फिर बुखार सामान्य रूप से सभी मरीज में देखे जा रहे हैं. ऐसे में जिसके लक्षण एच3एन2 वायरस से काफी मिलते हैं. उन्हें तुरंत ही वायरस जांच कराने की सलाह दी जाती है.
रिम्स में एच3एन2 वायरस के मरीजों के लिए अलग से वार्ड का इंतजाम कर दिया गया है ताकि यदि मरीजों की संख्या बढ़ी तो उन्हें आइसोलेट कर अस्पताल में भर्ती किया जा सके. रिम्स अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि झारखंड में एच3एन2 के मरीज डिटेक्ट होने के बाद जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है.
डॉ राजीव रंजन ने बताया कि सबसे पहली प्राथमिकता टेस्टिंग की है. टेस्ट करने के बाद यदि कोई मरीज पॉजिटिव आता है तो हम उसे तुरंत ही ट्रेस करेंगे. मरीज की हिस्ट्री जानने के यह जानकारी ली जाएगी कि मरीज किन-किन के संपर्क में आए हैं. फिर संपर्क में आए लोगों का भी सैंपल टेस्ट किया जाएगा.
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय सिंह बताते हैं कि जो भी मरीज आ रहे हैं. उनमें फ्लु के इंफेक्शन देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में मरीजों और उनके संपर्क में रह रहे लोगों को सलाह दी जाती है कि वह मास्क का उपयोग ज़रूर करें. क्योंकि यह बीमारी सांस के रास्ते से एक दूसरे में फैलती है. डॉक्टर संजय सिंह की माने तो मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन लगभग 300 से 400 मरीज आते हैं. जिसमें 65 से 70 प्रतिशत मरीज इन्फ्लूएंजा से ग्रसित हैं. कई मरीजों में फैले फ्लू के लक्षण एच3एन2 वायरस की तरह है.
रांची के सदर अस्पताल में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल रही है. दोनों अस्पतालों में एच3एन2 वायरस को लेकर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारी को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.