रांची: झारखंड में पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड हृदय समागम का आयोजन किया है. कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के सहयोग से इस दो दिवसीय समागम का आयोजन किया गया है. समागम की खासियत यह है कि राज्य के अलग अलग जिलों और प्रखंडों में सेवा दे रहे डॉक्टर्स हृदय रोग के मामले में ग्लोबल स्तर पर हो रहे नई खोज से अवगत होंगे और इसका लाभ राज्य की जनता को ही मिलेगा.
राज्य में पहली बार आयोजित किये जा रहे झारखंड हृदय समागम के संयोजक और प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ हेमंत नारायण ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरों और आम जनता में यह जागरुकता लाना चाहते हैं कि हृदय रोग और खासकर हार्ट अटैक की स्थिति में क्या त्वरित उपाय करें ताकि मरीज की जान बचाई जा सके.
कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर होती है लाइफ सेविंगः डॉ हेमंत नारायण ने कहा कि दो दिनों के हृदय समागम के दौरान पुलिस के जवानों को सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन की जानकारी दी जा रही है. इससे किसी आपात स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी की सुविधाएं पहुंचने से पहले अगर दिल की धड़कन बंद हो जाए तो उसे दोबारा शुरू किया जा सके.
स्टेम सेल थैरेपी से दिल की असाध्य बीमारियों के इलाज में हुई है प्रगति लेकिन यह पहला ऑप्शन नहींः झारखंड के प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट और रिम्स के हृदय रोग विभाग के हेड डॉ हेमंत नारायण ने कहा कि दिल की असाध्य बीमारियों जैसे कार्डियोमायोपैथी में स्टेम सेल थैरेपी के माध्यम से इलाज की दिशा में प्रगति हो रही है, लेकिन आज की तारीख में भी यह इलाज का फर्स्ट ऑप्शन नहीं है.
कोरोना की वजह से नाचते- गाते, व्यायाम करते हो जा रही है सडन डेथ, इस पर नहीं हुई है कोई स्टडीः क्या कोरोना के संक्रमण की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ी हैं और नाचते-गाते, जिम में वर्जिश करते करते व्यक्ति की अचानक मौत हो जा रही है? इस सवाल पर डॉ हेमंत नारायण कहते हैं कि कोरोना के बाद ऐसा हो रहा है, लेकिन इस पर दुनिया में कोई स्टडी नहीं हुई है, जिसके आधार पर कहें कि कोरोना महामारी की वजह से ऐसा हो रहा है.
अगर ये लक्षण दिखे तो डॉक्टर्स के पास जाकर पूरी जांच और इलाज कराना जरूरीः डॉ हेमंत नारायण ने कहा कि दिल की बीमारियां ज्यादातर मामलों में अचानक नहीं होती. सीने में दर्द, सांस फूलना, जल्दी थक जाना, चक्कर आना/मूर्छित हो जाना, सीने में जलन, धड़कन तेज होना जैसे कई लक्षण हमें अलर्ट करते हैं.
रांची के जैप-1 में दो दिवसीय हृदय समागम में राज्य भर के 450 से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे हैं. ये वे चिकित्सक हैं जो जिला अस्पताल, सामुदायिक अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से बीमार जन की सेवा कर रहे हैं. सरकार की योजना इन चिकित्सकों को हृदय रोग के इलाज प्रबंधन की आधुनिक तकनीक, इलाज के साधनों से अवगत कराना है. हृदय समागम का विधिवत उद्घाटन शुक्रवार शाम में स्वास्थ्य मंत्री करेंगे. उससे पहले साइंटिफिक सत्र के पहले दिन के सेशन में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नीरज प्रसाद, डॉ दीपक गुप्ता, कोलकाता से आये डॉ एस पॉल चौधरी, डॉ नरसिम्हन, कोलकाता के डॉ मृणाल कांति दास, डॉ कुणाल सरकार, डॉ आशीष सप्रे और वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से डॉ प्रणव सिन्हा और डॉ मिथिलेश दास ने अलग अलग विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की.
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