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RIMS में प्रसूति विभाग के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी ने की क्वॉरेंटाइन होने की मांग, प्रबंधन ने खड़े किए हाथ - रिम्स में कोरोना पॉजिटिव ने दिया बच्चे को जन्म

रिम्स में एक कोरोना पॉजिटिव महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. रिम्स के प्रसूति विभाग के सभी कर्मचारी क्वॉरेंटाइन होने की बात कर रहे हैं.

Doctors and health workers of maternity department in RIMS demand quarantine
RIMS में प्रसूति विभाग के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी ने की क्वॉरेंटाइन होनी की मांग
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Published : Apr 26, 2020, 10:50 AM IST

रांची: बुधवार को रिम्स में एक कोरोना कि पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद रिम्स के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग में तैनात लगभग सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी खुद को क्वॉरेंटाइन में जाने की बात कह रहे हैं. बुधवार को ड्यूटी में लगे सभी स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों ने शनिवार को इसे लेकर रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने खुद को क्वॉरेंटाइन करने की बात कही.

जानकारी देते रिम्स निदेशक
इसे लेकर रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि अगर ज्यादा संख्या में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी क्वॉरेंटाइन में चले जाते हैं तो फिर रिम्स के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग को पूरी तरह से बंद करना पड़ेगा. रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने बुधवार को तैनात सभी स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा है कि अगले 5 दिनों तक सतर्कता बरतते हुए मरीज की सेवा करें, वहीं जो डॉक्टर कोरोना संक्रमित महिला के सीधे संपर्क में आए हैं, फिलहाल वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी को क्वॉरेंटाइन की अनुमति दी जा सकती है.निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि जो डॉक्टर मरीज के सीधे संपर्क में नहीं आए हैं, वह अगले 5 दिनों तक अपनी स्थिति को देखते हुए जांच करवाएं और अगर किसी स्वास्थ्य कर्मी में लक्षण पाए जाते हैं तो वह क्वॉरेंटाइन में जा सकते हैं. अब ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी प्रबंधन से अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए क्वॉरेंटाइन में जाने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्रबंधन अपनी मजबूरी दिखाते हुए डॉक्टरों को क्वॉरेंटाइन करने में असमर्थता दिखा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- रांची के हिदपीढ़ी में पुलिस की सख्ती जारी, 38 सीसीटीवी से रखी जा रही निगरानी

अब यह सवाल उठने लगा है कि संक्रमित महिला का डिलीवरी करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को जल्द से जल्द क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाता है और उनसे अगर किसी कारणवश काम कराया जाता है तो और भी लोगों के संक्रमित होने का खतरा है. फिलहाल रिम्स के प्रसूति विभाग को बंद कर ओल्ड ट्रामा सेंटर में वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का इंतजाम कराया गया है. जानकारी के अनुसार यह भी बताया गया है कि अगर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी काम पर नहीं आते हैं तो गायनी विभाग को फिलहाल बंद कर दिया जाएगा और रिम्स में आने वाले गर्भवती महिला को इलाज या डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल भेजा जा सकता है.

आपको बता दें कि 18 अप्रैल को सदर अस्पताल के प्रसूति विभाग में भी कोरोना संक्रमित महिला ने बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से विभाग को बंद कर दिया गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार अस्पताल में फिर से सभी सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल की गई है.

रांची: बुधवार को रिम्स में एक कोरोना कि पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद रिम्स के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग में तैनात लगभग सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी खुद को क्वॉरेंटाइन में जाने की बात कह रहे हैं. बुधवार को ड्यूटी में लगे सभी स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों ने शनिवार को इसे लेकर रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने खुद को क्वॉरेंटाइन करने की बात कही.

जानकारी देते रिम्स निदेशक
इसे लेकर रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह ने बताया कि अगर ज्यादा संख्या में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी क्वॉरेंटाइन में चले जाते हैं तो फिर रिम्स के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग को पूरी तरह से बंद करना पड़ेगा. रिम्स निदेशक डॉ डीके सिंह ने बुधवार को तैनात सभी स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा है कि अगले 5 दिनों तक सतर्कता बरतते हुए मरीज की सेवा करें, वहीं जो डॉक्टर कोरोना संक्रमित महिला के सीधे संपर्क में आए हैं, फिलहाल वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी को क्वॉरेंटाइन की अनुमति दी जा सकती है.निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि जो डॉक्टर मरीज के सीधे संपर्क में नहीं आए हैं, वह अगले 5 दिनों तक अपनी स्थिति को देखते हुए जांच करवाएं और अगर किसी स्वास्थ्य कर्मी में लक्षण पाए जाते हैं तो वह क्वॉरेंटाइन में जा सकते हैं. अब ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी प्रबंधन से अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए क्वॉरेंटाइन में जाने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्रबंधन अपनी मजबूरी दिखाते हुए डॉक्टरों को क्वॉरेंटाइन करने में असमर्थता दिखा रहे हैं.

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अब यह सवाल उठने लगा है कि संक्रमित महिला का डिलीवरी करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को जल्द से जल्द क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाता है और उनसे अगर किसी कारणवश काम कराया जाता है तो और भी लोगों के संक्रमित होने का खतरा है. फिलहाल रिम्स के प्रसूति विभाग को बंद कर ओल्ड ट्रामा सेंटर में वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का इंतजाम कराया गया है. जानकारी के अनुसार यह भी बताया गया है कि अगर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी काम पर नहीं आते हैं तो गायनी विभाग को फिलहाल बंद कर दिया जाएगा और रिम्स में आने वाले गर्भवती महिला को इलाज या डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल भेजा जा सकता है.

आपको बता दें कि 18 अप्रैल को सदर अस्पताल के प्रसूति विभाग में भी कोरोना संक्रमित महिला ने बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से विभाग को बंद कर दिया गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार अस्पताल में फिर से सभी सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल की गई है.

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