रांची: कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से बचाव और नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन (Lockdown) की प्रक्रिया जारी रखी गई है. झारखंड में शनिवार की रात 8:00 बजे से सोमवार की सुबह तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जाता है. इसके साथ ही नई गाइडलाइन के अनुसार हर दिन रात्रि 8:00 बजे से सुबह 6ः00 बजे तक बेवजह घरों से निकलने पर पाबंदी लगाई गई है.
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झारखंड सरकार की साप्ताहिक लॉकडाउन के फैसले को लेकर राजधानी के चिकित्सकों का कहना है कि साप्ताहिक लॉकडाउन से संक्रमण पर नियंत्रण हुआ है. इसे आगे भी जारी रखने की जरूरत है. जिससे संक्रमण पर काबू पाया सकता है.
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शब्दिका लाल कहती हैं कि आज की तारीख में लोग रात 8:00 बजे के बाद बिना मतलब के घरों से नहीं निकल रहे हैं, जिससे संक्रमण को नियंत्रण किया जा सका है. उन्होंने कहा कि जरूरत तो हर दिन लॉकडाउन की है. लेकिन राज्य की आर्थिक व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए एक दिन का संपूर्ण लॉकडाउन भी लगाना अच्छा है.
लॉकडाउन बेहद जरूरी
शिशु चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि साप्ताहिक लॉकडाउन होने से लोगों में कोरोना का डर बना हुआ है. लॉकडाउन से लोगों को लगता है कि कोरोना का प्रकोप बरकरार है और कभी-भी घातक हो सकता है. इसीलिए झारखंड में साप्ताहिक लॉकडाउन बेहद जरूरी है.
लॉकडाउन जारी रखने की जरूरत
जगन्नाथ अस्पताल के डॉ. पीके मिश्रा और रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. निशित एक्का ने बताया कि साप्ताहिक लॉकडाउन झारखंड में अभी जारी रखने की जरूरत है, तभी राज्य संक्रमण से मुक्त हो पाएगा. उन्होंने कहा कि संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए साप्ताहिक लॉकडाउन काफी कारगर साबित होगा.
नियम का पालन करें लोग
रिम्स के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ. देवेश और रिम्स टीकाकरण केंद्र के इंचार्ज डॉ. मिथिलेश ने बताया कि लोगों की जरूरतों को देखते हुए सरकार खुद पाबंदियों में ढील दे रही है. इस स्थिति में लोगों को साप्ताहिक लॉकडाउन के नियमों को पालन करना चाहिए.