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कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर मरीज के परिजनों ने लगाया आरोप, कहा अंतिम समय में निजी अस्पताल किया रेफर

हजारीबाग के एक व्यक्ति अपने हार्ट का इलाज कराने रिम्स के कॉर्डियोलॉजी विभाग आए थे, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के कारण मरीज की हालत गंभीर बताई जा रही है. मरीज के रिश्तेदार का कहना है कि डॉक्टरों ने उनके मरीज के एनजीयो प्लास्टिक करने में गड़बड़ी कर दी है, जिससे मरीज की किडनी खराब हो गई है.

कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर मरीज के परिजनों ने लगाया आरोप
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Published : Nov 23, 2019, 11:25 AM IST

रांची: रिम्स के सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है. हजारीबाग के एक व्यक्ति अपने हार्ट का इलाज कराने रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग आए थे, जहां अब उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. मरीज के रिश्तेदार का कहना है कि डॉक्टरों ने उनके मरीज के एनजीयो प्लास्टिक करने में गड़बड़ी कर दी है. इसी कारण उसके मरीज की किडनी खराब हो गई है.

देखें पूरी खबर

डॉक्टर साहब मरीज को नहीं आए देखने
किडनी खराब होने की वजह से मरीज की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. बाबजूद इसके डॉक्टर्स उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दे रहे हैं. शुक्रवार शाम जब मरीज की स्थिति ज्यादा खराब होने लगी तो मरीज के परिजनों ने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन लगाया, लेकिन डॉक्टर साहब मरीज को देखने नहीं आए. इस वजह से मजबूरन मरीज थानेश्वर प्रसाद को राज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे फिलहाल आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है.

ये भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव को लेकर छह राज्यों की पुलिस की बैठक, नक्सलियों के खात्मे के लिए अभियान चलाने पर जोर

एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई
मरीज के परिजन अजय कुमार ने बताया कि 15 नवंबर को वह अपने मरीज को भर्ती किये थे और उस समय डॉक्टरों ने नस में ब्लॉकेज बताकर सही होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 19 तारीख से मरीज के एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई और मरीज को उल्टी होने लगी, साथ ही ब्लड प्रेशर भी काफी कम होने लगा. मरीज का क्रिएटिनिन भी काफी बढ़ गया है. ऐसे में मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ गई. परिजनों का कहना है कि 6 दिनों तक डॉक्टर ने बीपी लॉ कह कर इलाज नहीं करने की बात कही और अब आखरी समय में मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की बात कर रहे हैं.

डायलिसिस जरूरी है करना
वही, मरीज के आरोप के बाद कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ प्रवीण श्रीवास्तव ने ईटीवी से फोन पर बात करते हुए कहा कि मरीज का किडनी फेल हो गया है, जो हार्ट अटैक के केस में होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में उसका डायलिसिस करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मरीज को 3 दिन से डायलिसिस कराने के लिए बोला जा रहा था, लेकिन मरीज के परिजन दवा पर ठीक करने के लिए बोल रहे थे. इस वजह से स्थिति दयनीय हो गई. परिजन अभी भी रिम्स में ही डायलिसिस करने की बात कह रहे हैं, जो रिम्स में फिलहाल संभव नहीं हो पाया.

रांची: रिम्स के सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है. हजारीबाग के एक व्यक्ति अपने हार्ट का इलाज कराने रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग आए थे, जहां अब उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. मरीज के रिश्तेदार का कहना है कि डॉक्टरों ने उनके मरीज के एनजीयो प्लास्टिक करने में गड़बड़ी कर दी है. इसी कारण उसके मरीज की किडनी खराब हो गई है.

देखें पूरी खबर

डॉक्टर साहब मरीज को नहीं आए देखने
किडनी खराब होने की वजह से मरीज की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. बाबजूद इसके डॉक्टर्स उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दे रहे हैं. शुक्रवार शाम जब मरीज की स्थिति ज्यादा खराब होने लगी तो मरीज के परिजनों ने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन लगाया, लेकिन डॉक्टर साहब मरीज को देखने नहीं आए. इस वजह से मजबूरन मरीज थानेश्वर प्रसाद को राज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे फिलहाल आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है.

ये भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव को लेकर छह राज्यों की पुलिस की बैठक, नक्सलियों के खात्मे के लिए अभियान चलाने पर जोर

एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई
मरीज के परिजन अजय कुमार ने बताया कि 15 नवंबर को वह अपने मरीज को भर्ती किये थे और उस समय डॉक्टरों ने नस में ब्लॉकेज बताकर सही होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 19 तारीख से मरीज के एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई और मरीज को उल्टी होने लगी, साथ ही ब्लड प्रेशर भी काफी कम होने लगा. मरीज का क्रिएटिनिन भी काफी बढ़ गया है. ऐसे में मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ गई. परिजनों का कहना है कि 6 दिनों तक डॉक्टर ने बीपी लॉ कह कर इलाज नहीं करने की बात कही और अब आखरी समय में मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की बात कर रहे हैं.

डायलिसिस जरूरी है करना
वही, मरीज के आरोप के बाद कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ प्रवीण श्रीवास्तव ने ईटीवी से फोन पर बात करते हुए कहा कि मरीज का किडनी फेल हो गया है, जो हार्ट अटैक के केस में होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में उसका डायलिसिस करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मरीज को 3 दिन से डायलिसिस कराने के लिए बोला जा रहा था, लेकिन मरीज के परिजन दवा पर ठीक करने के लिए बोल रहे थे. इस वजह से स्थिति दयनीय हो गई. परिजन अभी भी रिम्स में ही डायलिसिस करने की बात कह रहे हैं, जो रिम्स में फिलहाल संभव नहीं हो पाया.

Intro:रिम्स के सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है।

दरअसल हजारीबाग के थानेसर प्रसाद अपने हार्ड का इलाज कराने रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग आए थे, जहां अब उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

मरीज के रिश्तेदार अजय कुमार ने डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों ने उनके मरीज के एनजीयो प्लास्टिक करने में गड़बड़ी कर दी है जिसके कारण मरीज की किडनी खराब हो गई है।



Body:किडनी खराब होने की वजह से मरीज की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ते जा रही है और ऐसे में शुक्रवार देर शाम डॉक्टर्स उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह देते हैं।

शुक्रवार शाम जब मरीज की स्थिति खराब होने लगी तो मरीज ने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन लगाया लेकिन डॉक्टर साहब मरीज को देखने नहीं पहुंचे जिस कारण मजबूरन मरीज थानेश्वर प्रसाद को राज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसे फिलहाल आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है।

मरीज के परिजन अजय कुमार ने बताया कि 15 नवंबर को वह अपने मरीज को भर्ती किये थे और उस समय डॉक्टरों ने नस में ब्लॉकेज बताकर सही होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 19 तारीख से मरीज के ऐंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ते चले गई और मरीज को उल्टी होने लगी साथ ही ब्लड प्रेशर भी काफी कम होने लगा एवं पेशाब होना भी रुक गया।मरीज का क्रिएटनीन भी काफी बढ़ गया है।ऐसे में मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ गई अब परिजनों का कहना है कि 6 दिनों तक डॉक्टर ने बीपी लो कह कर इलाज नहीं करने की बात कही और अब आखरी समय में मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की बात कर रहे हैं ।


Conclusion:वही मरीज की आरोप के बाद कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के डॉ प्रवीण श्रीवास्तव ने ईटीवी से फोन पर बात करते हुए कहा कि मरीज का किडनी फेल हो गया है, जो हार्ट अटैक की केस में होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में उसका डायलिसिस करना जरूरी है। मरीज को 3 दिन से डायलिसिस कराने के लिए बोला जा रहा था लेकिन मरीज के परिजन दवा पर ठीक करने के लिए बोल रहे थे इसीलिये अभी स्थिति दयनीय हो गई है तो वह अभी भी रिम्स में ही इलाज कर डायलिसिस करने की बात कह रहे हैं, जो रिम्स में फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा था।

बाइट-अजॉय कुमार ,मरीज़,परिजन।
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