रांची: रिम्स के सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है. हजारीबाग के एक व्यक्ति अपने हार्ट का इलाज कराने रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग आए थे, जहां अब उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. मरीज के रिश्तेदार का कहना है कि डॉक्टरों ने उनके मरीज के एनजीयो प्लास्टिक करने में गड़बड़ी कर दी है. इसी कारण उसके मरीज की किडनी खराब हो गई है.
डॉक्टर साहब मरीज को नहीं आए देखने
किडनी खराब होने की वजह से मरीज की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. बाबजूद इसके डॉक्टर्स उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दे रहे हैं. शुक्रवार शाम जब मरीज की स्थिति ज्यादा खराब होने लगी तो मरीज के परिजनों ने कई बार डॉक्टर को बुलाने के लिए फोन लगाया, लेकिन डॉक्टर साहब मरीज को देखने नहीं आए. इस वजह से मजबूरन मरीज थानेश्वर प्रसाद को राज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे फिलहाल आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है.
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एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई
मरीज के परिजन अजय कुमार ने बताया कि 15 नवंबर को वह अपने मरीज को भर्ती किये थे और उस समय डॉक्टरों ने नस में ब्लॉकेज बताकर सही होने का आश्वासन दिया था, लेकिन 19 तारीख से मरीज के एंजियोप्लास्टी होने के बाद स्थिति बिगड़ती चली गई और मरीज को उल्टी होने लगी, साथ ही ब्लड प्रेशर भी काफी कम होने लगा. मरीज का क्रिएटिनिन भी काफी बढ़ गया है. ऐसे में मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ गई. परिजनों का कहना है कि 6 दिनों तक डॉक्टर ने बीपी लॉ कह कर इलाज नहीं करने की बात कही और अब आखरी समय में मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की बात कर रहे हैं.
डायलिसिस जरूरी है करना
वही, मरीज के आरोप के बाद कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ प्रवीण श्रीवास्तव ने ईटीवी से फोन पर बात करते हुए कहा कि मरीज का किडनी फेल हो गया है, जो हार्ट अटैक के केस में होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में उसका डायलिसिस करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मरीज को 3 दिन से डायलिसिस कराने के लिए बोला जा रहा था, लेकिन मरीज के परिजन दवा पर ठीक करने के लिए बोल रहे थे. इस वजह से स्थिति दयनीय हो गई. परिजन अभी भी रिम्स में ही डायलिसिस करने की बात कह रहे हैं, जो रिम्स में फिलहाल संभव नहीं हो पाया.