रांची: जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा एक पहेली बनकर रह गई है. परीक्षा से पहले और परीक्षा के बाद विवादों में घिरने की वजह से यहां के छात्र प्रभावित होते रहे हैं. इन विवादों के पीछे सबसे प्रमुख कारण झारखंड गठन के बाद से अब तक जेपीएससी नियुक्ति नियमावली का नहीं बनना है. यही वजह है कि जो भी सिविल सेवा परीक्षाएं आयोजित की गई हैं वह सभी की सभी विवादों में रही और न्यायालय तक मामला पहुंचता रहा.
ये भी पढ़ें- जेपीएससी छात्रों ने चलाया ट्विटर पर कैंपेन, 11वीं जेपीएससी का विज्ञापन निकालने की सरकार से की मांग
एक बार फिर जेपीएससी नियमावली को लेकर उठे विवाद की वजह से 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन नहीं निकल पा रहा है. छठी से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा आयोजित हुए करीब डेढ़ साल हो चुके हैं और छात्र इस इंतजार में है कि अब 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन आएगा. इस आस में विद्यार्थी रात दिन मेहनत करने में जुटे हैं, मगर नियमावली को लेकर फंसा पेंच अब तक नहीं सुलझा है.
इधर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का मानना है कि सरकार के द्वारा नियमावली नहीं बनाए जाने की वजह से विद्यार्थी को दो तरफा क्षति उठानी पड़ रही है. एक तरफ उम्र सीमा समाप्त होती जा रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी नौकरी का अवसर उन्हें नहीं मिल रहा है. तैयारी कर रहे छात्र अभिषेक कुमार कहते हैं कि राज्य गठन के बाद से अब तक सरकार नियमावली नहीं बन पाई है. जिसका खामियाजा यहां के छात्र उठा रहे हैं जबकि झारखंड के साथ बना देश का दो अन्य राज्य में सिविल सेवा परीक्षा नियमित रूप से आयोजित होती रही है. एक अन्य छात्र शेखर कहते हैं कि सरकार द्वारा बार-बार नियम बनाए जाने की वजह से एक तरफ आयोग परेशान है वहीं दूसरी ओर छात्रों को खामियाजा उठाना पड़ता है और मामला अदालत तक पहुंच जाती है.
जल्द आयेगा जेपीएससी का विज्ञापन: झारखंड लोक सेवा आयोग के नियमावली को लेकर सरकार के अंदर कबायद जारी है. सरकार ने नियमावली को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी बना रखी है जिसकी रिपोर्ट जल्द ही मिलने की संभावना है. दरअसल, नियमावली में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण और पदोन्नति को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इस मामले में छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के बाद हाईकोर्ट में मामला भी दर्ज किया गया है जिसकी सुनवाई जारी है.
गौरतलब है कि जेपीएससी को लेकर अब तक समय-समय पर सरकार के द्वारा तीन कमेटी रिपोर्ट सौंप चुकी है इसके बावजूद भी समुचित दिशानिर्देश तय नहीं हो पायें हैं. कार्मिक विभाग के द्वारा जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर नियमावली तैयार की जा रही है और जल्द ही इस पर मुहर लगने की संभावना है. इधर हेमंत सरकार के कैबिनेट मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने जेपीएससी छात्रों से निराश नहीं होने की अपील करते हुए कहा है कि जल्द ही सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन प्रकाशित होगा और सरकार इस दिशा में काम कर रही है. नियमावली को लेकर जो भी पेंच है उसे दूर किया जा रहा है.
बहरहाल छात्र इस उम्मीद के साथ तैयारी में जुटे हैं कि सरकार के द्वारा ऐसी नियमावली बनाई जाएगी जो परीक्षा से पहले और परीक्षा के बाद विवादों में ना आए और राज्य के मेधावी छात्रों को प्रशासनिक सेवा में आने का ससमय अवसर मिलता रहे.